Himachal Weather: भारी बारिश में बहे पुल व वाहन, आज फिर होगी झमाझम वर्षा; कई जिलों में शिक्षण संस्थान बंद
हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा ने तबाही मचाई जिससे कई जिलों में जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। चंबा के डलहौजी में बादल फटने से मार्ग बंद हो गया और गुनियाला में वाहन बह गए। कांगड़ा में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई जबकि पठानकोट में पुल बह गया। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भारी वर्षा की चेतावनी दी है जिससे पांच जिलों में शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।

जागरण टीम, शिमला। हिमाचल प्रदेश में रविवार को आफत की वर्षा ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। कई जिलों में भारी वर्षा के कारण नुकसान झेलना पड़ा। चंबा जिले के डलहौजी में रविवार को दो जगह बादल फटे। डलहौजी-तलाई मार्ग के साथ लगते खोड़ागोठ में सुबह लगभग 10 बजे बादल फटने से पहाड़ी से मलबा व पानी आ गया। इससे जंजघर तबाह हो गया और डलहौजी-तलाई मार्ग बंद हो गया।
नाले में आई बाढ़ गुनियाला व देवीदेहरा गांव तक पहुंच गई। इससे गुनियाला में चार से पांच वाहनों सहित कुछ दोपहिया वाहन व ट्रांसफार्मर बह गए। देवीदेहरा में एक पुलिया बही। पठानकोट-चंबा-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) जगह-जगह बंद हो गया।
डलहौजी के ही कट्टल गांव में भी बादल फटा। इससे कट्टल नाले में बाढ़ आने से चार से पांच परिवार फंस गए। जलस्तर कम होने पर लोगों को सुरक्षित निकाला। भारी वर्षा की चेतावनी को देख सोमवार को कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा, ऊना व कुल्लू जिले के कुल्लू, बंजार व मनाली उपमंडल और मंडी जिले के करसोग, पद्धर व बालीचौकी उपमंडल में शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।
शिंकुला, कुंजुम, बारालाचा दर्रा में हल्का हिमपात होने से तापमान में 13 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। कांगड़ा जिले के नूरपुर उपमंडल के सुखार के निकट गुनिया खड्ड में बहने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है। इंदौरा में तारा खड्ड का बहाव बदलने से मकानों में पानी घुस गया।
दोपहिया वाहन 500 मीटर तक बह गए। कंडवाल में विधायक रणवीर निक्का सहित अन्य लोगों के घरों में चार से पांच फीट पानी घुस गया। पठानकोट में चक्की दरिया के उफान से एक पुल बह गया है। नए पुल पर भी खतरे को देख देर शाम प्रशासन ने आवाजाही बंद कर दी।
इससे पठानकोट-जालंधर नेशनल हाईवे बंद हो गया है। शाहपुर विधानसभा की सुधेड़ पंचायत के गांव धार चचोट में भूस्खलन से पशुशाला ध्वस्त होने से 15 भेड़-बकरियां मर गईं।
धर्मशाला-चड़ी मार्ग पर एचआरटीसी) की कर्मशाला के पास बहुमंजिला इमारत ढह गई। गगल स्थित कांगड़ा एयरपोर्ट पर तीन में से एक ही विमान उतर सका। जिला बिलासपुर में कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर थापना में भारी-भरकम चट्टान चलते ट्रक पर गिर गई।
चालक सुरक्षित है जबकि ट्रक क्षतिग्रस्त हो गया। इसी फोरलेन पर मैहला व समलेटू के पास भूस्खलन के कारण आवाजाही बंद कर दी है। चंडीगढ़-मनाली हाईवे पर बनेर और छड़ोल में भूस्खलन हुआ है जिस कारण वाहन नहीं जा पा रहे हैं। बिलासपुर से पंजाब की ओर वाहनों की आवाजाही रविवार सायं पांच बजे के बाद देर रात तक बंद रही।
ऊना जिले के गगरेट के दियोली क्षेत्र में कई घरों में पानी घुस गया। क्लोह बैली थाना के पास काजवे पर पानी आने से मार्ग घंटों बाधित रहा। दुकानों में पानी घुस गया। नकड़ोह खड्ड पर बिल्लू दी तलाई में बने काजवे को पार करते कैलाश नगर पंचायत के दो युवक बाइक सहित बहाव में कुछ दूरी तक बह गए।
थोड़ी दूर जाकर दोनों सुरक्षित निकल आए। मंडी जिले के सराज क्षेत्र की बगड़ाथाच पंचायत में पहाड़ी दरकने से खुनाची व लोअर खुनाची गांवों के 20 लोगों के घरों को खतरा हो गया है। पांच परिवारों ने घर छोड़ दिए हैं।
दरार पूरी पहाड़ी पर फैली है। सराज की तांदी पंचायत के लाछ व गाता गांवों में भूस्खलन और पहाड़ी धंसने से घरों व पशुशालाओं में दरारें आने से लोगों को अन्य लोगों के घरों में शरण लेनी पड़ी। मनाली-कीतरपुर फोरलेन देर शाम सात बजे झलोगी के पास भूस्खलन से बंद हो गया है।
कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर सुंदरनगर स्थित टनल-पांच के बाहर पहाड़ी से चट्टानें, मलबा व पत्थर गिरे। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने देहवी से भवाना चौक तक यातायात वनवे कर दिया है। वर्षा के कारण मनाली-काजा मार्ग पर कई जगह हिमस्खलन हुआ।
मणिमहेश यात्रा फिर रोकी प्रशासन ने मणिमहेश यात्रा पर फिर रोक लगा दी है। भारी वर्षा के कारण हड़सर-मणिमहेश मार्ग पर गुईनाला में पत्थर गिर रहे थे। रविवार दोपहर करीब 1.30 बजे से यात्रा पर रोक है। इससे पहले शनिवार शाम पांच बजे सुंदरासी में भूस्खलन के कारण यात्रा रोक दी थी। रविवार सुबह छह बजे फिर से यात्रा आरंभ हुई थी।
आज पांच जिलों में भारी वर्षा की संभावना
मौसम विभाग ने 25 अगस्त को कांगड़ा, मंडी, ऊना, हमीरपुर और बिलासपुर, 26 और 27 को इन पांच जिलों के अलावा शिमला और सिरमौर में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना जताई है। प्रदेश में चंबा व कुल्लू में दो राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) सहित 482 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। 941 ट्रांसफार्मर और 95 पेयजल योजनाएं ठप हैं।
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