जम्मू-कश्मीर में बाढ़ की मार: 18 कालेजों को पहुंचा नुकसान, उच्च शिक्षा विभाग ने शुरू किया आकलन
जम्मू संभाग में भारी बारिश और बाढ़ के कारण 18 डिग्री कॉलेजों की इमारतों को नुकसान पहुंचा है। कॉलेजों में पानी भरने और जलभराव के कारण नुकसान का आकलन किया जा रहा है। साइंस कॉलेज में पानी भरने से छात्रों को निकालने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी। उच्च शिक्षा विभाग नुकसान का जायजा ले रहा है और कॉलेजों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। पिछले दिनों हुई भारी बारिश व बाढ़ से जम्मू संभाग के 18 डिग्री कालेजों के भवनों को नुकसान पहुंचा है। कालेजों की इमारतों में बारिश का पानी भर जाने, जलभराव व बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है जिसका आकलन किया जा रहा है।
कालेजों ने अपनी-अपनी कमेटियां बनाकर नुकसान का आकलन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कुछ कालेजों ने नुकसान का आकलन करके विभाग को भेज दिया है। जिन कालेजों को बाढ़ व बारिश से नुकसान हुआ है, उनमें मुख्य रूप से साइंस कालेज, कामर्स कालेज, मढ़ डिग्री कालेज, सिद्धड़ा डिग्री कालेज, ठाठरी डिग्री कालेज शामिल हैं।
कश्मीर संभाग में किसी कालेज को बाढ़ से नुकसान नहीं हुआ है। जम्मू के सबसे पुराने प्रतिष्ठित साइंस कालेज में बाढ़ का पानी चार से पांच फीट तक भर गया था। इसके बाद हास्टल में फंसे विद्यार्थियों को निकालने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा था।
कालेज के प्रिंसिपल प्रो. रमेश गुप्ता का कहना है कि कालेज को काफी नुकसान हुआ है। इसके लिए कमेटी का गठन किया है जो आकलन कर रही है। पूरा ब्योरा जुटा कर उच्च शिक्षा विभाग को भेजा जाएगा।
विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शांतमनु ने गत दिनों कालेज का दौरा कर जायजा लेते हुए यह आश्वासन दिया था कि सरकार की तरफ से हर संभव सहयोग दिया जाएगा। साइंस कालेज के बिलकुल साथ लगते कामर्स कालेज में भी पानी घुसा था।
वहां पर नुकसान का आकलन किया जा रहा है। आरएसपुरा डिग्री कालेज, मढ़ डिग्री कालेज, ठाठरी डिग्री कालेज, मढ़ डिग्री कालेज को भारी बारिश, बाढ़ से नुकसान हुआ है। कालेजों में कीचड़ निकाल कर सफाई तो कर दी गई है लेकिन उपकरणों, ढांचागत विकास को पहुंचे नुकसान की भरपाई के लिए उच्च शिक्षा विभाग के फैसले का इंतजार किया जा रहा है।
सिद्धड़ा कालेज के विद्यार्थियों को शिफ्ट करने पर नहीं हुआ फैसला
बाढ़ से सिद्धड़ा डिग्री कालेज को काफी नुकसान हुआ है। सिद्धड़ा डिग्री कालेज की नई इमारत का निर्माण कुछ समय पहले शुरू हुआ था। पांच साल पहले सिद्धड़ा में नया कालेज खोलने को मंजूरी मिली थी।
यहां पर कालेज का निर्माण हो रहा है, वहां पर ही अस्थायी इमारत तैयार करके कक्षाएं लगाई जा रही हैं। कालेज में बाढ़ का पानी घुस गया था। काफी मलबा जमा हो गया है। उच्च शिक्षा विभाग ने कालेज के विद्यार्थियों को कुंजवानी डिग्री कालेज या भगवती महिला कालेज में शिफ्ट करने की योजना बनाई थी। कालेज में करीब 125 ही विद्यार्थी हैं।
विद्यार्थी इन दोनों कालेजों में शिफ्ट होने को तैयार नहीं हैं। विद्यार्थी मौलाना आजाद मेमोरियल कालेज में जाने के इच्छुक हैं। अब यह मामला उच्च शिक्षा के पास है। चूंकि सिद्धड़ा डिग्री कालेज जम्मू विवि के अधीन आता है और कुंजवानी व भगवती नगर महिला कालेज भी जम्मू विवि के अधीन हैं, इसलिए विभाग इन दोनों कालेजों में विद्यार्थियों को शिफ्ट करना चाहता है।
मौलाना आजाद मेमोरियल कालेज, क्लस्टर विवि जम्मू के अधीन आता है। विभाग इन पहलुओं पर भी गौर कर रहा है।
चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों के क्वार्टरों को भी नुकसान
साइंस कालेज में ग्यारह चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के घरों को नुकसान पहुंचा। यह सारे कालेज में ही रहते थे। इनकी मदद के लिए कालेज प्रबंधन आगे आया है। यह सारे कर्मी कालेज के लोकल फंड से संबंधित अस्थायी कर्मी हैं। अभी तक इन कर्मियों को सरकार से कोई सहायता नहीं मिली है।
अब कालेज प्रबंधन ने इन कर्मियों की मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं। इसके लिए आम लोगों से भी सहयोग की उम्मीद की जा रही है। कालेज के प्रिंसिपल प्रो. रमेश गुप्ता ने कहा कि कर्मियों की मदद के लिए हर एक को सहयोग करना चाहिए।
स्कास्ट व तकनीकी विवि को भी नुकसान
शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और तकनीकी विश्वविद्यालय में भी हुआ नुकसान। टीम इसका आकल कर रही है। सरकार को जल्दी रिपोर्ट भेजी जाएगी। विश्वविद्यालय में बाढ़ का पानी तीन से चार फीट तक भर गया था।
जिस दिन जम्मू में अधिक बारिश हुई थी और बाढ़ आई तो विश्वविद्यालय में पानी भर गया। विद्यार्थियों व स्टाफ को निकाला गया था। विश्वविद्यालय ने अपनी टीम का गठन किया है जो नुकसान का आकलन कर रही है।
विवि के टीचिंग स्टाफ के प्रधान डा. विकास शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय में हुए नुकसान की भरपाई के लिए विशेष पैकेज दिया जाए। जम्मू विवि के ओल्ड कैंपस में भी कर्मियों के क्वार्टर में बाढ़ का पानी घुस गया था। वहां पर एक हास्टल भी है जिसमें पानी भर गया था।
विश्वविद्यालय वहां पर रहने वाले कर्मियों को बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध करवाएगा। स्टाफ क्वार्टर में पानी भरने से लोगों का समान खराब हो गया था। काफी कीचड़ जमा हो गया जिसमे निकाला गया।
बाढ़ व भारी बारिश से जम्मू-कश्मीर में 18 कालेजों को नुकसान पहुंचा है। यह सभी जम्मू संभाग में हैं। इनमें शिफ्ट का मामला सिर्फ सिद्धड़ा का है। वो भी अस्थायी है। इस मामले का समाधान हो जाएगा। कालेजों में पढ़ाई पर असर नहीं होने दिया गया है। अगर कहीं पर समस्या आती है तो हम आनलाइन कक्षाएं चला रहे हैं। कालेज नुकसान का आकलन करके डायरेक्टर प्लानिंग को भेज रहे हैं। -डा. शेख बशीर, निदेशक, उच्च शिक्षा विभाग
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