Himachal News: स्थानीय दूध उत्पादकों को मिलेगा बल्क मिल्क कूलर का काम, CM सुक्खू ने किया ऐलान; सरकार देगी कमीशन
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि स्थानीय दूध उत्पादकों को बल्क मिल्क कूलर चलाने का कार्य सौंपा जाएगा जिससे दूध की गुणवत्ता बनी रहेगी। सरकार इसके लिए उन्हें कमीशन देगी। यह घोषणा विधायक लोकेंद्र कुमार के प्रश्न के जवाब में की गई। कृषि मंत्री ने बताया कि दुग्ध चिलिंग प्लांट में वोल्टेज की कमी के कारण नुकसान हुआ था।

राज्य ब्यूरो, शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के स्थानीय दूध उत्पादकों को बल्क मिल्क कूलर चलाने का कार्य सौंपा जाएगा। यह कदम दूध की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए उठाया गया है, जिसके लिए सरकार उन्हें कमीशन प्रदान करेगी। विधानसभा में विधायक लोकेंद्र कुमार द्वारा उठाए गए मुद्दे के जवाब में सुक्खू ने यह जानकारी दी।
विधायक ने दुग्ध चिलिंग प्लांट में तकनीकी खराबी के कारण हजारों लीटर दूध बर्बाद होने का मामला उठाया था। कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने बताया कि मिल्क कूलर में तकनीकी खराबी नहीं थी, बल्कि बिजली बोर्ड की सिंगल लाइन के कारण वोल्टेज की कमी थी। इस घटना से 221 उत्पादकों को 77 हजार रुपए का नुकसान हुआ है। सभी प्लांट प्रमुखों को उचित रखरखाव के निर्देश दिए गए हैं ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं न हों।
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए 3 हजार करोड़ की टेक्नोलॉजी आधारित परियोजना तैयार की गई है, जिससे अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भाजपा विधायक डॉ. जानकराज के प्रश्न के उत्तर में बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के तहत आइसीएमआर स्टेमी एक्ट प्रोजेक्ट 1 जनवरी 2020 से प्रारंभ हुआ था।
इस परियोजना के तहत हृदयाघात के लिए आवश्यक टेनेक्टेप्लेस इंजेक्शन की खरीद के लिए 71 लाख रुपये प्राप्त हुए थे। हालांकि, इंजेक्शन की एक्सपायरी डेट के कारण अधिक मात्रा में खरीद नहीं की गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह प्रोजेक्ट मई 2025 में समाप्त होगा और आइसीएमआर ने अप्रयुक्त राशि ब्याज सहित वापस मांगी है। डा. जानकराज ने प्रदेश में हृदयाघात से होने वाली मौतों का मुद्दा उठाया।
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