Dr. Vece Paes Demise: खेल जगत ने एक साथ खो दीं कई शख्सियतें
डॉ पेस ने हॉकी से लेकर क्रिकेट फुटबॉल टेनिस व रग्बी तक की अपनी बहुमुखी प्रतिभा से की लंबे समय तक सेवा। 1972 म्यूनिख ओलंपिक में उनके साथी खिलाड़ी रहे अजीत पाल सिंह ने कहा-डॉ. पेस खेलों के प्रति बेहद समर्पित थे। हॉकी करियर के बाद उन्होंने खेल चिकित्सक के तौर पर सेवाएं प्रदान कर बहुत से एथलीटों का करियर संवारने में मदद की।
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। ओलंपियन, खिलाड़ी, चिकित्सक, सलाहकार, प्रबंधक व खेल प्रशासक। भारतीय खेल जगत ने डॉ. वेस पेस के रूप में गुरुवार को एक साथ कई शख्सियतों को खो दिया।
डॉ. पेस का जाना खेल की विधा विशेष के लिए नहीं बल्कि खेल के लिए समग्र रूप से एक बड़ी क्षति है। कारण, डॉ. पेस ने खुद को किसी एक खेल अथवा क्षेत्र तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने हॉकी से लेकर क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस और रग्बी तक की अपनी बहुमुखी प्रतिभा से विभिन्न स्तर पर लंबे समय तक सेवा की।
यह कारण है कि उनके निधन का पूरा खेल जगत शोक मना रहा है। 1945 में गोवा में जन्मे डॉ. पेस का अधिकांश जीवन कोलकाता के मैदानों में बीता। चिकित्सा की पढ़ाई भी यहीं से शुरू की। वे कोलकाता के विभिन्न खेल संगठनों से जुड़े थे।
1972 म्यूनिख ओलंपिक में उनके साथी खिलाड़ी रहे अजीत पाल सिंह ने कहा-'डॉ. पेस खेलों के प्रति बेहद समर्पित थे। हॉकी करियर के बाद उन्होंने खेल चिकित्सक के तौर पर सेवाएं प्रदान कर बहुत से एथलीटों का करियर संवारने में मदद की।'
भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान बीपी गोविंदा कहते हैं-'डॉ. पेस खेल व खेल चिकित्सा, दोनों ही क्षेत्रों के बेहद प्रतिभावान व जानकार व्यक्ति थे। वे मृदुभाषी थे और सही मायने में सज्जन थे।'
डॉ पेस के निधन पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी गहरा शोक जताते हुए कहा कि खेल के क्षेत्र में उनके योगदान को लोग हमेशा याद रखेंगे। डॉ. पेस का फुटबाल के प्रति प्रेम भी गजब का था। उन्होंने भारत के दिग्गज फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया के साथ भी लंबे समय तक काम किया।
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