लाहुल स्पीति की घेपन झील के बढ़े जलस्तर पर प्रशासन सतर्क, आपदा से पहले सूचना देगा अर्ली वार्निंग सिस्टम
लाहुल स्पीति में स्थित घेपन झील का जलस्तर 178% तक बढ़ गया है। प्रशासन ने सैटेलाइट अध्ययन के बाद आपदा न्यूनीकरण के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने का फैसला किया है। यह सिस्टम मौसम विभाग और प्रशासन को पूर्व सूचना देगा, जिससे लाहौल घाटी और जम्मू-कश्मीर के चिनाब नदी से सटे इलाकों को बचाया जा सकेगा। भूमि कटाव रोकने के लिए ढलानों को स्थिर करने का भी प्रयास किया जा रहा है।

लाहुल स्पीति की घेपन झील के बढ़े जलस्तर पर प्रशासन सतर्क। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, केलंग। उपायुक्त लाहुल स्पीति किरण भडाना ने कहा कि समुद्र तल से 13,583 फीट की ऊंचाई पर बनी लाहुल की घेपन झील का दायरा कुछ सालों से बढ़ा है। प्रशासन ने पूरे वर्ष इसकी निगरानी की है और विशेषज्ञों की टीम द्वारा इसका निरीक्षण करने पर पाया है कि झील का जलस्तर 178 प्रतिशत बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि लगभग 101.30 हेक्टेयर क्षेत्रफल में ढाई किलोमीटर लंबी झील के सैटेलाइट से हुए अध्ययन के बाद प्रशासन अब आपदा न्यूनीकरण पर काम कर रहा है और जल्द ही झील में अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित किया जाएगा। यह सिस्टम सैटेलाइट के माध्यम से काम करेगा व मौसम विभाग और प्रशासन को आपदा की पूर्व सूचना देगा।
उपायुक्त ने कहा कि यह तकनीक न केवल लाहौल घाटी, बल्कि चिनाब नदी से सट जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रों को भी संभावित आपदा से बचाने में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन वन विभाग और सीएसआईआर के साथ मिलकर झील के आसपास की ढलानों की स्थायित्व प्रदान करने पर काम किया जा रहा है ताकि भूमि कटाव कम हो।

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