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    J&K News: अनंतनाग में प्रसव के बाद महिला की मौत, परिजनों का हंगामा; डॉक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप

    Updated: Mon, 08 Dec 2025 11:40 PM (IST)

    अनंतनाग के मैटरनिटी एंड चाइल्ड केयर हॉस्पिटल में प्रसव के बाद एक 24 वर्षीय महिला की मौत हो गई, जिसके बाद परिवार और स्थानीय लोगों ने अस्पताल प्रशासन पर ...और पढ़ें

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    अनंतनाग में प्रसव के बाद महिला की मौत। सांकेतिक फोटो

    जागरण संवाददाता, श्रीनगर। अनंतनाग के मैटरनिटी एंड चाइल्ड केयर हॉस्पिटल में सोमवार को 24 साल की एक महिला की प्रस्ताव के बाद हुई मौस से बवाल मच गया। उसकी मौत के बाद उसके परिवार और स्थानीय लोगों ने जोरदार प्रदर्शन कर अस्पताल प्रशासन पर गंभीर मेडिकल लापरवाही का आरोप लगाया और उपराज्यपाल व स्वास्थ्य मंत्री से मामले में हस्तक्षेप की मांग की।

    मृतक की पहचान खुशबू जान पत्नि जुबैर अहमद भट की निवासी पुशवारा खन्नाबल,अनंतनाग के तौर पर हुई है। जानकारी के अनुसार उसे गत शनिवार प्रस्व के लिए उक्त अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके परिवार का दावा है कि कई मेडिकल गलतियों की वजह से रविवार देर रात जीएमसी अनंतनाग में उसकी मौत हो गई।

    उसके पति के मुताबिक, खुशबू जान की जिस दिन भर्ती हुई थी, उसी दिन उसकी सर्जिकल डिलीवरी हुई थी और बाद में उसे एक वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। उसने आरोप लगाया कि कुछ घंटों बाद, उसे चक्कर आने की शिकायत हुई और उसकी हालत बिगड़ गई। उन्होंने कहा, मैंने तुरंत डॉक्टरों को बताया। उसे ड्रिप लगाई गई, लेकिन हेड नर्स ने कहा कि ठंड के मौसम की वजह से पहले ग्लूकोज गर्म करना चाहिए था।

    ज़ुबैर अहमद ने आरोप लगाया कि जब उसकी हालत बिगड़ी, तो उसे वापस ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने परिवार को बताया कि उसका यूट्रस निकालना होगा। दूसरी सर्जरी के बाद, उसे जीएमसी अनंतनाग रेफर कर दिया गया।

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    उन्होंने कहा, वह वेंटिलेशन पर रही और रविवार देर रात उसने आखिरी सांस ली। जुबैर ने कहा, यह बहुत बड़ी लापरवाही है। अगर उसकी हालत इतनी गंभीर होती, तो उसे समय पर श्रीनगर रेफर कर दिया जाना चाहिए था।”

    विरोध करने के लिए इकट्ठा हुए परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्हें अस्पताल की अंदरूनी जांच पर से भरोसा नहीं रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली बार भी एक महिला की इस अस्पताल में ऐसी ही परिसिथितियों में मौत हो गई थी।

    उन्होंने कहा,उस मौत की जांचें सिर्फ फॉर्मेलिटी थीं, कोई जांच रिपोर्ट पब्लिक नहीं की गई और कोई अकाउंटेबिलिटी तय नहीं की गई। उन्होंने कहा,हमें पता है कि अबकी बार भी एेसा ही किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने इस प्रोसेस को बेअसर बताया और सीधे उपराज्यपाल और स्वास्थ्य मंत्री से निष्पक्ष और पारदर्शी जांच का आदेश देने की अपील की।

    एक प्रदर्शनकारी फारूक अहमद ने कहा, हमें बताया जा रहा है कि कमेटियां बनाई जाती हैं, लेकिन उनसे कभी कुछ नहीं निकलता और लापरवाही साबित होने पर सख्त कार्रवाई की मांग की।

    इधर एमसीसीएच अनंतनाग के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. मुश्ताक से जब संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि एक कमेटी बनाई गई है और उसे घटना की समय पर जांच करने का काम सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट पूरी होने के बाद ज़िम्मेदारी तय की जाएगी।