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    Mata Vaishno Devi Yatra: श्रद्धालुओं से गुलजार रहने वाले कटड़ा में छाई बेरौनकी, वैष्णो देवी यात्रा 10वें दिन भी स्थगित

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 04:11 PM (IST)

    माता वैष्णो देवी यात्रा ख़राब मौसम की वजह से स्थगित कर दी गई है जिससे कटड़ा में वीरानी छाई है। बारिश और भूस्खलन के कारण श्रद्धालुओं की आवाजाही पर रोक लगी है। कई यात्री वापस लौट गए हैं जबकि कुछ यात्रा शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। रियासी जिला प्रशासन स्थिति पर निगरानी रख रहा है और मार्गों की मरम्मत जारी है।

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    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भूस्खलन की जांच के लिए समिति गठित की है।

    डिजिटल डेस्क, जम्मू। माता वैष्णो देवी यात्रा आधार शिविर कटड़ा, जहां हमेशा श्रद्धालुओं का सैलाब देखने को मिलता था। वातावरण में जय माता दी के जयकारे गूंजते थे, आज वहां बेरौनकी छाई हुई है। बाजार सुनसान पड़े हुए हैं। अधिकतर होटल, बाजार बंद हैं। आज लगातार 10वें दिन भी माता वैष्णो देवी यात्रा स्थगित रही।

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    त्रिकुटा पहाड़ियों में लगातार खराब मौसम के कारण श्री माता वैष्णो देवी यात्रा मंगलवार को भी शुरू नहीं हो पाई। बारिश, भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से उत्पन्न सुरक्षा चिंताओं के कारण एहतियात के तौर पर अधिकारियों ने कटड़ा आधार शिविर से श्रद्धालुओं की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है।

    इस रोक के कारण आधार शिविर और आसपास के इलाके वीरान हो गए हैं। अधिकतर श्रद्धालु वापस घरों को लौट गए हैं परंतु अभी भी कई श्रद्धालु हैं तो यहां रूककर यात्रा के आरंभ होने का इंतज़ार कर रहे हैं।

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    रियासी जिला प्रशासन और श्राइन बोर्ड के अधिकारी स्थिति पर कड़ी नज़र रख रहे हैं। क्षतिग्रस्त मार्गों और सड़कों पर मरम्मत का काम भी युद्ध स्तर पर चल रहा है।

    आपको बता दें कि गत 27 अगस्त को भारी बारिश और भूस्खलन के कारण श्री माता वैष्णो देवी यात्रा स्थगित कर दी गई थी। अधकुंवारी मार्ग पर अचानक से हुए भूस्खलन की वजह से 34 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भूस्खलन के कारणों की जांच के लिए तीन-सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया है।

    अतिरिक्त मुख्य सचिव शालीन काबरा इस समिति के अध्यक्ष हैं जबकि जम्मू के संभागीय आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक भी इसमें शामिल हैं। समिति को विस्तृत जांच करने और दो सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट एलजी सिन्हा को सौंपने का काम सौंपा गया है।

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    आदेश में कहा गया है कि समिति घटना के कारणों की विस्तार से जांच करेगी और किसी भी चूक को इंगित करेगी। यही नहीं घटना के बाद किए गए बचाव और राहत उपायों का भी आकलन भी करेगी। भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उपयुक्त मानक संचालन प्रक्रिया (SOP)और उपाय भी सुझाएगी।

    जम्मू कश्मीर में भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाएं अभी भी जारी हैं। यही नहीं बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्रशासन ने राहत कार्य भी जारी रखा हुआ है।

    वहीं आपको यह जानकारी भी हो कि गत सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू के राजभवन में एक उच्च स्तरीय बैठक में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, विपक्ष के नेता सुनील शर्मा और अन्य बैठक में उपस्थित थे।

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    शाह ने जम्मू में बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने चौथे तवी पुल की स्थिति का भी निरीक्षण किया, जिसका एक हिस्सा भारी बारिश के कारण आई बाढ़ में बह गया था। शाह ने प्रभावितों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। 

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