हिमाचल: कांग्रेस विधायक संजय अवस्थी पर क्या है भ्रष्टाचार का आरोप? कोर्ट ने ताजा स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का दिया आदेश
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस विधायक संजय अवस्थी पर भ्रष्टाचार के आरोपों से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। कोर्ट ने इस मामले में ताजा स्टेटस रिपोर्ट पेश करने ...और पढ़ें

सोलन जिले के अर्की से कांग्रेस विधायक संजय अवस्थी। जागरण आर्काइव
विधि संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने विधायक संजय अवस्थी के विरुद्ध भ्रष्टाचार और जालसाजी के आरोपों से जुड़े मामले में राज्य सरकार को ताजा स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। इससे पहले सरकार ने विधायक के विरुद्ध दर्ज इस मामले को वापस लेने से इन्कार किया था।
सरकार की ओर से हाई कोर्ट को बताया गया था कि विधायक के विरुद्ध दायर इस आपराधिक मामले को वापस लेने का कोई इरादा नहीं है। संजय अवस्थी ने हाई कोर्ट में विशेष न्यायाधीश सोलन की ओर से उनके विरुद्ध आरोप तय करने के आदेश को चुनौती दी है।
हाईकोर्ट में क्या कहा था याचिकाकर्ता ने
26 जुलाई 2024 को मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार ने उनके विरुद्ध दर्ज आपराधिक मामला वापस लेने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। सरकार ने इस तथ्य की पुष्टि के लिए उस समय दो सप्ताह का समय मांगा था।
हाई कोर्ट की खंडपीठ के समक्ष आवेदन दायर कर सरकार ने विधायक के विरुद्ध दर्ज मुकदमे को वापस लेने की इजाजत भी मांगी थी, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया था। न्यायाधीश विरेंदर सिंह के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
उस समय थे पार्षद
21 अप्रैल 2022 को विशेष न्यायाधीश सोलन ने संजय अवस्थी के विरुद्ध दर्ज आपराधिक मामले में आरोप तय करते समय कहा था कि प्रार्थी के विरुद्ध प्रथम दृष्टया धारा 467, 468 और 120बी के अंतर्गत दंडनीय अपराधों का मामला बनता है। प्रार्थी उस समय नगर परिषद सोलन का पार्षद था, इसलिए उनके विरुद्ध लोक सेवक होने के कारण भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(I)(d)(ii) और धारा 13(2) के अंतर्गत अपराध का भी मामला बनता है।
झूठा हिमाचली प्रमाणपत्र जारी करने का आरोप
संजय अवस्थी पर आरोप है कि उन्होंने पार्षद होते क्रिकेट खिलाड़ी हरियाणा निवासी विक्रमजीत सिंह मलिक को हिमाचली होने का झूठा प्रमाणपत्र जारी किया, जिस कारण वह हिमाचल का स्थायी निवासी होने प्रमाणपत्र पाने में सफल हुआ। विक्रमजीत मलिक गांव सींख तहसील इशराना, जिला पानीपत, हरियाणा का स्थायी निवासी होने के कारण हिमाचल प्रदेश के लिए खेलने के योग्य नहीं था।
कोर्ट ने बताया था प्रमाणपत्र को गलत
कोर्ट ने प्रथम दृष्टया संजय अवस्थी की ओर से 14 मई 2001 को जारी किए प्रमाणपत्र को गलत बताया, जिसका उपयोग मलिक ने तहसीलदार सोलन से हिमाचल का स्थायी निवासी होने का प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए किया। अभी यह मामला विशेष न्यायाधीश सोलन में लंबित है।

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