जम्मू में कैसे रोका जाए अवैध खनन? मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने बताया तरीका
मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने एकीकृत खनन निगरानी प्रणाली को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं ताकि जम्मू-कश्मीर में अवैध खनन पर रोक लगाई जा सके। इस प्रणाली ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, जम्मू। मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने प्रदेश में एकीकृत खनन निगरानी प्रणाली को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि अवैध खनन पर रोक लगाई जा सके। मंगलवार को श्रीनगर में खनन विभाग की कार्यप्रणाली की समीक्षा बैठक में उन्होंने तकनीक आधारित प्रणाली के माध्यम से खनन गतिविधियों की निगरानी करने और अवैध खनन के खिलाफ उठाए गए कदमों की जानकारी ली।
मुख्य सचिव ने कहा कि एकीकृत खनन निगरानी प्रणाली से प्राप्त हर अलर्ट पर ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने दोषी अधिकारियों और उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों को भी इस प्रणाली की पहुंच में लाने का सुझाव दिया, ताकि वे अपने क्षेत्र में अवैध खनन पर त्वरित कार्रवाई कर सकें।
बैठक में यह भी बताया गया कि जम्मू-कश्मीर में वर्तमान में 48 चूना पत्थर ब्लाक और 235 लघु खनिज ब्लाक हैं, जिनमें से 207 को लीज पर दिया जा चुका है, जिससे प्रदेश को लगभग 220 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की संभावना है। एकीकृत खनन निगरानी प्रणाली के तहत अब तक 114 अलर्ट प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 29 की फील्ड जांच की गई और 16 स्थानों पर अवैध खनन की पुष्टि हुई।
इसके साथ ही, अवैध खनन पर प्रभावी रोक के लिए क्विक रिस्पान्स टीम का गठन किया गया है। मुख्य सचिव ने लिथियम, नीलम, लिग्नाइट, ग्रेनाइट, डोलोमाइट, ग्रेफाइट, और जिप्सम जैसे खनिज संसाधनों की खोज की दिशा में प्रगति की भी समीक्षा की। बैठक में खनन विभाग के प्रमुख सचिव, प्रदूषण नियंत्रण समिति, भूविज्ञान एवं खनन, और अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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