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    शिमला: संजौली मस्जिद में नमाज पढ़ने को लेकर विवाद, अवैध बताकर तोड़ने की मांग; महिलाओं ने सड़क पर उतरकर DC को सौंपा ज्ञापन

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 07:42 PM (IST)

    शिमला के संजौली मस्जिद में नमाज पढ़ने को लेकर विवाद बढ़ गया है। स्थानीय लोगों ने शुक्रवार की नमाज पर बाहरी लोगों के आने पर रोक लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि मस्जिद अवैध है और अदालत ने इसे तोड़ने का आदेश दिया है। महिलाओं ने विरोध जताया है और उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा है।

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    शिमला के संजौली मस्जिद में नमाज पढ़ने को लेकर विवाद बढ़ गया है (फोटो: जागरण)

    जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला का संजौली मस्जिद मामला एक बार फिर तूल पकड़ता नज़र आ रहा है। संजौली मस्जिद में शुक्रवार को नमाज़ पढ़ने आने वाले नमाज़ियों पर स्थानीय लोगों ने रोक लगाने की मांग की है।

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    स्थानीय लोगों का आरोप है कि हफ़्ते भर यहां मस्जिद में कोई गतिविधि नहीं होती, शुक्रवार को जुम्मे पर बाहरी राज्यों के लोग यहां नमाज़ पढ़ने के लिए आते हैं। लोगों का कहना है कि जब नगर निगम आयुक्त की अदालत से मस्जिद तोड़ने का फ़ैसला दिया जा चुका है।

    ज़िला अदालत भी वक्फ बोर्ड के साथ संजौली मस्जिद कमेटी की याचिका ख़ारिज कर चुकी है, यहां गतिविधियां क्यों बंद नहीं करवाई जा रही। स्थानीय महिलाओं में इसे लेकर रोष है और महिलाओं ने कहा है कि वे शुक्रवार को यहां आने वाले लोगों को मस्जिद जाने से रोकेंगे।

    स्थानीय लोगों ने उपायुक्त शिमला को महिलाओं ने ज्ञापन भी सौंपा है। उन्होंने इस दौरान उपायुक्त से मांग की है कि जब मस्जिद पूरी तरह से अवैध है तो यहां पर नवाज अदा करने से भी रोकना चाहिए। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि मस्जिद में बाहरी लोग ज्यादा संख्या में नवाज पढ़ने के लिए पहुंचते हैं।

    उन्होंने आरोप लगाया कि संजौली मस्जिद में गतिविधियों को संदिग्ध मानते हुए रोक लगानी चाहिए। स्थानी लोगों ने कहा कि विवाद के बाद से लगातार ही नवाज अदा करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।

    पहले 100 से 200 लोग ही नवाज अदा करने के लिए पहुंचते थे, लेकिन अब इनकी संख्या 700 से 800 तक पहुंच गई हैं। हालांकि नगर निगम शिमला आयुक्त अदालत ने मस्जिद में हुए निर्माण को अवैध बताया है।

    ज़िला अदालत से भी वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी की याचिका ख़ारिज हो चुकी है। स्थानीय महिलाओं ने चेतावनी दी है कि शुक्रवार को मस्जिद में नवाज पढ़नेसे प्रशासन नहीं रोकता है तो महिलाएं व स्थानीय लोग अपने स्तर पर इन्हें नवाज पढ़ने से रोकेंगे। इस दौरान स्थानीय निवासी पारुल वर्मा, मदन ठाकुर से लेकर अन्य लोग मौजूद रहे।