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    Himachal Weather: एक बार फिर मानसून पकड़ेगा गति, IMD ने जताई ये संभावना; तीन दिन के लिए अलर्ट जारी

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 05:35 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में मानसून की गति धीमी होने के बावजूद मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी दी है। पिछले 24 घंटों में कई क्षेत्रों में भारी वर्षा हुई और 12 से 14 सितंबर तक येलो अलर्ट जारी किया गया है। बारिश के कारण प्रदेश में 380 लोगों की मौत हो चुकी है और करोड़ों का नुकसान हुआ है। सड़कें और बिजली आपूर्ति बाधित है

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    हिमाचल में एक बार फिर से मानसून गति पकड़ेगा

    राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रदेश में पिछले दो-तीन दिनों के दौरान मानसून की गति थोड़ी धीमी होने से लोगों ने राहत की सांस ली है। लेकिन मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अब वर्षा फिर से जोर पकड़ेगी। बुधवार को राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में बादल छाए रहे, हालांकि अधिकतर जगह वर्षा नहीं हुई।

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    राजधानी शिमला में भी बादलों का डेरा रहा और कुछ स्थानों पर धूप भी निकली। बीते 24 घंटों में कुछ क्षेत्रों में जमकर वर्षा हुई। बिलासपुर जिले के ब्राह्राणी में सर्वाधिक 82 मिमी, मंडी के जोगेंद्रनगर में 80, गग्गल में 75, धर्मशाला में 70, धौलाकुआं में 65, श्री नयनादेवी जी में 64, पालमपुर में 60, बजौरा में 60, मंडी में 42 और पंडोह में 40 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

    11 सितंबर को राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई है, लेकिन इसके बाद मानसून फिर सक्रिय होगा और कई जिलों में भारी वर्षा होने की चेतावनी दी गई है। अब तक 380 लोगों की मौत हो चुकी है और 40 लोग लापता हैं, जबकि 439 लोग घायल हुए हैं। प्रारंभिक आकलन के अनुसार प्रदेश को अब तक 4306 करोड़ रुपये का सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हुआ है।

    मौसम विभाग ने 12 से 14 सितंबर तक राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में गरज के साथ भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। जिलावार पूर्वानुमान के अनुसार 12 सितंबर को ऊना, बिलासपुर और कांगड़ा जिलों में कुछ स्थानों पर बिजली गिरने और गरज के साथ वर्षा का येलो अलर्ट है।

    13 सितंबर को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर में भारी वर्षा और बिजली गिरने का येलो अलर्ट रहेगा। 14 सितंबर को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा और मंडी जिलों में येलो अलर्ट जारी रहेगा।

    15 और 16 सितंबर को हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है, लेकिन किसी प्रकार का अलर्ट नहीं है। वर्षा में कमी आने के कारण भूस्खलन से अवरुद्ध सड़कों, ठप बिजली ट्रांसफार्मरों और पेयजल योजनाओं को बहाल करने का काम तेजी से किया जा रहा है, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में सड़कें और ट्रांसफार्मर बंद हैं।

    राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार बुधवार शाम तक पूरे प्रदेश में 4 नेशनल हाइवे और 582 सड़कें यातायात के लिए बंद रहीं। कुल्लू जिले में एनएच-03, एनएच-305 और 214 सड़कें बंद हैं, मंडी में 150, शिमला में 58, कांगड़ा में 42, चंबा में 30 और ऊना जिले में एनएच-503ए व 19 सड़कें अवरुद्ध हैं।

    किन्नौर में एनएच-05 भी बंद है। अब तक 571 बिजली ट्रांसफार्मर और 378 पेयजल योजनाएं ठप हैं। कुल्लू जिले में 439 ट्रांसफार्मर, लाहुल-स्पीति में 51 और शिमला में 46 ट्रांसफार्मर बंद हैं। मंडी जिले में अधिकांश ट्रांसफार्मरों को बहाल कर दिया गया है और अब केवल 8 ट्रांसफार्मर बंद हैं। पेयजल योजनाओं में कांगड़ा में 176, शिमला में 108 और मंडी में 52 योजनाएं प्रभावित हैं।

    मकान व दुकानों को हुए नुकसान का आंकड़ा

    मकानों और दुकानों को हुए नुकसान का आंकड़ा भी चिंताजनक है। अब तक 1265 मकान पूरी तरह ढह चुके हैं और 5469 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा 478 दुकानें और 5612 गौशालाएं भी जमींदोज हो चुकी हैं। 1999 पशुओं और 26000 से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत हुई है। अब तक राज्य में 137 भूस्खलन, 97 बाढ़ और 45 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं।