हिमाचल में 592 स्कूल लेक्चरर को डिमोट करने का विरोध तेज, हाई कोर्ट में क्या जवाब दायर करेगा शिक्षा विभाग?
हिमाचल प्रदेश में 592 स्कूल लेक्चरर को डिमोट करने के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। शिक्षा विभाग अब हाई कोर्ट में जवाब दाखिल करने की तैयारी कर रहा है। सरकार का कहना है कि डिमोशन योग्यताएं पूरी न करने के कारण किए गए हैं, जबकि लेक्चरर इसे गलत बता रहे हैं। अब देखना है कि हाई कोर्ट का फैसला क्या होता है।

हिमाचल प्रदेश में 592 स्कूल प्रवक्ता को डिमोट करने के नोटिस का विरोध हो रहा है। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में 592 स्कूल प्रवक्ताओं को डिमोट करने को लेकर विरोध तेज हो गया है। इस मामले को लेकर कल मंगलवार को प्रदेश उच्च न्यायालय में दोबारा सुनवाई होने जा रही है। हिमाचल प्रदेश विद्यालय प्रवक्ता संघ विभाग के कारण बताओ नोटिस जारी करने के खिलाफ भड़क गया है।
संघ का कहना है कि यह फैसला अव्यवहारिक है। संघ के राज्य अध्यक्ष अजय नेगी ने शिक्षा निदेशालय की ओर से हाल ही में 2019 से लेकर 2025 के मध्य 592 पदोन्नत प्रवक्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी करने की कड़ी निंदा की है। संघ ने कहा कि यह निर्णय पूर्णतया अनुचित, निराधार और शिक्षकों का मनोबल गिराने वाला है।
संघ के पदाधिकारियों ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
संघ के राज्य चेयरमैन सुरेंद्र पुंडीर, मुख्य संरक्षक लोकेंद्र नेगी, महासचिव इंद्र सिंह ठाकुर, मुख्य मार्गदर्शक राजेश सैनी, कार्यकारी अध्यक्ष दीप सिंह खन्ना, संगठन सचिव रंगीला ठाकुर, वाइस चेयरमैन राकेश भारद्वाज, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओम प्रकाश, संजय शर्मा, शौकत अली, विकास रत्न, राजेंद्र मेहता, सूरज वाली, अजय ठाकुर, जगमोहन, राजेश शर्मा, मुख्य सलाहकार चंद्र देव ठाकुर, प्रेमपाल दुलता, विकेश जनारथा, वित्त सचिव सुरजीत सिसोदिया, प्रेस सचिव जय राम शर्मा, मीडिया सचिव राजन शर्मा, दलवीर हिमटा, मुख्य वेब सचिव भूपेश नेगी और विजय आर्य एक्शन कमेटी के चेयरमैन डॉक्टर उमेश दाउटू ने संयुक्त प्रेस बयान में कहा कि पदोन्नति प्रक्रिया विभाग की ओर से सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद की जाती है।
कोर्ट में जवाब दायर करेगा शिक्षा विभाग
हिमाचल के सरकारी स्कूलों में कार्यरत प्रवक्ताओं की वरिष्ठता में संशोधन मामले पर कल हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। उच्च शिक्षा विभाग अधिवक्ताओं के माध्यम से कोर्ट में अपना जवाब दायर करेगा। इसमें बताया जाएगा कि अदालत के आदेश के अनुपालन में विभाग ने 6 सितंबर 2025 को अंतरिम वरिष्ठता सूची और 23 सितंबर 2025 को अंतिम वरिष्ठता सूची जारी की। संशोधित सूची जारी की थी। इसके अनुसार 2700 टीजीटी शिक्षकों की वरिष्ठता में बदलाव हुआ है। 23 सितंबर के वरिष्ठता क्रम के आधार पर नए सिरे से प्रमोशन दावे आमंत्रित किए, जिनमें 749 शिक्षकों ने आवेदन किया।
592 प्रवक्ता वरिष्ठों से जूनियर
शिक्षा विभाग के अनुसार, अब 592 प्रवक्ता (स्कूल न्यू) ऐसे हैं, जो अपने विषय और श्रेणी में वरिष्ठों से जूनियर हैं और उन्हें प्रवक्ता (स्कूल न्यू) किया जाना आवश्यक है, ताकि वरिष्ठ शिक्षकों को पदोन्नति दी जा सके। इसके लिए शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया है। इस प्रक्रिया को जल्द ही पूरा कर दिया जाएगा ऐसा विभाग का दावा है।
डिमोट होने वाले कोर्ट जाने की तैयारी में
इस प्रक्रिया से जो शिक्षक डिमोट होंगे वह भी कोर्ट जाने की तैयारी में है। उनका कहना है कि इतने लंबे समय के बाद डिमोट करना उचित नहीं है। इस प्रक्रिया में गलती उनकी नहीं है। यह विभाग की अपनी खा है। विभाग यदि उनका पक्ष नहीं सुनता तो वे भी कोर्ट जाएंगे। विभाग इस मामले को सरकार के संज्ञान में भी लाएगा ताकी इसमें कुछ राहत का विकल्प तलाशा जा सकें।

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