Nagrota By-Poll Result: वर्षा-बाढ़ प्रभावितों तक राहत पहुंचाना विधायक देवयानी के लिए होगी सबसे बड़ी चुनौती
नागरोटा उपचुनाव के बाद, नवनिर्वाचित विधायक देवयानी राणा के सामने सबसे बड़ी चुनौती वर्षा और बाढ़ से प्रभावित लोगों तक राहत पहुंचाना है। उन्हें पुनर्निर्माण कार्यों को भी प्राथमिकता देनी होगी ताकि क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल हो सके।

नगरोटा विधानसभा क्षेत्र की स्थानीय समस्याओं का समाधान और विकास कार्य उनके कार्यकाल के महत्वपूर्ण पहलू होंगे।
जागरण संवाददाता, जम्मू। यूं तो नगरोटा विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य व शिक्षा ढांचा बेहतर बनाने व दम तोड़ते कारोबार को पटरी पर लाने के साथ युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने जैसे कई मुद्दे है जो यहां की नवनिर्वाचित विधायक देवयानी राणा के सामने चुनौतियां खड़ी करेंगे।
लेकिन हाल ही में आई वर्षा व बाढ़ से इस विधानसभा क्षेत्र में जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करना और पीड़ितों तक राहत पहुंचाना देवयानी राणा के लिए सबसे पहली व सबसे बड़ी चुनौती होगी।
नगरोटा विधानसभा उपचुनाव में नगरोटा के मतदाताओं ने दिल खोलकर उनके पक्ष में मतदान करते हुए उन्हें एकतरफा विजय दी है और देवयानी राणा को मतदाताओं के उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए सरकार का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।
अगस्त माह में हुई भारी वर्षा व बाढ़ के कारण नगरोटा के भीतरी इलाकों में अधिकांश सड़क संपर्क क्षतिग्रस्त हुआ है। इसके अलावा भलवाल व मथार जैसे इलाकों में किसानों का भारी नुकसान हुआ है जिन्हें अभी तक मुआवजा नहीं मिल पाया है। चुनाव प्रचार के दौरान देवयानी ने इन सभी मुद्दों का प्राथमिकता पर समाधान करने का विश्वास दिलाया है और अब उन्हें अपने वादों को पूरा करना होगा।
इन मुद्दों पर देवयानी राणा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वर्षा व बाढ़ से उनके विधानसभा क्षेत्र में भी काफी नुकसान हुआ था। पिछले 11 महीनों में उन्होंने लोगों तक राहत पहुंचाने का प्रयास किया है लेकिन चुनाव घोषणा के साथ ही चुनाव आचार संहिता लागू हो गई थी जिसके कारण राहत कार्य रूक गए थे।
अब चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न हो गई है और वह एक बार फिर से प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचेगी व लोगों की हर समस्या का समाधान किया जाएगा। नगरोटा विधानसभा क्षेत्र की अन्य चुनौतियों पर प्रतिक्रिया देते हुए देवयानी राणा ने कहा कि नगरोटा में 49 पंचायतें है और हर पंचायत के अपने-अपने मुद्दे व मसलें है।
हर गांव की अलग परेशानी है। उनका प्रयास रहेगा कि वह सरकार व प्रशासन को गांव स्तर तक पहुंचाए और लोगों की परेशानियों के अनुरूप उनका हल दिया जाए ताकि क्षेत्र में विकास को एक बार फिर से गति मिल सके।

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