जल शक्ति विभाग के डेलीवेजरों ने मुख्यमंत्री आवास का पानी रोका, जानिए क्यों फूटा प्रशासन के खिलाफ गुस्सा
जल शक्ति विभाग के डेलीवेजरों ने मुख्यमंत्री आवास का पानी रोककर प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है, जिसके कारण उनमें गुस्सा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे आंदोलन करेंगे।

जल शक्ति विभाग के डेलीवेजरों ने आरोप लगाया कि पिछले तीस वर्षों से उनकी अनदेखी हो रही है।
जागरण संवाददाता, जम्मू। जल शक्ति विभाग के डेलीवेजरों ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास समेत मंत्रियों, विधायकों, नौकरशाहों की पानी की आपूर्ति ठप कर दी। उन्हाेंने स्माधियां स्थित पंपिंग स्टेशन में पानी की आपूर्ति बंद कर दी।
यहां से डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के आसपास के इलाकों में जलापूर्ति होती थी। यहीं से मुख्यमंत्री के आवास को भी सप्लाई जाती है जबकि उनके आवास के नजदीक ही विधायकों व मंत्रियों के फ्लैट भी हैं। स्माधियां पंपिंग स्टेशन में आपूर्ति ठप करने से इन वीआईपी की आपूर्ति तो ठप हुई है, आसपास के मुहल्लों में भी आपूर्ति बंद हो गई।
जहां जल शक्ति विभाग के प्रदर्शनकारियों की एक टीम कई दिहाड़ीदारों के साथ पहुंची थी जिन्होंने स्माधियां पंपिंग स्टेशन को बंद किया। फ्रंट के सदस्य होशियार सिंह चिब की अध्यक्षता में यहां पहुंचे कर्मचारियों ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। होशियार सिंह ने कहा कि इससे पहले उन्होंने प्रदर्शन के बाद कंपनी बाग में पानी की आपूर्ति ठप की थी लेकिन उसकी आपूर्ति अस्पतालों में जाती थी लिहाजा इस बार कंपनी बाग के बजाय समाधियां पंपिंग स्टेशन को चुना गया।
उन्होंने कहा कि यह समय की जरूरत है क्योंकि मंत्रीगण अपने हितों को देख रहे हैं। डेलीवेजरों की कोई सुन नहीं रहा। अब मजबूर होकर हमें ऐसे कदम उठाने पड़ रहे हैं। अब हुक्का, पानी बंद करने के साथ अन्य तरीके भी अपनाए जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने शाम तक कुछ और पंपिंग स्टेशनों से जलापूर्ति ठप करने की भी बात कही । उन्होंने कहा कि जब तक कोई बात नहीं होती, आपूर्ति बंद रखेंगे।
सचिवालय घेराव विफल किया
पीएचई इंप्लाइज यूनाइटेड फ्रंट के बैनर तले डेलीवेजरों ने बीसी रोड स्थित कार्यालय से सचिवालय घेराव करने के लिए कूच किया तो उन्हें पुलिस ने इंदिरा चौक, एमएलए होस्टल के नजदीक रोक लिया। यहां पुलिस ने बैरिकेट लगाकर रास्ता बंद कर दिया था ताकि प्रदर्शनकारियों को सचिवालय की ओर नहीं बढ़ने दिया जाए।
सैकड़ों की संख्या में डेलीवेजर यहां एकत्र हुए थे और सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए रोष जता रहे थे। इसी बीच डेलीवेजरों की एक टीम ने रणनीति के तहत नजर बचाते हुए समाधियां स्थित पंपिंग स्टेशन में पहुंच कर आपूर्ति बंद कर दी। फ्रंट के सदस्यों रवि हंस, राजेंद्र सिंह ताज, होशियार सिंह चिब, नवदीप सिंह व मनोहर लाल शर्मा ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए उनमें जोश भरा तथा सरकार के खिलाफ रोष जताया।
उन्होंने कहा कि 47 विभागों में डेलीवेजरों के सहारे काम चल रहा है। स्थायी कर्मचारी मात्र 5 प्रतिशत ही हैं। लगभग हरेक काम डेलीवेजरों से लिया जा रहा है। पिछले तीस वर्षों से उनकी अनदेखी हो रही है। अब और बर्दाश्त नहीं करेंगे।
विधायकों, मंत्रियों के वेतन बढ़ाने से खफा
यह प्रदर्शनकारी विधायकों, मंत्रियों का वेतन बढ़ाने का विरोध कर रहे थे। उनका कहना है कि विधायकों, मंत्रियों ने अपना वेतन दोगुना करवा लिया लेकिन डेलीवेजरों की कोई पड़ी नहीं है। पिछले आठ महीनों से कमेटी की रिपोर्ट नहीं अाई जबकि जम्मू में सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने छह महीने में कमेटी की रिपोट सामने रखने का दावा किया था।
जम्मू संभाग में 22 हजार कर्मचारी जलशक्ति विभाग में अस्थायी तौर से काम कर रहे हैं। इन्होंने 20 बरस का समय विभाग में दे दिया। इससे पहले उन्होंने 27 अक्टूबर को प्रदर्शन कर 9 नवंबर तक का समय दिया था। जिसके बाद वे फिर सड़कों पर उतर आए हैं। अब वे मांगों के पूरा होने से पहले पीछे नहीं हटने की चेतावनी दे रहे हैं।
यह हैं प्रमुख मांगें
- एसआरओ 64 के तहत नीति बनाना
- लंबित 72 महीनों का बकाया जारी करना।
- दिल्ली यूटी की तर्ज की पर न्यूनतम वेतन लागू करना
- पांच-छह वेतन ले चुके डेलीवेजरों को आनलाइन करना
- लैंड डोनर के मामलों का समाधान करना।

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