हिमाचल में तीन वर्ष में बढ़ी बादल फटने व बाढ़ की घटनाएं, इस 40 बार आई आपदा, आखिर कैसे टाला जा सकता है नुकसान
Himachal Pradesh Cloudburst हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से जानमाल और फसलों को भारी नुकसान हुआ है। बादल फटने भूस्खलन और बाढ़ से लोग बेघर हो रहे हैं जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। इस साल 40 बार बादल फटे हैं जिससे 2350 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और 152 लोगों की जान गई है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh Cloudburst, हिमाचल प्रदेश में हर वर्ष होने वाली भारी बरसात से जानमाल के साथ फसलों को काफी नुकसान हुआ है। बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ के कारण लोग अपने घर, संपत्ति और जमीन खो रहे हैं। इससे कभी न भरने वाले जख्म मिल रहे हैं।
इन आपदाओं के कारण लोगों को संभलने का अवसर नहीं मिल रहा है, जिससे प्रदेश की आर्थिकी भी प्रभावित हो रही है। विकास के लिए आवंटित राशि आपदा राहत में खर्च हो रही है।
तीन वर्षों में बरसात के कारण व्यापक नुकसान हुआ है। इस वर्ष प्रदेश में अब तक 40 बार बादल फट चुके हैं, जबकि 2013 में यह संख्या 27 और 2024 में 12 थी। 20 जून से अब तक बरसात से लगभग 2350 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस दौरान 152 लोगों की जानें गई हैं, और 675 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
लंबी बरसात से फसलों को भी नुकसान
इस वर्ष की बरसात लंबी चल रही है, जिस कारण खेतों में पानी भरने से मक्की और सब्जियों सहित अन्य फसलें बर्बाद हो रही हैं। सेब की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है, जिसके दाम कम हो गए हैं। अधिक नमी के कारण सेब का रंग काला पड़ने लगा है, जिससे अगले वर्ष के उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है।
वैज्ञानिक आधार पर कार्य कर टाला जा सकता है नुकसान
आपदा प्रबंधन के विशेष सचिव डीसी राणा ने बताया कि नुकसान के कारणों को दूर करने के लिए वैज्ञानिक आधार पर कार्य किए जा रहे हैं। सेवानिवृत्त बागवानी विशेषज्ञ डा. एसपी भारद्वाज ने भी कृषि और बागबानी में भारी नुकसान की पुष्टि की है।
किस विभाग को कितना नुकसान
- विभाग नुकसान (करोड़ रुपये)
- लोक निर्माण 1310
- जल शक्ति 770
- बिजली 140
- कृषि 12
- बागबानी 27
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