जम्मू-कश्मीर: दीवाली पर पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूक अभियान, लोगों को पौधे बांटकर दिया खास मैसेज
दिवाली के अवसर पर, सेवानिवृत्त चीफ कंजरवेटिव मुखर्जी शर्मा ने पर्यावरण संरक्षण के लिए 200 फलदार पौधों का वितरण किया। सूबे चक जसमेर गढ़ किले में काली माता मंदिर परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में महंत कृष्णानंद ने पौधारोपण के महत्व पर जोर दिया। मुखर्जी शर्मा ने प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी को जीवनशैली का हिस्सा बनाने का आह्वान किया और सभी से पौधे लगाने की अपील की, ताकि पर्यावरण को स्वच्छ रखा जा सके।

1 काली माता मंदिर सूबे चक किले में पौधे वितरित करते, सेवानिवृत्त चीफ कंजरवेटिव मुखर्जी शर्मा।
संवाद सहयोगी, हीरानगर। दिवाली के पावन अवसर पर सेवा निवृत्त चीफ कंजरवेटिव मुखर्जी शर्मा ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सार्थक पहल करते हुए,200 फलदार पौधों का वितरण किया। यह कार्यक्रम सूबे चक जसमेर गढ़ किले में काली माता मंदिर परिसर में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में महंत कृष्णानंद, अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद थे और उन्होंने पौधारोपण के महत्व पर लोगों को प्रेरित किया।
मुखर्जी शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी सिर्फ वक्त, बेवक्त चर्चा करने तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसे जीवनशैली का हिस्सा बनना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति अपने घर, खेत,आंगन और सार्वजनिक स्थानों में फलदार पौधे अवश्य लगाएं, ताकि वातावरण शुद्ध रहे और आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ व हरित पर्यावरण मिले। उन्होंने यह भी बताया कि पौधों के माध्यम से न केवल आक्सीजन का स्तर बढ़ता है, बल्कि फलदार वृक्ष किसानों के लिए अतिरिक्त आमदनी का साधन भी बन सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस से पहले हरिपुर, गोपाला चक पंचायत में भी इसी प्रकार पौध वितरण कार्यक्रम आयोजित किया था और अन्य पंचायतों में भी इसी तरह पौधे वितरित किए जाएंगे।
वहीं महंत कृष्णा नंद ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि दिवाली सिर्फ दीप जलाने का त्योहार नहीं है, बल्कि यह प्रकृति में नई रोशनी,नई उम्मीद और सकारात्मक बदलाव लाने का अवसर है। उन्होंने लोगों से प्रकृति से सद्भाव बनाकर चलने तथा अधिक से अधिक पौधारोपण करने की अपील की।
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