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    J&K News: पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, टूरिस्ट अब वॉटर स्पोर्ट्स का उठा सकेंगे लुत्फ; रणजीत सागर झील के लिए फंड जारी

    Updated: Sat, 08 Mar 2025 04:43 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर सरकार ने रणजीत सागर झील में वॉटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए बजट में फंड अलॉट किया है। पर्यटक अब इस खूबसूरत झील में वॉटर स्पोर्ट्स का लुत्फ उठा सकेंगे। रणजीत सागर झील कश्मीर के डल झील की तरह ही विहंगम है और इसकी परिधि 84 किलोमीटर है। यह झील पंजाब और हिमाचल की सीमा पर स्थित है जो अंतरराज्यीय पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित भी करती है।

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    टूरिस्टों के आकर्षण का केंन्द्र बन रही है जम्मू की रणजीत झील

    जागरण संवाददाता, कठुआ। जम्मू कश्मीर सरकार ने अपने बजट में पहली बार खूबसूरत पर्यटक स्थल रणजीत सागर झील में वॉटर स्पोटर्स के लिए फंड अलॉट किए हैं। इससे अब जहां जल्द वॉटर स्पोटर्स के शुरू होने की उम्मीद जगी है, वहीं पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

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    ऐसा पहली बार हुआ है, जब प्रदेश की सरकार ने बजट में टूरिज्म को कठुआ जिला में बढ़ावा देने के लिए विशेषकर वॉटर स्पोटर्स शुरू करने के लिए अलग से फंड मंजूर किए हैं। रणजीत झील कश्मीर के डल झील की तरह विहंगम है, जो 84 किलोमीटर की परीधि में फैली हुई है, जहां ऐसी स्पोटर्स शुरू करने की संभावना रही है। इसके लिए फंड जुटाकर पंजाब और हिमाचल की सीमा पर रणजीत सागर झील होने से अंतरराज्जीय पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है।

    कठुआ जिला मुख्यालय से महज तीस किलोमीटर की दूरी पर बसोहली रोड पर स्थित झील का विहंगम दृश्य है, जो बसोहली कस्बे के आगे तक गुजरने वाले को आकर्षित करता है। वॉटर स्पोटर्स करने पहुंचने वाले पर्यटक इसी झील मार्ग से दूसरे मार्ग बसोहली की ओर अटल सेतु तक अपनी गतिविधियां बढ़ा सकते हैं, जिसकी आपार संभावनाएं झील में हैं।

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    अटल सेतु पर्यटकों के आकर्षण का केंन्द्र

    अटल सेतु भी आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है जो पंजाब व हिमाचल की सीमा पर बना है। इससे भी जिला की सड़क कनेक्टिविटी दोनों राज्यों से विकसित हुई है। जिससे कठुआ जिला पर्यटन का बड़ा स्थल बन सकता है,जो ऐसी गतिविधियों से पर्यटन की आपार संभावनाएं होने पर भी अछूता रहा है।

    दो दशक से बनी झील के बाद भी इस पर पूर्व की जम्मू कश्मीर की सरकारों ने अपने नजरें इनायत नहीं की, क्योंकि ये क्षेत्र जम्मू संभाग में है। इससे पूर्व की सरकारों ने ऐसे में क्षेत्रीय भेदभाव के आरोप भी विरोधी दलों के अलावा जम्मू संभाग के लोग भी लगाते रहे हैं।

    साल 2016 में स्वर्गीय मुफ्ती मोहम्मद सईद ने किया था दौरा

    पूर्व में वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय मुफ्ती मोहम्मद सईद ने दौरा किया था और वे रणजीत सागर झील की सुंदरता को निहारते ही रह गए थे। उनके मुख से निकल गया कि ये तो कश्मीर के डल झील से कम नहीं है। उन्होंने उस समय 500 करोड़ से एक मुंबई की कंपनी को वॉटर स्पोटर्स शुरू करने के लिए मंजूरी दी थी, लेकिन बाद में उनके निधन के बाद योजना हवा हवाई साबित हुई।

    इसके बाद पिछले दो वर्षों से वॉटर स्पोटर्स शुरू करने के लिए ढांचागत सुविधाओं के लिए बेस कैंप बनाने की प्रकिया शुरू हुई, लेकिन वॉटर स्पोटर्स का मकसद पूरा नहीं कर पाई। कारण फंड सुनिश्चित करने के लिए कोई स्थायी वित्तीय सोर्स नहीं होता है। सिर्फ घोषणा होती है, कुछ फंड देने की शुरुआत होती है। उसके बाद आगे नहीं बढ़ पाते हैं। ऐसे में अब प्रदेश सरकार ने पहली बार बजट में ही ऐसे फंड अलॉट करके नई शुरुआत की है, जिससे जिले में अब पर्यटन से जुड़ी योजना को अंजाम तक पहुंचाने में प्रयास आगे बढ़ेंगे।

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