Himachal Panchayat Chunav: हिमाचल में चुनाव से पहले नहीं होगा नई पंचायतों का गठन, पंचायती राज मंत्री ने स्पष्ट की स्थिति
हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव से पहले नई पंचायतें नहीं बनेंगी, केवल पुनर्गठन होगा। लगभग 80 पंचायतों में पुनर्गठन की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें कुछ क्षेत्र दूसरी पंचायत में शामिल किए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव अधिकारियों की सूची मांगी है। नए ब्लॉक बनने से कुछ पंचायतों की सीमाओं में बदलाव आया है। नई पंचायत बनाने पर अधिक खर्च होने के कारण कई प्रस्ताव रद्द किए गए।

हिमाचल प्रदेश में 3577 पंचायतों में ही चुनाव होंगे। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं की त्रिस्तरीय प्रणाली के चुनाव से पहले नई पंचायतों का गठन नहीं होगा। इस दौरान केवल पंचायतों का पुनर्गठन किया जाएगा। इस संबंध में सभी जिला उपायुक्तों और खंड विकास अधिकारियों को व्यापक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
ऐसे में अब प्रदेश में 3577 पंचायत प्रधान व उपप्रधान और वार्ड पंच के लिए चुनाव होगा। पंचायती राज विभाग की तरफ से पंचायतों के पुनर्गठन का कार्य जिला उपायुक्तों को जहां पर पहले प्रस्ताव मिले थे और बरसात में आपदा के दौरान प्रस्ताव का निपटारा नहीं हो सका था, उन्हें 15 नवंबर से पूर्व पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
80 के करीब पंचायतों में होगा पुनर्गठन
प्रदेश में केवल 80 के करीब पंचायतें हैं, जिनमें पुनर्गठन की प्रकिया को पूरा किया जा रहा है, जबकि बाकी की पंचायतों में पुनर्गठन की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है। इसके तहत एक पंचायत के कुछ क्षेत्र को दूसरी पंचायत में शामिल किया जाएगा।
25 ब्लॉक की सीमाओं और पंचायतों में आया बदलाव
प्रदेश में जिला परिषद के 249 सदस्यों 91 ब्लाक समिति सदस्यों के लिए चुनाव होना है। प्रदेश में 10 नए ब्लाक बनाए गए हैं, जिनमें नई पंचायत समितियों को बनाया गया है। ऐसे में प्रदेश में ब्लाक 91 हैं। एक ब्लाक पर एक पंचायत समिति होती है। दस नए ब्लाक बनने के कारण 25 ब्लाक की सीमाओं और पंचायतों में बदलाव आया है।
42 पंचायतें हुई कम
नए नगर निगम और नगर पंचायतों के बनने के कारण 42 पंचायतें कम हुई हैं जबकि योल कैंट क्षेत्र में चार नई पंचायतें बनी हैं। ऐसे में 46 पंचायतों की सीमाओं में बदलाव हुआ था। प्रदेश में पंचायत की संख्या 3615 थी जो 3577 रह गई है।
नई पंचायत पर 1.20 करोड़ सालाना खर्च
एक नई पंचायत पर 1.20 करोड़ रुपये का खर्च आता है। ऐसे में नई पंचायतों को बनाने के लिए आए 750 से अधिक प्रस्तावों को रद किया गया है। पंचायतों की आय न के बराबर है, जबकि प्रधान बनने की चाहतों ने नए प्रस्ताव भेजे थे।
प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों को पंचायत के पुनर्गठन के लटके प्रस्तावों को 15 नवंबर से पूर्व पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। नई पंचायतों का गठन नहीं होगा। इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं।
-अनिरुद्ध सिंह, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री, हिमाचल प्रदेश।

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