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    वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज में मुस्लिमों के एडमिशन पर क्यों भड़के हिंदू संगठन? समझें पूरा विवाद

    Updated: Sat, 06 Dec 2025 09:20 AM (IST)

    जम्मू के श्री माता वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीटों के आवंटन पर विवाद हो गया है। संघर्ष समिति ने सरकार को चेतावनी दी है कि वह मां वैष्णो दे ...और पढ़ें

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    वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, जम्मू। श्री माता वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीटों के आवंटन को लेकर बने विवाद के बीच शुक्रवार को संघर्ष समिति ने शुक्रवार को सरकार को सीधी चेतावनी दी कि मां वैष्णो देवी के धन का दुरुपयोग रोकें, अन्यथा आंदोलन तेज किया जाएगा।

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    समिति ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को भी चेताया कि धर्म के नाम पर लोगों को बांटने से बाज आएं। समिति ने माता वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज में 50 में से 45 सीटें मुस्लिम छात्रों को आवंटित करने के विरोध में शहर में सांकेतिक प्रदर्शन कर इस मुद्दे पर जम्मू के लोगों में एकजुटता दर्शाई।

    प्रदर्शन में जम्मू के 60 से ज्यादा धार्मिक, सामाजिक व व्यापारिक संगठनों के सहयोग से बनी श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति के अलावा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, कई छात्र संगठनों और विभिन्न महिला संगठनों ने भाग लिया। समिति ने पदाधिकारियों ने कहा कि श्राइन बोर्ड के अधीन मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने लगभग सभी सीटें मुस्लिम छात्रों को आवंटित कर अन्य युवाओं का हक मारा है।

    संघर्ष समिति का क्या कहना है?

    इस मामले में समिति का कहना है कि उनका विरोध किसी समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि श्राइन बोर्ड द्वारा माता वैष्णो देवी के चढ़ावे के धन के गलत उपयोग के खिलाफ है। माता का चढ़ावा उन उद्देश्यों के लिए खर्च नहीं हो रहा, जिनके लिए श्राइन बोर्ड की स्थापना की गई थी। श्राइन बोर्ड माता वैष्णो देवी के चढ़ावे का पैसा स्थानीय हित, श्रद्धालुओं की सुविधाओं और आध्यात्मिक परियोजनाओं पर खर्च करे। मेडिकल कॉलेज का संचालन पारदर्शी हो और आवंटन प्रणाली स्पष्ट हो।

    क्षेत्र के मंदिरों के विकास और लोक-कल्याणकारी परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाए। समिति के संयोजक कर्नल सुखबीर सिंह मनकोटिया, सनातन धर्म सभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम दधीचि और युवा राजपूत सभा के प्रतिनिधियों ने प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी। वक्ताओं ने कहा कि अगर बोर्ड ने अपना विवादित फैसला जल्द वापस नहीं लिया तो आंदोलन और भी बड़ा रूप ले सकता है और इसकी जिम्मेदारी प्रशासन पर ही होगी।

    उन्होंने उमर को आगाह किया कि वह मामले को भ्रमित करने या लोगों को बांटने की कोशिश न करें। समिति ने साफ किया कि उन्होंने कभी किसी छात्र के मेडिकल शिक्षा के अधिकार पर सवाल नहीं उठाया बल्कि वह चाहते हैं कि माता वैष्णो देवी के धन का खर्च उसके मूल उद्देश्य के अनुसार हो, न कि किसी और दिशा में मोड़ा जाए।

    संघर्ष समिति की प्रमुख मांगें

    • श्राइन बोर्ड के मेडिकल सीटों के आवंटन की जांच की जाए।
    • बोर्ड सीटों के आवंटन को लेकर अपना विवादित फैसला वापस ले।
    • एमबीबीएस सीटों के आवंटन में पारदर्शिता सुनिश्चित हो और हिंदू कोटा तय हो।
    • आगे भी किसी भी अनियमितता पर रोक लगाने के लिए कदम उठाए।
    • माता वैष्णो देवी के चढ़ावे का दुरुपयोग बंद किया जाए।
    • हिंदुओं के धार्मिक व आध्यात्मिक कार्यों में इस्तेमाल हो।

    उमर के इस मुद्दे पर अब तक बयान

    • अगर भाजपा गैर-कश्मीर हिंदुओं को श्राइन बोर्ड के मेडिकल कॉलेज से दूर रखना चाहती है तो वह इसे अल्पसंख्यक संस्थान घोषित करने का दबाव बनाए। हमारे बच्चों (मुस्लिम छात्रों) को बांग्लादेश या तुर्किए जैसे देश में प्रवेश मिल जाएगा।
    • एमबीबीएस की सीटों को लेकर आंदोलन अनावश्यक है। नीट में अच्छे अंक लेने वाले विद्यार्थियों को उनके धर्म के आधार पर सजा नहीं दी जा सकती।
    • यदि धर्म के नाम पर आरक्षण चाहिए तो पहले सरकारी अनुदान लेने बंद करें और जमीन के पैसे दें। फिर आप युनिवर्सिटी के कानून में बदलाव लाकर इसे एक ही मजहब के लिए रखें, हमें एतराज नहीं।