परवाणू से शिमला तक यात्रा होगी आसान, रोपवे को लेकर उठाया एक और कदम; 6 जून को खुलेगी टेंडर प्रक्रिया
शिमला और परवाणू के बीच रोपवे बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया गया है। रोपवे एंड रैपिड परिवहन विकास निगम जल्द ही निविदा प्रक्रिया शुरू करेगा। 6800 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह 38 किलोमीटर लंबा रोपवे तारादेवी तक पहुंचेगा। इससे यात्रा का समय कम हो जाएगा और हर घंटे 2 हजार लोग यात्रा कर सकेंगे।

राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रदेश के प्रवेश द्वार परवाणू से शिमला तक रोपवे निर्माण का रास्ता निकालने के लिए एक कदम और बढ़ाया गया है। इसके लिए रोपवे एंड रैपिड परिवहन विकास निगम 6 जून को निविदा प्रक्रिया खोलेगा। सड़क परिवहन के साथ-साथ नवीन परिवहन को धरातल पर उतारने के लिए काम कर रहा है। निविदा प्रक्रिया संचालित होने पर निगम दो माह के भीतर रोपवे निर्माण की दिशा में काम शुरू करेगा।
परवाणू से शिमला तक आठ चरणों में रोपवे का निर्माण होगा। ये रोपवे मौजूदा फोरलेन और छोटी रेल लाइन के साथ-साथ निर्मित होते हुए तारादेवी तक पहुंचेगा। इस रोपवे निर्माण पर 6800 करोड़ रुपये का खर्च होंगे और करीब 38 किमी लंबा होगा। रोपवे बनने के बाद तीन घंटे से अधिक की यात्रा दो घंटे में पूरी होगी और हर घंटे करीब 2 हजार लोग एक ओर यात्रा कर सकेंगे।
प्रदेश सरकार पीपीपी मोड यानि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर इस रोपवे को बनाएगी। रोपवे एंड रैपिड परिवहन प्रणाली विकास निगम ने परवाणू-शिमला रोपवे की डीपीआर यानि विस्तृत कार्ययोजना भी तैयार करवा ली है। इस पर करीब ढ़ाई करोड़ रुपये का खर्चा किया गया है। रोपवे निर्माण के लिए जमीन भी चिन्हित कर ली गई है और सर्वेक्षण किया जा चुका है। कुछ समय पहले ही में मंडी जिला के पंडोह क्षेत्र के समीप बगलामुखी मंदिर के लिए रोपवे निर्मित हुआ है।
यहां पर बनाए जाएंगे स्टेशन
इसमें परवाणू-जाबली, जाबली-डगशाई, डगशाई-बड़ोग, बड़ोग-सोलन, सोलन-करोल टिब्बा, करोल टिब्बा-आईटी सिटी वाकनाघाट, आईटी सिटी वाकनाघाट-शोघी, शोघी-तारादेवी मंदिर और तारादेवी मंदिर से तारादेवी आदि स्टेशन होंगे। ऐसे में परवाणू से आने वाला रोपवे तारादेवी तक बनेगा। इससे आगे शहर के भीतर तारादेवी से शिमला शहर के लिए रोपवे प्रस्तावित है और उसके लिए निविदा प्रक्रिया का कार्य चल रहा है।

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