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    लेह में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए 6 नेता जमानत पर छूटे, लिस्ट में कांग्रेस के पार्षद भी शामिल

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 12:35 AM (IST)

    लेह में 24 सितंबर को हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद हिरासत में लिए गए कांग्रेस पार्षद समेत छह नेताओं को जमानत पर रिहा कर दिया गया है। प्रशासन ने विश्वास बहाली के लिए यह कदम उठाया है। लेह अपेक्स बाडी और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस ने वार्ता के लिए कुछ शर्तें रखी हैं, जिनमें सभी हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई और मृतकों के परिवारों को मुआवजा देना शामिल है।

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    लेह हिंसा: प्रदर्शन के बाद 6 नेता जमानत पर छूटे। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। लेह में 24 सितंबर को हिंसक प्रदर्शनों के दौरान हिरासत में लिए गए कांग्रेस के पार्षद समेत छह नेताओं को तीन हफ्तों के बाद बुधवार जमानत पर रिहा कर दिया गया। लेह में विश्वास बहाली के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत प्रभावी पाबंधियां हटाने के साथ छह नेताओं को भी रिहा किया।

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    बुधवार को रिहा किए गए इन नेताओं में कांग्रेस के पार्षद स्टेंजिन फुंत्योग सेपक, लद्दाख बौद्ध संघ की महिला शाखा की अध्यक्ष कुंज़स डोल्मा, अंजुमन मोइन-उल-इस्लाम के इरफान बारी व लेह अपेक्स बाडी के पद्मा स्टेंजिन, जिगमित पालजोर व स्टेंजिन चोस्पल शामिल हैं।

    ये सभी वे युवा नेता हैं, जिन्होंने हिंसा में शामिल होने के आरोप लगने के बाद पुलिस की कार्रवाई के बीच स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण किया था। पुलिस ने 24 सितंबर के हिसंक प्रदर्शनों के बाद लेह में 70 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया था। इनमें से तीस को पहले व छह को अब जमानत पर छोड़ दिया गया है। अभी भी तीन दर्जन के करीब युवा लेह में हिरासत में रखे गए हैं।

    लेह अपेक्स बाडी व कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस ने लद्दाख के मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार के साथ वार्ता शुरू करने के लिए शर्तें रखी हैं। इनमें हिरासत में लिए सभी लोगों की रिहाई, हिंसक प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 4 लोगों की मौत के मामले की न्यायिक जांच के साथ सुरक्षा बलों की कार्रवाई में मारे गए लोगों व गंभीर रूप से घायल लोगों के परिजनों को मुआवजा देना शामिल है।

    छह लोगों की रिहाई सुनिश्चित कर प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिए कि लेह में लोगों की विश्वास बहाली के प्रति केंद्र सरकार गंभीर है। ऐसे में बातचीत की प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए गंभीरता से कार्रवाई हो रही है।