'लोगों ने सच्चाई जाने बिना मुझे दोषी मान लिया', Khushwant Singh Litfest के पहले सत्र में बोली इंद्राणी मुखर्जी
हिमाचल प्रदेश के सोलन में चल रहे खुशवंत सिंह लिटफेस्ट के पहले सत्र में इंद्राणी मुखर्जी ने भाग लिया है। यहां उन्होंने अपने जीवन की कई बातें शेयर की है। उन्होंने कहा कि लोगों ने मेरी सच्चाई जाने बिना मुझे दोषी मान लिया। मेरे जेल जाते ही पति ने मुझसे दूरी बना ली। उन्होंने अपनी किताब अनब्रोकन द अनटोल्ड स्टोरी (Unbroken The Untold Story) पर भी चर्चा की।

मनमोहन वशिष्ठ, सोलन। बेटी शीना बोरा की हत्या के आरोप में छह वर्ष तक जेल में रहने वाली इंद्राणी मुखर्जी (Indrani Mukherjee) ने कहा कि लोगों ने मेरी सच्चाई जाने बिना मुझे दोषी मान लिया। मेरे जेल जाते ही पति ने मुझसे दूरी बना ली।
25 अगस्त, 2015 को मेरे गिरफ्तार होते ही मां को हृदयाघात आ गया, 15 दिन बाद उनकी मौत हो गई और पिता कोमा में चले गए। इस दौरान जो कुछ मेरे साथ हुआ, उसे मैंने कागज पर लिख दिया और 'अनब्रोकन: द अनटोल्ड स्टोरी' (Unbroken: The Untold Story) के रूप में किताब छप गई। मैं आज भी शीना को तलाश रही हूं।
वार्ताकार के रूप में लेखिका बाची करकरिया भी रही मौजूद
इंद्राणी मुखर्जी ने यह बात कसौली क्लब में शुक्रवार को शुरू हुए खुशवंत सिंह लिटफेस्ट (Khushwant Singh Litfest) के पहले दिन अपने सत्र में कही। इस दौरान उनके साथ वार्ताकार के रूप में लेखिका बाची करकरिया मौजूद रहीं। इंद्राणी मुखर्जी ने अपनी किताब पर चर्चा की।
निजी जीवन, दोनों पतियों के साथ संबंध और गिरफ्तार होने के बाद के पलों को सबके समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि जिस समय उनके बच्चे हुए, उस समय वह तैयार नहीं थीं। जब पढ़ाई करके वापस आई तो मेरे तीनों बच्चों ने मुझे पहचाना नहीं, जो मेरे लिए दु:खद था।
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जेल में लिखी किताब
इंद्राणी मुखर्जी ने कहा कि जिस समय वह जेल में थी तो उन्होंने अपने साथ घटित घटनाओं को शब्दों को रूप दिया। जेल में 1.26 लाख से अधिक शब्द लिखे। जेल से बाहर आने के बाद इसे प्रकाशित करवा दिया। अब मैं दूसरी किताब लिखने जा रही हूं। इसके अलावा सामाजिक गतिविधियों से जुड़ी हूं। प्रतिदिन किक बाक्सिंग व योग करती हूं। किसी ने मुझे बताया कि उन्होंने शीना को जिंदा देखा है, लेकिन मेरी तलाश अभी भी जारी है।
राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने तो मैं हैरान हुआ
मणिशंकर अय्यर कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने कहा कि राजीव गांधी विदेश में पढ़ाई के दौरान फेल हुए थे। जब मुझे पता चला कि वह प्रधानमंत्री बन रहे हैं तो मैं हैरान हो गया। मैंने सोचा कि वह देश कैसे चला पाएंगे, लेकिन बाद में उन्होंने अभूतपूर्व निर्णय लिए, जिससे वह बेहतरीन प्रधानमंत्री साबित हुए। खुशवंत सिंह लिटफेस्ट में अय्यर ने पंडित जवाहर लाल नेहरू समेत कई प्रधानमंत्रियों का जिक्र किया और कहा कि उन्होंने देश को बेहतर बनाने के लिए कार्य किए।
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इसके अलावा अन्य सत्र में हरिंद्र बवेजा के साथ पूर्व रा चीफ एएस दुल्लत ने चर्चा की। उन्होंने कहा कि कश्मीर का मुद्दा सभी सरकारों के समय से चल रहा है। यह कोई सेना और लोगों का मुद्दा नहीं था, बल्कि राजनीतिक मुद्दा था। जानबूझकर वहां पर ऐसी परिस्थितियों बनाई गई थीं कि वहां पर आतंकवाद फैला रहे। अब वहां स्थिति सुधर रही है और आने वाला कल कश्मीर के लिए बेहतर होगा।
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