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    जम्मू-कश्मीर: भाजपा को लाभ देगी विपक्ष की खींचतान; नेकां की बैठक से कांग्रेस की दूरी, पीडीपी भी नहीं खोल रही पत्ते

    By Vivek Singh Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Thu, 23 Oct 2025 11:44 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में विपक्षी दलों में तालमेल की कमी भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। नेशनल कॉन्फ्रेंस की बैठक से कांग्रेस की दूरी और पीडीपी की चुप्पी ने विपक्षी एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भाजपा इस स्थिति का लाभ उठाकर राज्य में अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयास करेगी।

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    कांग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंस से राज्यसभा की एक सुरक्षित सीट मांग रही थी।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। जम्मू कश्मीर में राज्यसभा की चार सीटों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर कश्मीर केंद्रित दलों की आपसी खींचतान भाजपा की एक सीट से जीत यकीनी बना रही है।

    राज्यसभा की चार सीटों के लिए चुनाव श्रीनगर में 24 अक्टूबर को होना है। तीन सीटों पर नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवारों की जीत तय है व चौथी सीट की लड़ाई में 28 विधायकों वाली भाजपा का पलड़ा भारी हो रहा है। अपनी असुरक्षित चौथी सीट के लिए इमरान नबी डार को उम्मीदवार बनाने वाली नेशनल कांफ्रेंस को बुधवार कांग्रेस ने कड़े तेवर दिखाए।

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    कांग्रेस पार्टी ने श्रीनगर में चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की बैठक का बहिष्कार कर दिया। वहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने भी राज्यसभा चुनाव में समर्थन मांगने वाली नेशनल कांफ्रेंस को काेई भाव नही दिया। ऐसे में चाैथी सीट के लिए भाजपा विरोधी दल अंतिम समय में ही पत्ते खोलेंगे।

    कांग्रेस नहीं हुई नेकां की बैठक में शामिल

    मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्यसभा चुनाव की रणनीति बनाने के लिए श्रीनगर में बुधवार को बैठक बुलाई थी। इसमें कांग्रेस ने शामिल न होकर अपनी नाराजगी का इजहार कर दिया। कांग्रेस ने नेकां के उसे असुरक्षित सीट से उम्मीदवार उतारने की पेशकश को ठुकरा दिया था। कांग्रेस राज्यसभा की एक सुरक्षित सीट मांग रही थी।

    इसके बाद कांग्रेस कांग्रेस ने असुरक्षित नगरोटा विधानसभा सीट से उम्मीदवार उतारने से भी इंकार दिया था। नेशनल कांफ्रेंस की बैठक में हिस्सा न लेने वाली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तारिक हमीद करा का कहना है कि हम पार्टी हाइकमान द्वारा दिशानिर्देश मिलने के बाद वीरवार को राज्यसभा चुनाव को लेकर अपनी रणनीति की घोषणा करेंगे।

    नेकां ने भाजपा के खिलाफ कांग्रेस-पीडीपी से मांगा समर्थन

    नेशनल कांफ्रेंस ने कांग्रेस, पीडीपी से एकजुट होकर भाजपा का सामना करने के लिए समर्थन मांगा था। लेकिन बुधवार को इन दोनों दलों में अपने तेवर दिखाए। पीडीपी प्रधान महबूबा मुफ्ती ने भी नेकां को समर्थन देने की हामी नही भरी। पीडीपी के विधायक वाहिद पारा ने बुधवार को कहा कि हमने राज्यसभा चुनाव में मतदान को लेकर बैठक की है। लेकिन इसमें कोई फैसला नही हुआ। हम राज्यसभा चुनाव में शामिल होने को लेकर कल होने वाली बैठक में फैसला करेंगे।

    राज्यसभा चुनाव की तैयारियों के बीच पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद गनी लोन ने राज्यसभा चुनाव में हिस्सा लेने से इंकार किया है। वहीं वहीं शापियां के विधायक बशीर अहमद कुले ने स्पष्ट किया है कि वह मतदान में हिस्सा लेंगे। लेकिन नेशनल कांफ्रेंस के खिलाफ लड़कर चुनाव जीतने वाले अवामी इतेहाद पार्टी के विधायक खुर्शीद अहमद शेख ने अपने पत्ते नही खोले हैं। उनके भी मतदान में शामिल होने के अासार कम हैं।

    नेशनल कांफ्रेंस के हैं 41 विधायक 

    सत्ताधारी नेशनल कांफ्रेंस के 41 विधायक हैं, ऐसे में दो सीटों के लिए अलग अलग होने वाले चुनाव को जीतने में सक्षम है। वहीं एक साथ दो सीटों के लिए चुनाव में नेकां 30 वोटों के साथ एक सीट तो जीत लेगी लेकिन उसके पास दूसरी सीट के लिए 11 वोट ही बचेंगे।

    दो सीटों के लिए एक साथ होने वाले चुनाव में एक विधायक सिर्फ से बार वोट डाल सकता है। इस सीट के लिए भाजपा के पास अपने 28 विधायक है। ऐसे में अन्य दलों के विधायकों के चुनाव से दूरी बनाने का लाभ भी भाजपा को ही मिलेगा। चौथी सीट भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सत शर्मा को मिलना तय है। दो सीटों में से पहली सीट के लिए शम्मी ओबराय नेकां के सुरक्षित उम्मीदवार हैं। वहीं असुरक्षित चौथी सीट के लिए नेकां के उम्मीदवार इमरान नबी डार हैं।