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    जम्मू में ई-बस चालकों की हड़ताल, नहीं चली 50 प्रतिशत बसें; पिटाई-प्राइवेट बस वालों से कहा-सुनी से खफा हैं चालक

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 07:48 PM (IST)

    जम्मू स्मार्ट सिटी लिमिटेड की आधी ई-बसें चालकों की हड़ताल के कारण सड़कों पर नहीं उतरीं। निजी बसों से मारपीट की घटनाओं के विरोध में चालकों ने काम बंद कर दिया। प्रशासन के हस्तक्षेप और मांगों पर विचार करने के आश्वासन के बाद हड़ताल समाप्त हुई और दोपहर बाद बसें फिर से चलने लगीं।

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    इस हड़ताल से महिला यात्रियों को काफी परेशानी हुई, क्योंकि वे मुफ्त ई-बस सेवा का उपयोग नहीं कर पाईं।

    जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू स्मार्ट सिटी लिमिटेड की 50 प्रतिशत ई-बसें बुधवार को शहर की सड़कों पर नहीं उतर पाईं। ई-बस चालकों, परिचालकाें द्वारा हड़ताल कर दिए जाने के कारण जम्मू संभाग में ई-बस सेवा प्रभावित रही। दोपहर बाद हड़ताल समाप्त हुई और फिर ये गाड़ियां सड़कों पर चलीं।

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    जम्मू स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ई-बसों के चालक बुधवार सुबह 6 बजे के करीब भगवती नगर डिपो में एकत्र हुए और हड़ताल करने की घोषणा करते हुए कामकाज ठप कर दिया। उनका कहना था कि आए दिन प्राइवेट मेटाडोर, बसों वाले उनसे मारपीट कर रहे हैं।

    बुधवार सुबह भी एक कंडक्टर के साथ मारपीट हुई। जिसके बाद सभी चालकों ने हड़ताल करने की घोषणा की। इसकी जानकारी मिलते ही जेएससीएल के संबंधित अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। हालांकि पहले से निर्धारित समय के चलते बहुत सी बसें निकल चुकी थीं।

    अलबत्ता आधे से ज्यादा चालक यहां एकत्र रहे और उन्होंने कोई गाड़ी बाहर नहीं निकाली। नतीजतन जेएससीएल की करीब 50 प्रतिशत बसें ही सड़कों पर रहीं।

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    जो बसें निकल चुकी थीं तो वो तो चलती रहीं लेकिन शेष बसों को चालकों ने नहीं चलाया। चालकों ने जेएससीएल व सरकार के खिलाफ रोष जताते हुए नारेबाजी की। इसके बाद जिला प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई तो आयुक्त के निर्देश पर मजिस्ट्रेट ने मौके पर पहुंच कर चालकों को समझाने का प्रयास शुरू किया।

    प्रदर्शनकारी चालक सैलरी स्लिप, नियुक्त पत्र देने, आए दिन चालकों, परिचालकों से हो रही मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने, किसी दुर्घटना में चोटिल होने पर मुआवजा देने और उनके सुझाए रूटों पर ड्यूटी लगाने की मांग को लेकर हड़ताल पर उतरे थे।

    चालकों का कहना है कि प्राइवेट बसों, मेटाडोर वाले लड़ाई करते हैं लेकिन जेएससीएल उनके समर्थन में नहीं आते। न ही कोई कार्रवाई करते हैं। बार-बार ऐसी घटनाएं हो रही हैं। चालकों, परिचालकों का कहना है कि प्राइवेट वाले आए दिन ऐसा कर रहे हैं क्योंकि उन्हें ई-बस सेवा रास नहीं आ रही।

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    अधिकतर लोग ई-बसों में बैठना पसंद करते हैंं। उनका कहना है कि बार-बार ऐसी परेशानियां हो रहीं हैं। इनका समाधान होना ही चाहिए। चालकों ने वेतन बढ़ाने की भी मांग की। उन्होंने कई बसें केसी चौक, भगवती नगर डिपो में भी खड़ी कर दी।

    बाद जिला आयुक्त के निर्देश तहसीलदार वेस्ट मौके पर पहुंचे। उन्हाेंने जेएससीएल अधिकारियों के साथ पहुंच कर चालकों को सुना तथा भरोसा दिलाया कि उनकी जायज मांगों को पूरा करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मारपीट करने वालों के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई करेगा। काफी समझाने-बुझाने के बाद प्रशासन के आश्वासन पर ई-बस चालक दोपहर 1 बजे के बाद काम पर लौटे।

    महिलाएं हुईं परेशान

    जम्मू स्मार्ट सिटी की ई-बसों में महिलाओं के लिए सवारी मुफ्त है। अधिकतर महिलाएं इन्हीं बसों में सफर करना चाहती हैं लेकिन बुधवार को हड़ताल के चलते जब बसें सड़कों नहीं दिखीं तो उन्हें काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ा। महिलाएं काफी समय तक बस स्टाप पर खड़ी रहीं लेकिन ई-बस नहीं आने पर मजबूर होकर दूसरी बसों व साधनों से अपने गंतव्यों तक पहुंची।

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    रोजाना हजारों की संख्या में महिलाएं इन ई-बसों में सफर करती हैं। जम्मू संभाग में जेएससीएल की 95 बसों रोजाना सड़कों पर विभिन्न रूटों पर दौड़ रही होती हैं। पहली अप्रैल 2025 से जम्मू-कश्मीर में सभी सरकारी बसों में महिलाओं के लिए यात्रा मुफ्त कर दी गई थी।