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    हर गली खौफ में राहगीर! जम्मू-कश्मीर में कुत्तों के काटने के दो लाख से अधिक मामले दर्ज, सरकार ने शेयर किया डेटा

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 03:18 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन सालों में कुत्तों के काटने के दो लाख से ज़्यादा मामले दर्ज हुए हैं। सरकार ने आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है। सबसे ज़्यादा मामले जम्मू जिले में दर्ज किए गए हैं, जबकि श्रीनगर शहर दूसरे स्थान पर है। सरकार 2025 तक इस समस्या को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है।

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    जागरण ग्राफिक्स

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। पिछले तीन वर्ष में जम्मू-कश्मीर में कुत्तों के काटने के दो लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इसे देखते हुए प्रदेश में आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए व्यापक अभियान शुरू किया गया है। नेशनल कान्फ्रेंस के विधायक मुबारक गुल के प्रश्न के उत्तर में सरकार ने कहा कि 2022 से प्रदेश में कुत्तों के काटने के 2,12,968 मामले दर्ज किए गए हैं।

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    मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जिनके पास आवास और शहरी विकास विभाग भी है, ने विधानसभा में लिखित उत्तर में बताया कि जम्मू संभाग से 98,470 मामले और कश्मीर संभाग से 1,14,498 मामले दर्ज किए गए।

    सरकार ने शेयर किया डेटा

    सरकार द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन अवधि के दौरान जम्मू जिले में सबसे अधिक 54,889 मामले सामने आए। इसके बाद श्रीनगर शहर में 36,406 मामले सामने आए। दक्षिण कश्मीर का अनंतनाग जिला 26,453 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है। इसके बाद उत्तरी कश्मीर के बारामुला में 18,563 मामले आए हैं।

    सरकार ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में पिछले तीन साल में कुत्तों के काटने के सबसे कम 1357 मामले दर्ज किए गए। आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया गया है। अब्दुल्ला ने बताया कि जून 2023 से सितंबर 2025 तक 48998 आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण किया गया।

    श्रीनगर टॉप पर...

    श्रीनगर नगर निगम 27,237 नसबंदी और टीकाकरण के साथ सूची में सबसे ऊपर है। उसके बाद जम्मू नगर निगम 13,730 नसबंदी और टीकाकरण के साथ दूसरे स्थान पर है। सरकार ने बताया कि जम्मू क्षेत्र के अन्य जिलों में नगर समितियों ने 7870 नसबंदी और टीकाकरण किए।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीनगर में दो पशु जन्म नियंत्रण केंद्र हैं और तीसरा स्थापित किया जा रहा है जबकि शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय कश्मीर, कश्मीर संभाग के शेष नौ जिलों में ऐसे केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया में है। इसके लिए उपायुक्तों के साथ भूमि की पहचान का काम शुरू कर दिया गया है।

    सरकार ने बताया कि पहले चरण में इन केंद्रों की स्थापना के लिए बारामुला, कुलगाम और सुंबल में तीन क्लस्टरों के लिए भूमि की पहचान पहले ही कर ली गई है। किस जिले में कितने मामले : जिलेवार आंकड़ों के अनुसार कश्मीर संभाग में कुल 114498 मामले दर्ज किए गए जबकि इसी अवधि में जम्मू संभाग में 98470 मामले दर्ज किए गए।

    इन शहरों में आए इतने मामले

    बारामूला में 18,563 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद बड़गाम में 9382, कुलगाम में 6,612, बांडीपोरा में 5,367, पुलवामा में 3,426, कुपवाड़ा में 3594, गांदरबल में 3338, अनंतनाग में 2,359 और शोपियां में 1357 का स्थान रहा। जम्मू संभाग में जम्मू जिले में सबसे अधिक 54889 मामले दर्ज किए गए।

    इसके बाद कठुआ 8913, ऊधमपुर में 8,549, डोडा में 4390, रियासी में 4210, राजौरी में 6242, पुंछ में 2923, रामबन में 2,257, किश्तवाड़ में 3662 और सांबा में 3335 हैं।