जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री का निर्देश, सभी पुलों की सुरक्षा ऑडिट हो और डिजाइन का वैज्ञानिक तरीके से विश्लेषण भी करें
उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने हाल ही में आई बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए जम्मू-कश्मीर के राष्ट्रीय राजमार्गों और सड़कों की बहाली कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को मौके पर जाकर स्थिति का मूल्यांकन करने और बहाली सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। राष्ट्रीय राजमार्ग पर 105 में से 3 पुल क्षतिग्रस्त हुए थे जिन्हें बहाल कर दिया गया है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए हाल ही में आई बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुए जम्मू-कश्मीर के राष्ट्रीय राजमार्गों एवं अन्य महत्वपूर्ण सड़कों की बहाली कार्यों की विस्तृत समीक्षा की।
बैठक के दौरान लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव ने विभिन्न एजेंसियों द्वारा रख-रखाव की जा रही सड़क अवसंरचना पर एक प्रस्तुति दी। बताया गया कि राज्य में कुल 42,000 किमी सड़क नेटवर्क में से लगभग 12,000 किमी सड़कें हाल की बाढ़ और फ्लैश फ्लड के कारण क्षतिग्रस्त हुई हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर 105 में से 3 पुल क्षतिग्रस्त
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि एनएच-44 पर उधमपुर-रामबन खंड में भारी क्षति हुई है। वहीं धार-उधमपुर खंड पर एकतरफा यातायात कल तक शुरू हो जाएगा। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि एनएच-44 पर कुल 105 पुलों में से 3 पुल क्षतिग्रस्त हुए थे, जिन्हें बहाल कर दिया गया है। उपमुख्यमंत्री ने कठुआ जिले में सेरी-कथ पुल के ढहने पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए पूछा कि हाल ही में बना यह पुल बाढ़ में कैसे क्षतिग्रस्त हो गया। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को निर्देश दिए कि वह सभी पुलों का डिज़ाइन व संरचनात्मक ऑडिट कराएं।
एक सप्ताह में बहाल होगी बुढाल-महोर-गुल सड़क
संपर्क के चीफ इंजीनियर ने जानकारी दी कि राजौरी-थन्नामंडी, सुरनकोट, रियासी-अरनास-महोर, राजौरी-कंडी-बुढाल, पौनी-सैर राजौरी, बेरी-पेठन, झूलास और अखनूर-पुंछ मार्ग बहाल हो चुके हैं। वहीं बुढाल-महोर-गुल सड़क अगले एक सप्ताह में बहाल कर दी जाएगी। किश्तवाड़-छात्रोई, डोडा-किश्तवाड़ और किश्तवाड़-सिंथन सड़कों की स्थिति की भी समीक्षा की गई, जहां अधिकतर सड़कों की अस्थायी बहाली हो चुकी है और शेष पर कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। कश्मीर घाटी विशेषकर दक्षिण कश्मीर में बहाली कार्यों का भी उप मुख्यमंत्री ने जायज़ा लिया। चीफ इंजीनियर ने बताया कि अधिकांश सड़कें अस्थायी रूप से यातायात के लिए बहाल हो चुकी है।
मौके पर जाकर स्थिति का मूल्यांकन करें अधिकारी
उपमुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को मौके पर जाकर स्थिति का मूल्यांकन करने और शीघ्र बहाली सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही प्रशासनिक विभाग को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को निर्देश दिए कि सभी पुलों की सुरक्षा ऑडिट कराएं और डिजाइन व संरेखण का वैज्ञानिक तरीके से विश्लेषण किया जाए ताकि पहाड़ी क्षेत्रों के पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखा जा सके।
समयबद्ध तरीके से पूरा हो बहाली कार्य
उपमुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि बहाली कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए और जहां भी लापरवाही या सुस्ती दिखे, वहां संबंधित एजेंसियों या ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, जिसमें ब्लैक लिस्टिंग भी शामिल है। उन्होंने सीमा सड़क संगठन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण समेत सभी एजेंसियों को गुणवत्ता मानकों का पालन सुनिश्चित करने और बड़े ठेकों को सब-लेट करने से बचने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सड़कों की सुचारू व त्वरित बहाली से लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही संभव हो सकेगी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं में लोक निर्माण विभाग अग्रिम पंक्ति में कार्य करता है, और सभी आवश्यक सेवाएं लोगों तक तभी पहुंच सकती हैं जब सड़क संपर्क बहाल हो।
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