महिला जूनियर हाकी विश्व कप: इतिहास रचने उतरेगी भारतीय टीम, सेमीफाइनल में नीदरलैंड्स से होगा सामना
टूर्नामेंट में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2013 में रहा था जब टीम ने जर्मनी के मोनशेंग्लाबाख में कांस्य पदक जीता था। सलीमा टेटे की अगुआई वाली टीम ने अब तक एकजुट प्रयास किया है और सभी विभागों में बेहतर प्रदर्शन किया है।

पोचेफस्ट्रूम, प्रेट्र। भारतीय महिला हाकी टीम रविवार को तीन बार की चैंपियन नीदरलैंड्स को हराकर पहली बार एफआइएच जूनियर विश्व कप के फाइनल में जगह बनाने के इरादे से उतरेगी।
टूर्नामेंट में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2013 में रहा था जब टीम ने जर्मनी के मोनशेंग्लाबाख में कांस्य पदक जीता था। सलीमा टेटे की अगुआई वाली टीम ने अब तक एकजुट प्रयास किया है और सभी विभागों में बेहतर प्रदर्शन किया है।
भारतीय अग्रिम पंक्ति ने टूर्नामेंट में अब तक 14 गोल किए हैं और टीम के खिलाफ सिर्फ दो गोल हुए हैं। युवा स्टार मुमताज खान ने सभी का ध्यान खींचा है। वह टूर्नामेंट में छह गोल कर चुकी हैं। लालरेमसियामी, लालरिंदिकी और शर्मिला देवी ने उनका अच्छा साथ निभाया है। कप्तान सलीमा, लालरेमसियामी और शर्मिला के रूप में तीन टोक्यो ओलिंपियन के भारतीय टीम में होने से टीम के प्रदर्शन पर सकारात्मक असर पड़ा है।
भारतीय मिडफील्ड को पूरा श्रेय जाना चाहिए जिसने टीम के लिए गोल करने के कई मौके बनाए हैं। अग्रिम पंक्ति और मिडफील्ड के अलावा गोलकीपर बिचू देवी करिबम की मौजूदगी में रक्षापंक्ति ने भी अब तक शानदार प्रदर्शन किया है। हाल में एफआइएच प्रो लीग में सीनियर टीम की ओर से पदार्पण करने वाली युवा बिचू ने विरोधी टीम के कई हमलों को नाकाम किया है। भारत के लिए हालांकि नीदरलैंड्स की चुनौती से पार पाना आसान नहीं होगा। नीदरलैंड्स चिली के सेंटियागो में पिछले टूर्नामेंट में उप विजेता भी रहा था। भारत की तरह नीदरलैंड्स भी पूल चरण में अपने तीनों मैच जीतकर शीर्ष पर रहा था और क्वार्टर फाइनल में उसने दक्षिण अफ्रीका को 5-0 से हराया। लेकिन फार्म में चल रही भारतीय टीम के रूप में नीदरलैंड्स के सामने पहली कड़ी परीक्षा होगी।
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