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    जम्मू-कश्मीर: डोडा से AAP विधायक मेहराज पर क्यों लगा PSA? विवादों से रह चुका है पुराना नाता

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 02:10 PM (IST)

    आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक जो अपने विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते हैं जन सुरक्षा अधिनियम के तहत बंदी बनाए गए हैं। उन पर शांति भंग करने और कानून व्यवस्था बिगाड़ने के आरोप हैं। डोडा के विभिन्न थानों में उनके खिलाफ 18 एफआईआर दर्ज हैं। इससे पहले उन्होंने एक स्वास्थ्य केंद्र को लेकर हंगामा किया और अधिकारियों को गालियां दी थीं।

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    मलिक ने शिक्षा मंत्री की योग्यता पर भी सवाल उठाए थे और एक डॉक्टर के साथ बदसलूकी की थी।

    नवीन नवाज, जागरण, श्रीनगर। कभी हिंदुओं पर ज्यादा शराब पीने का आराेप लगाना तो कभी यह कहनाकि तिलक लगाकर रेप करना, कभी डाक्टरों को माफिया-चोर कहना, कभी भाजपा वालों को गुंडा बताना तो कभी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद को गद्दार बता कर, विवाद पैदा कर, लोगों में अपनी दबंग छवि बनाने वाले आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक सोमवार को जन सुरक्षा अधिनियम के तहत बंदी बनाए जाने वाले वाले विधायक बन गए हैं।

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    इसे भी संयोग ही कहा जाएगा कि वह केंद्र शासित जम्मू कश्मीर विधानसभा के पहले चुनाव में, आम आदमी पार्टी के टिकट पर निर्वाचित होने वाले वह पहले विधायक हैं। वह स्वयं भी पहली बार ही विधायक बने हैं।

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    विभिन्न थानों में दर्ज हैं 18 एफआईआर

    जिला डोडा के विभिन्न थानों में दर्ज 18 एफआईआर और 16 दैनिक डायरी रिपोर्ट में विधायक मेहराज मलिक का नाम है। उन्हें शांति और कानून व्यवस्था भंग करने के आरोप में पीएसए के तहत बंदी बनाया गया है। यह कानून प्रशासन को किसी व्यक्ति को बिना किसी मुकदमे के एहतियातन हिरासत में रखने की अनुमति देता है, अगर उसे लगता है कि उसके रिहा रहने से सार्वजनिक व्यवस्था और शांति भंग हो सकती है, या राज्य की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। पीएसए लगने से जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उनकी सदस्यता प्रभावित नहीं होगी क्योंकि अब तक उनके खिलाफ दर्ज किसी भी मामले में उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है।

    स्वास्थ्य केंद्र को लेकर किया था हंगामा

    सोमवार को पीएसए के तहत बंदी बनाए जाने से पूर्व उन्होंने एक स्वास्थ्य केंद्र को लेकर हंगामा किया और इस दौरान उन्होंने जिला उपायुक्त को जमकर कोसा,गालियां दी। जिला उपायुक्त ने उनके आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि विधायक अपने चहेते की इमारत में स्वास्थ्य केंद्र स्थानांतरित कराना चाहते थे,जो सही नहीं था। हालांकि यह पहला अवसर नहीं है, जब मेहराज मलिक के आचरण को लेकर कोई विवाद पैदा हुआ हो।

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    शिक्षा मंत्री की शैक्षणिक योग्यता को लेकर भी उठाया था सवाल

    उन्होंने गत जुलाई में शिक्षा मंत्री सकीना इट्टू की शैक्षणिक योग्यता और समझ पर सवाल उठाया था। शिक्षा मंत्री ने कश्मीर में बढ़ते तापमान के मद्देनजर स्कूलों के समय मे बदलाव किया था। मेहराज मलिक ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि 12वीं पास शिक्षा मंत्री द्वारा लिएजाने वाले फैसलों की तर्कशीलता, गंभीरता और लाभ को समझा जा सकता है।

    जीएमसी डोडा की डॉक्टर से भी की थी बदस्लूकी

    मई में , पुलिस ने डोडा सरकारी मेडिकल कालेज की एक महिला डाक्टर के लिए कथित तौर पर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में उनके ख़िलाफ़ एक प्राथमिकी दर्ज की थी। उक्त डाक्टर ने मलिक पर इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल करके उन्हें धमकियां देने और उनके ख़िलाफ़ "अपमानजनक, लैंगिक और अपमानजनक टिप्पणियां" करने का आरोप लगाया था।

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    पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद को भी बोला था गद्​दार

    इससे पूर्व अप्रैल में जब जम्मू कश्मीर विधानसभा का पहला बजट सत्र चल रहा था, वक्फ बिल पर बहस के दौरान मेहराज मलिक ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के विधायकों के साथ बहस में पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद को गद्दार कहा था। इसे लेकर पीडीपी के नेताओं के साथ उनकी विधानसभा के बाहर परिसर में मारपीट भी हुई थी। इससे पूर्व उन्होंने शराब के ठेकों पर एक टिप्पणी करते हुए कहा था कि हिंदु ज्यादा शराब पीते हैं उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि तिलक लगाकर रेप करते हैं। इससे उत्तेजित भाजपा विधायकों की उनसे विधानसभा परिसर में मारपीट हुई थी।

    पूर्व मंत्री सरुरी ने भी मलिक के खिलाफ दर्ज करवाया है मामला

    पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जीएम सरुरी ने भी उनके खिलाफ एक मामला दर्ज कराया है, जिसमें उन्हें अदालत ने इस वर्ष मार्च में गैर जमानती वारंट जारी किया था। उन पर जम्मू में एक रिपोर्टर को अगवा करने और कथित तौर पर उसे नंगा कर उसका वीडियो बनाने का भी आरोप लगा था। उक्त रिपोर्टर ने मेहराज मलिक के कथित भ्रष्टाचार को उजागर किया था। इससे पूर्व फरवरी 2023 में जम्मू के भठींडी इलाके में जब सरकारी और वनीय जमीन पर कब्जे को हटाया जा रहा था तो उन्होंने भड़काऊ भाषण दिया था। वहां हिंसा भड़की थी,जिस पर पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में लिया था।

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    भाजपा प्रतिद्वंद्वी गजय सिंह को 4538 वोटों से हराया

    केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में पहली बार हुए वर्ष 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में डोडा निर्वाचन क्षेत्र में मेहराज मलिक ने अपने भाजपा प्रतिद्वंद्वी गजय सिंह को 4,538 मतों से हराकर आप को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहली बार प्रवेश दिलाया। विधायक निर्वाचित होने से पहले मेहराज मलिक वर्ष 2020 में जम्मू-कश्मीर में हुए पहले डीडीसी चुनावों में कहारा से डोडा जिला विकास परिषद के सदस्य चुने गए थे।

    विधायक बनने के बाद डीडीसी पद से दिया इस्तीफा

    विधानसभा में चुने जाने के बाद, उन्होंने डीडीसी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में उधमपुर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भी चुनाव लड़ा, लेकिन चौथे स्थान पर रहे। इस चुनाव में केंद्रीय मंत्री डा जितेंद्र सिंह को विजेता घोषित किया गया। चुनाव आयोग को सौंपे गए हलफनामे में उनके द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, 2021 और 2024 के बीच आपराधिक धमकी से लेकर घर में जबरन घुसने और समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने जैसे मामलों में उनके खिलाफ लगभग आधा दर्जन पुलिस एफआईआर दर्ज की गईं।

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    मलिक पर इस आधार लगाया गया है पीएसए

    वह सार्वजनिक व्यवस्था में लगातार बाधा डाल रहे थे, खासकर ऐसे समय में जब जिला प्रशासन पहाड़ी जिले के दूरदराज के इलाकों में हाल ही में हुई भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए राहत उपाय शुरू करने में व्यस्त था।अधिकारियों ने बताया कि मलिक पर ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों पर हमला करने, उन्हें उनके कार्यालयों में बंद करने और सार्वजनिक रूप से गाली-गलौज व धमकी देने का आरोप है। साथ ही, उन पर अपहरण का भी आरोप है।