छह महीने का समय, 24 लाख खर्च... हिमाचल में आज होगा पूर्व CM वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का अनावरण, पढ़ें खासियत
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का आज शिमला में अनावरण होगा। इस प्रतिमा को बनाने में छह महीने लगे और 24 लाख रुपये का खर्च आया है। यह प्रतिमा वीरभद्र सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व को दर्शाती है और हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत होगी।

हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का आज होगा अनावरण (जागरण फोटो)
राज्य ब्यूरो, शिमला। शिमला के रिज मैदान पर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की जिस प्रतिमा का अनावरण सोमवार को होगा, उसका प्रारूप प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार ने तैयार किया है। उनके बेटे अनिल सुतार भी मूर्तिकार हैं। वीरभद्र सिंह की प्रतिमा अष्टधातु की बनी है, जिसकी लागत 24 लाख रुपये आई।
सोमवार को रिज पर होने वाला यह सरकारी कार्यक्रम है, जिसमें वीरभद्र सिंह फाउंडेशन सरकार का सहयोग कर रही है। इसमें विपक्षी नेताओं को भी न्योता दिया है। कांग्रेस का दावा है कि कार्यक्रम में दस हजार से ज्यादा लोग आएंगे। रिज पर जगह-जगह स्क्रीन के साथ लगभग 7,000 कुर्सियां लगाई हैं, जबकि एक हजार रिजर्व रखी हैं। एचआरटीसी व निजी बसों को कार्यकर्ताओं को लाने के लिए लगाया है।
शिमला पुलिस के अलावा रिजर्व बटालियन के जवान तैनात किए गए हैं। रविवार को सीआरपीएफ के सुरक्षा अधिकारी भी रिज पर जायजा लेते रहे। वीरभद्र सिंह की प्रतिमा रिज पर न लगाने पर उनके बेटे एवं लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नाराजगी जताई थी। बाद में सरकार ने इसकी अनुमति देकर नाराजगी दूर कर दी थी।
मंच पर ये दिग्गज नेता रहेंगे मौजूद
मंच पर सोनिया गांधी, प्रियंका वाड्रा, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, कैबिनेट मंत्री व केंद्र से आए कांग्रेस नेता बैठेंगे। स्टेज के साथ वीआइपी गेस्ट के लिए वेटिंग एरिया बनाया है। जांच के बाद ही लोगों को रिज मैदान पर प्रवेश दिया जाएगा।
क्या है प्रतिमा की खासियत?
- प्रतिमा का निर्माण अष्टधातु से हुआ है।
- इसमें सबसे ज्यादा तांबा व जिंक धातु का प्रयोग किया है।
- इसे बनाने में लगभग छह माह का समय लगा है।
- छह माह पहले यह मूर्ति बनकर नोएडा से शिमला लाई गई थी।
- इस प्रतिमा को प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार ने बनाया है। इससे पहले भी कई महापुरुषों की विशाल प्रतिमाएं बना चुके हैं।
- गुजरात में स्थापित सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा भी इन्होंने ही बनाई है
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का सियासी सफर
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून 1934 को शिमला जिले के सराहन में बुशहर रियासत के शाही परिवार में हुआ था। उनकी स्कूली शिक्षा शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से हुई। इसके बाद दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से बीए ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की। वीरभद्र सिंह ने 1962 में महासू (शिमला) लोकसभा क्षेत्र से राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी।
1971 में मंडी लोकसभा क्षेत्र को अपनी कर्मभूमि चुना। इंदिरा गांधी व मनमोहन सिंह सरकारों में वह केंद्रीय मंत्री रहे। वह आठ बार विधायक, छह बार मुख्यमंत्री और पांच बार लोकसभा सदस्य रहे। 60 वर्षों के राजनीतिक सफर के दौरान उन्होंने 14 चुनाव लड़े। वह हिमाचल कांग्रेस के चार बार अध्यक्ष भी रहे। आठ जुलाई 2021 को निधन हो गया था।
शिमला में इनकी प्रतिमाएं हैं स्थापित
शिमला के रिज मैदान पर जहां वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित की गई है उसके साथ ही हिमाचल निर्माता डा. यशवंत सिंह परमार की प्रतिमा भी है। इसके अलावा लेफ्टिनेंट जनरल दौलत सिंह, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा स्थापित है। स्कैंडल प्वाइंट पर लाला लाजपत राय व सीटीओ के समीप लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा है। चौड़ा मैदान में डा. भीमराव आंबेडकर व छोटा शिमला में राजीव गांधी की प्रतिमा स्थापित है।
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