HP High Court: हिमाचल हाईकोर्ट का आदेश, प्रदेश के सभी राजमार्गों से चार सप्ताह में हटाएं अतिक्रमण
HP High Court हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर राष्ट्रीय या अन्य राजमार्गों से सभी अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार को चार सप्ताह के भीतर कार्य पूरा करने को कहा है। याचिकाकर्ता ने अपने ढाबे को बचाने की गुहार लगाई थी।

शिमला, विधि संवाददाता। HP High Court, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर राष्ट्रीय या अन्य राजमार्गों से सभी अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार को चार सप्ताह के भीतर कार्य पूरा करने को कहा है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने हरनाम सिंह की याचिका की सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। याचिकाकर्ता ने अपने ढाबे को बचाने की गुहार लगाई थी, जो राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे खोला गया था।
यह थी प्रार्थी की दलील
प्रार्थी की दलील थी कि उसकी तरह कई लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास अतिक्रमण किया हुआ है, लेकिन उसकी पहुंच न होने के कारण उसके ढाबे को तोड़ा जा रहा है। प्रार्थी ने समानता के अधिकार की मांग थी। कोर्ट ने पाया कि अकेले याचिकाकर्ता को ही बेदखल नहीं किया जा सकता, क्योंकि राष्ट्रीय राजमार्गों पर अन्य अतिक्रमण भी हैं। कोर्ट के आदेश के पालन में मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग ने अदालत में हलफनामा दायर किया है, जिसमें कहा है कि अतिक्रमण के 472 मामले पाए गए हैं। राजस्व विभाग की ओर से सीमांकन के अभाव में अतिक्रमणकारियों को बेदखल नहीं किया जा सकता था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हैरानी जताई कि प्रतिवादी विभाग सीमांकन का इंतजार क्यों कर रहा है, जब यह पाया जा चुका है कि सड़क की अधिग्रहीत चौड़ाई पर ही अतिक्रमण किया गया है। कोर्ट ने सभी जिलों के संबंधित उपायुक्त और पुलिस अधीक्षकों को अतिक्रमण हटाने के समय पर्याप्त पुलिस सहायता सहित सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने का आदेश दिया है।
बेतरतीब निर्माण से जुड़े मामले की नौ को होगी सुनवाई
हाईकोर्ट में पहाड़ों में बेतरतीब निर्माण से जुड़े मामले में सुनवाई नौ नवंबर को निर्धारित की गई है। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया था कि सोलन जिला के कुमारहट्टी के समीप बहुमंजिला इमारतों के निर्माण की जांच के लिए संयुक्त कमेटी का गठन किया गया है। अवैध निर्माण के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से शपथ पत्र दाखिल करने को कहा था। मुख्य सचिव को आदेश दिया था कि यह भी स्पष्ट करें कि प्रदेश की कौन सी अथारिटी ने सोलन के गांव खील झालसी से कोरों गांव को मिलाकर कैंथरी गांव तक के छह किलोमीटर की सड़क के दोनों तरफ बहुमंजिला इमारतों को बनाने की अनुमति प्रदान की है।
दुष्कर्म के दोषी को 20 साल कठोर कारावास
दुष्कर्म के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट पोक्सो शिमला ने दोषी को 20 साल की कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। नेपाली मूल के उक्त व्यक्ति पर 30 मार्च, 2019 को पुलिस स्टेशन ठियोग में मामला दर्ज किया था। एक अन्य मामले में दोषी को पांच साल कठोर कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है।
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