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Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में जल्द होंगे पंचायत और निकाय चुनाव, LG मनोज सिन्हा ने किया एलान

जम्मू-कश्मीर में जल्द ही पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव होंगे इसकी घोषणा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने की है। ओबीसी आरक्षण और अन्य कारणों से यह चुनाव समय पर नहीं हो सके थे। उपराज्यपाल ने पश्चिमी पाकिस्तान से आए लोगों गोरखा समाज और वाल्मीकियों के अधिकारों को सुरक्षित रखने का भी आश्वासन दिया है। वह झिड़ी मेले में बाबा जित्तो और बुआ कौड़ी के दरबार में माथा टेकने पहुंचे थे।

By rahul sharma Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sun, 17 Nov 2024 09:46 AM (IST)
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उपराज्यपाल ने बाबा जित्तो और बुआ कौड़ी के मंदिर में माथा टेका
जागरण संवाददाता, जम्मू। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (LG Manoj Sinha) ने शनिवार को कहा कि जम्मू- कश्मीर में जल्द पंचायत (Jammu Kashmir Panchayat Election) व स्थानीय निकाय चुनाव करवाए जाएंगे। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए वार्डों के परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया सहित विभिन्न कारणों से यह चुनाव समय पर नहीं हो सके। इसके अलावा उन्होंने पश्चिमी पाकिस्तान से आए लोगों, गोरखा समाज और वाल्मीकियों के अधिकारों को सुरक्षित रखने का यकीन दिलाया।

झिड़ी मेले में पहुंचे थे उपराज्यपाल

उपराज्यपाल जम्मू के कानाचक्क में पड़ते झिड़ी मेले में बाबा जित्तो और बुआ कौड़ी के दरबार में माथा टेकने पहुंचे थे। झिड़ी मेले में पहुंचने पर उपराज्यपाल ने कहा कि बाबा जित्तो का बलिदान समाज को मजबूत राष्ट्र की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करता है।

उन्होंने कहा कि मेले का गहरा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व हमें हमारे किसान परिवारों के बलिदान व मानवता की सेवा और पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाता है। यही नहीं, यह मेला भारत की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।

एलजी ने पीएम मोदी के संकल्प को साझा किया

उपराज्यपाल ने मेले के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए सरकार के संकल्प को साझा किया। किसानों को सशक्त बनाने को मिशन बताते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों में परिवर्तन को तेज करने के लिए बेहतर कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सुनिश्चित करेंगे कि ग्रामीण क्षेत्रों में हमारे युवाओं को बेहतर अवसर मिलें।

अधिकारों को लेकर चिंतित इन वर्गों को दिलाया विश्वास

हाल ही में हुए विधानसभा सत्र में विशेष दर्जे की बहाली का प्रस्ताव पारित होने के बाद अपने अधिकारों को लेकर चिंतित पश्चिमी पाकिस्तान से आए लोगों, गोरखा समाज, वाल्मीकियों और अन्य वंचित वर्गों के नागरिकों को उपराज्यपाल ने विश्वास दिलाया कि उनके अधिकार की रक्षा के लिए वह पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। उनके साथ किसी तरह की नाइंसाफी नहीं होगी।

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2018 में हुए थे पिछले पंचायत व निकाय चुनाव

बता दें कि जम्मू- प्रशासन ने राज्य चुनाव आयोग के निर्देश के बाद 11 नवंबर से मतदाता सूची को अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पिछले पंचायत व निकाय चुनाव 2018 में अक्टूबर और दिसंबर के बीच हुए थे। निकाय पांच साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। जम्मू-कश्मीर में 28 हजार पंच-सरपंच और 310 ब्लाक विकास परिषद थीं।

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