दरबार मूव के साथ बढ़ेगी जम्मू में ट्रैफिक पुलिस की चुनौती, सड़कों पर बढ़ेगा जाम का दबाव
जम्मू में दरबार मूव खुलने से ट्रैफिक पुलिस के सामने बड़ी चुनौती आने वाली है। कश्मीर से आने वाले सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के कारण सड़कों पर वाहनों की भीड़ बढ़ेगी। पहले से ही जाम की स्थिति बनी रहती है, और अब दरबार मूव से स्थिति और गंभीर हो सकती है। ट्रैफिक पुलिस ने अतिरिक्त जवानों की तैनाती और रूट डायवर्जन की योजना बनाई है।
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जम्मू में दरबार मूव से सड़कों पर बढ़ेगा ट्रैफिक जाम का दबाव।
जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू में सोमवार से दरबार मूव खुलने जा रहा है। इसके साथ ही एक बार फिर शहर की सड़कें वाहनों की भीड़ से पट जाएंगी। कश्मीर से आने वाले सरकारी कर्मचारी, अधिकारी, मंत्री और उनके परिवारजन अब जम्मू का रुख करने लगे हैं।
इनके साथ सुरक्षाबलों के काफिले और सरकारी वाहन भी सड़कों पर उतरेंगे। ऐसे में शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को संभालना ट्रैफिक पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित होगा। दरअसल, पहले से ही सुबह और शाम के समय जम्मू शहर की प्रमुख सड़कों पर जाम की स्थिति रहती है।
तवी पुल, बीसी रोड, ग्रीन बेल्ट, गांधी नगर, कनाल रोड, बीसी रोड़ और चौक चबूतरा जैसे इलाकों में ट्रैफिक रेंगता हुआ नजर आता है। अब जब दरबार मूव से जुड़े हजारों लोग अपने वाहनों के साथ जम्मू पहुंचेंगे, तो यह समस्या और गहराने की आशंका है।
हालांकि, ट्रैफिक पुलिस ने दावा किया है कि वह संभावित जाम से निपटने के लिए तैयार है। अतिरिक्त जवानों की तैनाती की जा रही है और प्रमुख चौक-चौराहों पर यातायात को नियंत्रित करने के लिए विशेष योजना बनाई गई है। ट्रैफिक एसपी ने बताया कि दरबार मूव के दौरान हर साल ट्रैफिक का दबाव बढ़ जाता है, लेकिन इस बार हम पहले से तैयार हैं।
संवेदनशील मार्गों पर रूट डायवर्जन और नो-पार्किंग जोन की व्यवस्था की जाएगी। लोगों से भी अपील है कि वे अनावश्यक रूप से निजी वाहन लेकर न निकलें और अधिक से अधिक सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें। दरबार मूव परंपरा के तहत जम्मू-कश्मीर सरकार के कार्यालय हर छह माह में श्रीनगर से जम्मू और जम्मू से श्रीनगर शिफ्ट होते हैं।
सर्दियों के दौरान प्रशासन जम्मू से संचालित होता है। इस वजह से सैकड़ों विभागों के कर्मचारी और उनके परिवारजन अस्थायी तौर पर जम्मू में बस जाते हैं। इससे शहर की आबादी में अचानक वृद्धि होती है, और हर बार यातायात व्यवस्था पर इसका सीधा असर पड़ता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले से ही शहर की सड़कें संकरी और वाहन क्षमता से अधिक बोझ झेल रही हैं। ऐसे में दरबार मूव के बाद हालात और बिगड़ सकते हैं। ट्रैफिक पुलिस को चाहिए कि वह वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था पहले से सुनिश्चित करे और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को और प्रभावी बनाए।
दस लाख वाहन और सीमित सड़कें
जम्मू जिले में दस लाख से अधिक वाहन पंजीकृत हैं। इनमें सबसे अधिक दोपहिया और निजी कारें शामिल हैं। सड़कों की क्षमता सीमित है और पार्किंग स्थलों की भारी कमी है। यही वजह है कि शहर की अधिकांश सड़कें सुबह और शाम के समय जाम की चपेट में रहती हैं।
दरबार मूव से जुड़ने वाले हजारों अतिरिक्त वाहनों के पहुंचने से यह दबाव और बढ़ जाएगा। बीसी रोड और रेलवे स्टेशन मार्ग जैसे इलाकों में तो स्थिति और भी गंभीर होने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि शहर के बढ़ते वाहन भार को देखते हुए प्रशासन को वैकल्पिक ट्रैफिक रूट, मल्टीलेवल पार्किंग और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को प्राथमिकता देनी होगी।
प्रमुख मार्गों पर अतिरिक्त जवान तैनात, सहयोग की अपील
दरबार मूव के मद्देनजर जम्मू ट्रैफिक पुलिस के पास लोगों को जाम से बचाने के लिए कोई योजना नजर नहीं आती। ट्रैफिक पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सोमवार से शहर की सड़कों पर ट्रैफिक कर्मियों की विशेष तैयारी की गई है। विभाग ने संवेदनशील मार्गों पर अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है और कई क्षेत्रों में रूट डायवर्जन की योजना बनाई है।
नो-पार्किंग जोन भी निर्धारित किए जा रहे हैं ताकि मुख्य सड़कों पर वाहनों की गति बनी रहे। हमारी कोशिश है कि नागरिकों को न्यूनतम असुविधा हो। सभी को अपील है कि अनावश्यक रूप से निजी वाहन लेकर न निकलें और सार्वजनिक परिवहन का अधिक इस्तेमाल करें।

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