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    चैंपियन बेटी रेणुका से मिलकर भावुक हुईं मां, मिलते ही लगा लिया गले से, ...जीवन का सबसे बड़ा क्षण

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Sun, 09 Nov 2025 02:28 PM (IST)

    भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार गेंदबाज रेणुका सिंह ठाकुर विश्वकप जीतने के बाद अपने घर शिमला पहुंचीं। उन्होंने हाटकोटी मंदिर में मां के दरबार में माथा टेककर जीत समर्पित की। उनकी माता सुनीता ठाकुर ने ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया और भावुक हो गईं। रेणुका ने इस जीत को अपने जीवन का सबसे बड़ा क्षण बताया और इसे अपने माता-पिता, कोच और हिमाचल की जनता को समर्पित किया।

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    क्रिकेटर रेणुका सिंह ठाकुर मां से गले मिलते हुए व स्वजन के साथ। जागरण

    जागरण टीम, शिमला। महिला एक दिवसीय क्रिकेट विश्वकप जीतने के बाद भारतीय टीम की स्टार गेंदबाज रेणुका सिंह ठाकुर शनिवार को घर पहुंचीं। दोपहर बाद वह शिमला जिले के हाटकोटी मंदिर पहुंचीं, जहां उन्होंने मां हाटकोटी के दरबार में माथा टेका और विश्वकप जीत की खुशी माता को समर्पित की। रेणुका के घर वापसी की खबर मिलते ही पूरा इलाका उत्साह से भर उठा।

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    रेणुका को मां ने लगाया गले, हुईं भावुक

    हाटकोटी पहुंचने पर उनकी माता सुनीता ठाकुर, परिवार के अन्य सदस्य और स्थानीय लोगों ने उनका ढोल-नगाड़ों, फूलमालाओं और जयकारों के साथ गर्मजोशी से स्वागत किया। मां सुनीता ने बेटी रेणुका को मिलते ही गले लगा लिया व वह भावुक हो गईं। उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक उठे। 

    रेणुका बोलीं, जीवन का सबसे बड़ा क्षण

    इस मौके पर रेणुका सिंह ठाकुर ने कहा कि महिला विश्वकप जीतना उनके जीवन का सबसे बड़ा क्षण है और वह इस सफलता को अपने माता-पिता, कोच और हिमाचल की जनता के आशीर्वाद को समर्पित करती हैं। उन्होंने कहा कि वह आगे भी देश का नाम रोशन करने के लिए पूरी मेहनत जारी रखेंगी।

    विश्व कप टूर्नामेंट में रहा शानदार प्रदर्शन

    गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के रोहड़ू क्षेत्र की रहने वाली रेणुका सिंह ठाकुर ने हाल ही में हुए महिला एकदिवसीय क्रिकेट विश्वकप में शानदार गेंदबाजी करते हुए भारत को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। उनकी इस उपलब्धि पर पूरे प्रदेश में गर्व और खुशी का माहौल है।

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    मां की मेहनत से मुकाम पर पहुंची रेणुका

    रेणुका जब तीन साल की थीं तो उनके पिता का निधन हो गया था। उनका सपना था कि बेटी क्रिकेटर बने। इसके बाद रेणुका की मां ने उसे पिता की कमी महसूस नहीं होने दी। उन्होंने कड़ी मेहनत कर बेटी को इस मुकाम तक पहुंचाया कि पूरा देश आज उन्हें सेल्यूट कर रहा है। 

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