जम्मू-कश्मीर में एड-हॉक वाले पेंशन के हकदार नहीं, परमानेंट होने पर ही मिलेगा लाभ
जम्मू कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि कर्मचारी एडहाक नियुक्ति से नहीं, बल्कि स्थायी होने पर ही पेंशन के हकदार हैं। अदालत ने कहा कि पेंशन योजना का निर्धारण स्थायी नियुक्ति की तिथि से होगा। यह फैसला पूर्व अर्दलियों की याचिका पर आया, जिन्होंने 2007-08 में एडहाक नियुक्ति और पुरानी पेंशन योजना का लाभ मांगा था।

जेएनएफ, जम्मू। जम्मू कश्मीर व लद्दाख हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि कोई भी कर्मचारी एडहाक नियुक्ति के दिन से नहीं, बल्कि स्थायी होने के दिन से पेंशन पाने का हकदार है। हाईकोर्ट ने कहा कि जिस दिन कर्मचारी किसी पद पर स्थायी होता है, उसी दिन से तय होगा कि वह पुरानी पेंशन योजना का हकदार है या नई पेंशन योजना का।
हाईकोर्ट ने यह फैसला हाईकोर्ट के पूर्व आठ अर्दलियों की याचिका में सुनवाई के दौरान दिया। याची अदनान वानी, मुश्ताक अहमद, जावेद अहमद, शौकत अहमद, जवाहर अहमद, ताहिर सद्दिकी, फ्याज अहमद व योगराज का दावा था कि वे 2007-08 में एडहाक पर नियुक्त हुए थे और सात साल की सेवाएं पूरी करने के बाद उन्हें स्थायी किया जाए। चूंकि उनकी नियुक्ति पहली जनवरी 2010 से पूर्व हुई थी, लिहाजा उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए।

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