चीन सीमा व्यापार खोलने पर सहमति से हिमाचल को भी मिलेगा लाभ, CM सुक्खू ने भी उठाया था शिपकी ला मार्ग बहाली का मामला
Shipki La Himachal Pradesh विदेश मंत्री जयशंकर ने सूचित किया कि भारत और चीन शिपकी ला लिपुलेख ला और नाथू ला से सीमा व्यापार फिर शुरू करने पर सहमत हो गए हैं। 2026 से कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की तीर्थयात्रा भी जारी रहेगी। मुख्यमंत्री सुक्खू ने केंद्र सरकार से इस मार्ग को बहाल करने का आग्रह किया था।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Shipki La Himachal Pradesh, भारत और चीन तीन निर्दिष्ट व्यापारिक बिंदुओं लिपुलेख ला, शिपकी ला और नाथू ला से सीमा व्यापार फिर खोलने पर सहमत हो गए हैं। दोनों पक्ष 2026 से कैलाश पर्वत, गंग रेनपोछे और मानसरोवर झील की तीर्थयात्रा जारी रखने और इसके विस्तार पर भी सहमत हुए हैं।
शिपकी ला (किन्नौर) के माध्यम से चीन के साथ व्यापार बहाल करने के लिए हिमाचल सरकार लगातार प्रयास कर रही थी। यदि ऐसा होता है तो हिमाचल प्रदेश को भी लाभ मिलेगा।
हाल ही में भारत यात्रा पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा के लिए केंद्रीय विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर के साथ बैठक की। भारत और चीन के बीच व्यापार फिर शुरू करने के प्रस्ताव पर दोनों ने सहमति व्यक्त की।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी जून में पत्र लिखकर केंद्र सरकार से ऐतिहासिक भारत-तिब्बत व्यापार मार्ग बहाल करने का आग्रह किया था। केंद्रीय विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर ने राज्य सरकार को सूचित किया है कि भारत सरकार ने शिपकी ला (हिमाचल प्रदेश), लिपुलेख (उत्तराखंड) और नाथू ला (सिक्किम) से सीमा व्यापार को फिर से शुरू करने के लिए चीन के साथ चर्चा शुरू कर दी है, जो कोविड-19 महामारी के कारण 2020 से बंद था।
शिपकी ला को अतिरिक्त मार्ग के रूप में जोड़ने की पहल कामयाब
पत्र में बताया है कि पांच साल के अंतराल के बाद लिपुलेख ला (उत्तराखंड) और नाथू ला दर्रा (सिक्किम) से कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर शुरू हो गई है। शिपकी ला को एक अतिरिक्त मार्ग के रूप में जोड़ने की पहल भी कामयाब हुई है।
हिमाचल में पर्यटन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान व आर्थिक विकास होगा
राज्य सरकार को उम्मीद है कि पारंपरिक सीमा व्यापार पुनः स्थापित होने से हिमाचल प्रदेश में पर्यटन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आर्थिक विकास के नए रास्ते भी खुलेंगे। मुख्यमंत्री ने चीन के साथ द्विपक्षीय वार्ता में राज्य की इन प्रमुख समस्याओं को प्राथमिकता देने के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है।
तिब्बत की तरफ से मानसरोवर को जोड़ने वाला छोटा मार्ग
मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस बात पर बल दिया कि शिपकी ला, जो कभी प्रसिद्ध सिल्क रूट का हिस्सा था और जिसे वर्ष 1994 के भारत-चीन द्विपक्षीय समझौते के तहत सीमा व्यापार बिन्दु के रूप में औपचारिक रूप दिया गया था, ने ट्रांस हिमालयी आर्थिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। गरटोक होते हुए दार्चेन और मानसरोवर को जोड़ने वाला शिपकी ला मार्ग तिब्बत की तरफ से तुलनात्मक रूप से छोटा यानी कम दूरी वाला है।
पूह होते हुए शिपकी ला के लिए सड़क मौजूद
हिमाचल प्रदेश के रामपुर बुशहर और पूह होते हुए शिपकी ला तक पहले से ही सड़क मार्ग मौजूद है, जिससे यात्रा के लिए आवश्यक आधार शिविर और सहायक बुनियादी ढांचा विकसित करना संभव हो गया है।
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