BBMB में हिमाचल को स्थायी सदस्यता पर पंजाब सरकार का विरोध बिल्कुल गलत, जयराम ठाकुर ने चंडीगढ़ में उठाया मुद्दा
पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बीबीएमबी में हिमाचल को स्थायी सदस्यता मिलनी चाहिए, जिसका पंजाब सरकार विरोध कर रही है। उन्होंने राज्य सरकार पर कल्याणकारी योजनाएं बंद करने और आपदा राहत में कम खर्च करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में राज्य पर कर्ज का बोझ काफी बढ़ गया है।

चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर।
जागरण टीम, शिमला। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने राज्य की वर्तमान स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि जबसे भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 1980 में हुई है, वे हिमाचल के ऐसे इकलौते विधायक हैं जो लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। जनवरी 2026 में उन्हें राजनीति में 28 वर्ष पूरे हो जाएंगे।
जयराम ठाकुर ने चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बीबीएमबी में हिमाचल को स्थायी सदस्यता देने की मांग पुरानी है और इस पर पंजाब सरकार का विरोध अनुचित है। पंजाब को हिमाचल पानी देता है, इसलिए स्थायी सदस्यता को लेकर पंजाब सरकार का विरोध बिल्कुल गलत है।
बीबीएमबी में हिमाचल की हिस्सेदारी
बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड) को लेकर जयराम ठाकुर ने कहा कि इस परियोजना में हिमाचल की हिस्सेदारी है और मामला पहले से ही न्यायालय में विचाराधीन है।
केंद्र ने कुछ नहीं दिया यह कहना गलत
उन्होंने पंजाब और हिमाचल को केंद्र सरकार की ओर से मिले राहत पैकेज को लेकर कहा कि “हम प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हैं, लेकिन दोनों राज्यों की सरकारों का यह कहना गलत है कि केंद्र ने कुछ नहीं दिया।”
सुक्खू सरकार ने बंद कर दी कल्याणकारी योजनाएं
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने प्रदेश के हित में कई जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की थीं, लेकिन कांग्रेस सरकार ने आते ही अधिकांश योजनाओं को बंद कर दिया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सुक्खू सरकार के कार्यकाल में टॉयलेट टैक्स, समोसा चोरी और जंगली मुर्गा जैसे विवाद सामने आए, जिनसे पूरे देश में हिमाचल प्रदेश की छवि पर असर पड़ा।
आपदा में 4500 करोड़ की घोषणा की पर खर्च नहीं किए
जय राम ठाकुर ने 2023 की आपदा का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने ₹4,500 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन वास्तव में ₹300 करोड़ भी खर्च नहीं किए गए।
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हिमाचल की व्यवस्था का स्तर गिरा
जयराम ठाकुर ने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के बावजूद हिमाचल की व्यवस्था का स्तर काफी गिरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब उन्होंने सत्ता संभाली थी तब राज्य पर ₹48,000 करोड़ का कर्ज था, जबकि सरकार छोड़ते समय यह ₹67,000 करोड़ हुआ। लेकिन अब राज्य का कर्ज बढ़कर ₹1 लाख 5 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ तीन सालों में मौजूदा सरकार ने ₹35,000 करोड़ से अधिक का कर्ज लिया है।

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