जम्मू नगर निगम की बड़ी पहल, गांधीनगर रेहड़ी जोन को बनाया जाएगा मॉडर्न, जानिए क्या होने जा रहे बदलाव?
जम्मू के गांधीनगर रेहड़ी जोन में एक नई पहल शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य इसे आधुनिक सुविधाओं से लैस करना है। इस बदलाव से रेहड़ी वालों को बेहतर व्यवसाय करने में मदद मिलेगी, क्योंकि इसमें बैठने की अच्छी व्यवस्था, सफाई और बेहतर प्रकाश व्यवस्था शामिल है। ग्राहकों को खरीदारी का बेहतर अनुभव मिलेगा, और आधुनिक दुकानें, बेहतर पार्किंग और सार्वजनिक शौचालय जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

जम्मू नगर निगम की योजना से लोगों को मिलेगा फायदा।
अंचल सिंह, जागरण, जम्मू। मंदिरों के शहर का एकमात्र रेहड़ी जोन अब आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। सभी रेहड़ियां को मार्डन बनाया जाएगा। यह रेहड़ी जोन लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेगा।
जम्मू नगर निगम गांधीनगर स्थित रेहड़ी जोन को मार्डन बनाने जा रहा है। विक्रम चौक-सतवारी मार्ग पर गांधीनगर में सड़क किनारे बने रेहड़ी जोन में जहां तक भी रेहड़ियां लगती हैं, वहां टाइलें डाली जाएंगी। इसके अलावा यहां शौचालयों का भी निर्माण होगा। इतना ही नहीं नलके और वॉटर कूलर भी लगेंगे ताकि रेहड़ी जोन में खाने-पीने का आनंद उठाने आने वालों को राहत प्रदान की जा सके।
जम्मू शहर में यह ही एकमात्र ऐसा रेहड़ी जोन है जो शाम ढलते ही गुलजार हो जाता है। ऐसे तो विभिन्न इलाकों में रेहड़ियां लगती हैं लेकिन इसके सिवा कहीं भी जोन नहीं बन पाया। मनमाने तरीके से रेहड़ियां लगाई और हटाई जाती हैं। निगम ने सिर्फ गांधीनगर रेहड़ी जोन की ही अनुमति दे रखी है।
शेष स्थान पर रेहड़ियां लगाने की अनुमति नहीं है। उन्हें अवैध माना जाता है और जब कभी भी कार्रवाई होती है तो रेहड़ियां जब्त कर ली जाती है। जुर्माने किए जाते हैं। वहीं रेहड़ी जोन के कुछ हिस्से को खाली करवाते हुए टाइल डालने संबंधी कार्यों को शुरू करवा दिया गया है।
बनेंगे 120 मार्डन रेहड़ियां
महिला कालेज गांधीनगर से लेकर लास्ट मोड़ तक बने इस रेहड़ी जोन में 120 मार्डन रेहड़ियां बनाई जाएंगी। यह रेहड़ियां टायरों पर बनेंगी ताकि इन्हें आगे-पीछे करने में भी कोई दिक्कत न हो। सभी रेहड़ियां एक जैसी होंगी जो रेहड़ी जोन को एक नया लुक देंगी। फिलहाल यहां सवा सौ से ज्यादा रेहड़ियां लगी हुई हैं।
शाम ढलते ही गुलजार होता है रेहड़ी जोन
इस रेहड़ी जोन की छटा शाम ढलने के बाद देखते ही बनती है। रंग-बिरंगी लाइटों के बीच खाने-पीने आने वाले लोगों से यह रेहड़ी जोन गुलजार हो जाता है। शाम 5.00 बजे से 9.30 बजे तक यहां रेहड़ियों पर लोग खाने-पीने की चीजों के चटखारे लगा रहे होते हैं। सस्ती और लजीज खाने-पीने की वस्तुएं यहां मिलती हैं।
बाहुफोर्ट में भी मिले आधुनिक खोखे
इससे पहले जम्मू नगर निगम ने शहर के बाहुफोर्ट में बावे माता मंदिर परिसर के बाहर जम्मू स्मार्ट सिटी के अधीन 23 लोगों को मार्डन खोखे व रेहड़ियां बनाकर दी थीं। इनमें से 13 पंजीकृत लोगों को मार्डन खोखे व 10 को रेहड़ियां बनाकर दी गई थीं। मई 2025 में एक ड्रा के द्वारा यहां लोगों को यह आवंटन किया गया था। इससे क्षेत्र में साफ-सफाई व एकरूपता श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है।
रेहड़ी वालों में भय
रेहड़ी जोन में मौजूदा समय में काम करने वाले बहुत से रेहड़ी वालों में भय है कि कहीं मार्डन रेहड़ी जोन बनाने की आड़ में पहले से काम कर रहे लोगों को बाहर न निकाल दिया जाए। नाम न छापने की शर्त पर वे बताते हैं कि सुनने में आ रहा है कि कुछ राजनीतिक रसूख वालों को इसमें खुश करने की तैयारी है। अलबत्ता निगम का कहना है कि यहां काम करने वाले लाइसेंस होल्डर रेहड़ी वालों को ही नई रेहड़ियां दी जाएंगी।
रेहड़ियों की भरमार
जम्मू शहर में मौजूदा समय में 8 हजार के करीब रेहड़ियां हैं। इनमें से मात्र एक हजार के करीब ही पंजीकृत हैं। शेष रेहड़ियां अवैध तरीके से शहर की गलियों, सड़कों पर लगाई गई होती हैं। जब कभी निगम अभियान चलाता है तो यह रेहड़ी वाले यहां-वहां भागना शुरू हो जाते हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
‘मार्डन रेहड़ी जोन अगले दो महीनों में बनकर तैयार हो जाएगा। इसके लिए जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया गया है। रेहड़ी वालों को पहले की तरह ही फीस देनी है। एक ही तरह की रेहड़ियां बनेंगी। पानी, शौचालय आदि सुविधाएं भी उपलब्ध रहेंगी। साफ-सफाई को प्राथमिकता दी जाएगी। लाइसेंस होल्डर ही यहां रह पाएंगे।’ -सुबह मेहता, ज्वाइंट कमिश्नर रेव्न्यू एंड इंफोर्समेंट, जेएमसी
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।