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    Himachal Assembly: कर्मचारियों के लंबित DA पर हंगामा, सुक्खू बोले- केंद्र के कारण वित्तीय स्थिति ठीक नहीं, विपक्ष का वॉकआउट

    Updated: Thu, 21 Aug 2025 12:25 PM (IST)

    Himachal Pradesh Vidhan Sabha हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कर्मचारियों के लंबित महंगाई भत्ते (डीए) को लेकर तीखी बहस हुई। मुख्यमंत्री ने वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण डीए जारी करने में देरी की बात कही जबकि विपक्ष ने सरकार पर वादों से मुकरने का आरोप लगाया। जयराम ठाकुर और सतपाल सत्ती ने सरकार को घेरा। हंगामे के बाद विपक्ष ने सदन से वाकआउट किया।

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    हिमाचल प्रदेश विधानसभा में वीरवार को संबोधित करते सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू।

    राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh Vidhan Sabha, हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कर्मचारियों और अधिकारियों के लंबित महंगाई भत्ते (डीए) को लेकर तीखी बहस और हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण डीए जारी करने में विलंब हो रहा है, लेकिन वित्तीय हालात सुधरते ही लंबित डीए जरूर दिया जाएगा।

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    वहीं विपक्ष ने बजट सत्र में मई माह में डीए जारी करने की मुख्यमंत्री की घोषणा पर सवाल उठाए और सरकार को कर्मचारियों के साथ किए वादों से मुकरने का दोषी ठहराया। नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती और विधायक विक्रम ठाकुर ने सरकार पर लगातार निशाना साधा। विपक्ष के नारेबाजी और हंगामे के कारण सदन का माहौल तनावपूर्ण हो गया और विपक्षी सदस्यों ने वॉकआउट कर दिया।

    सतपाल सत्ती ने प्रश्नकाल में उठाया मामला

    भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने प्रश्नकाल में मूल सवाल पूछा कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए जुलाई 2023 से जनवरी 2024 तक तीन किश्तों में कुल 11 फीसद महंगाई भत्ता लंबित है। उन्होंने सरकार से यह जानना चाहा कि लंबित डीए कब तक जारी किया जाएगा।

    सीएम बोले- OPS के कारण केंद्र की अनुदान राशि हुई कम

    इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि डीए देना सरकार का दायित्व है, लेकिन वर्तमान में प्रदेश की माली हालत ऐसी नहीं कि इसे तत्काल प्रभाव से दिया जा सके। उन्होंने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होने के कारण केंद्र सरकार से मिलने वाली अनुदान राशि कम हो गई है, जिससे वित्तीय संकट गहरा गया है। पूर्व सरकार के समय 10 हजार करोड़ रुपए तक मिलने वाली रैवन्यू डैफिसिट ग्रांट घटकर अब 3200 करोड़ रह गई है। इस कारण डीए जारी करने में देरी हो रही है, लेकिन जल्द ही डीए की किश्तें दी जाएंगी।

    सीएम की सूचना गुमराह करने वाली : बिक्रम ठाकुर

    भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर ने मुख्यमंत्री के इस साल के बजट भाषण में मई माह में डीए जारी करने के वादे को लेकर सवाल किया और सदन में मुख्यमंत्री द्वारा दी गई सूचना को गुमराह करने वाला बताया।

    जयराम बोले, कर्मचारियों के कारण सत्ता में आई कांग्रेस, मांगें पूरी करे

    जयराम ठाकुर ने भी कहा कि कर्मचारियों की नाराजगी के कारण ही कांग्रेस सत्ता में आई है, इसलिए सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह कर्मचारियों की मांगें पूरी करे। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार अपने कर्मचारियों के प्रति वफादार है और कब तक लंबित डीए जारी किया जाएगा।

    सुक्खू बोले, पूर्व सरकार का लंबित डीए दिया

    मुख्यमंत्री सुक्खू ने जवाब में कहा कि कर्मचारियों के समर्थन से ही वे सत्ता में आए हैं और पूर्व सरकार के लंबित डीए की किश्तें उनकी सरकार ने जारी की हैं। उन्होंने बताया कि ओपीएस लागू करने से केंद्र से मिलने वाले 4800 करोड़ रुपये की ग्रांट नहीं मिल पाई है, जिससे वित्तीय स्थिति प्रभावित हुई है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि डीए का भुगतान चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है और जल्द ही पूरा किया जाएगा।

    सीएम के बयान के बाद बिफरा विपक्ष

    मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। स्पीकर के कई बार अनुरोध के बावजूद विपक्ष ने हंगामा बंद नहीं किया और सदन से वॉकआउट कर दिया। स्पीकर ने कहा कि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वित्तीय स्थिति बेहतर होने पर डीए जारी कर दिया जाएगा, लेकिन विपक्ष की नारेबाजी जारी रही और विपक्षी सदस्य सदन से वाकआउट कर कए। हालांकि इसके बाद भी प्रश्नकाल जारी रहा और सदन की कार्यवाही को पुनः सुचारू किया गया।

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