सुंदरबनी में बारिश से तबाही: कई गांवों में घरों में पड़ी दरारें, खतरा महसूस कर रहे लोगों को सुरक्षित आश्रय की दरकार
सुंदरबनी में लगातार बारिश के कारण जमीन धंसने से कई घरों में दरारें आ गई हैं। महेंद्र कुमार और विजय कुमार जैसे मेहनतकश लोगों के घरों में भी दरारें आई हैं जिससे उनके गिरने का खतरा है। कई परिवारों ने घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहां शरण ली है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई ताकि समय रहते मरम्मत की जा सके और वे बेघर होने से बच सकें।

संवाद सहयोगी, जागरण, सुंदरबनी। लगातार कई दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश थमने के बाद लोगों ने सोचा था कि अब हालात सामान्य होंगे, लेकिन असलियत इसके ठीक उलट निकली।
बारिश के कारण ज़मीन धंसने और नमी बढ़ने से कई गांवों में लोगों के मकानों में दरारें पड़ गई हैं। दीवारों और छतों में आई ये दरारें अब लोगों के लिए चिंता का सबब बन गई हैं।
तला निवासी महेंद्र कुमार और विजय कुमार जैसे मेहनतकश लोगों ने अपनी रोज़ाना की मजदूरी से बड़ी मुश्किलों में घर बनाने का सपना पूरा किया था। दोनों भाइयों ने बताया कि उन्होंने वर्षों की मेहनत और पाई-पाई जोड़कर अपने परिवार के लिए दो पक्के कमरे तैयार किए थे, ताकि बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित छत मिल सके।
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लेकिन अब दीवारों और नींव में गहरी दरारें आ चुकी हैं, जिससे कभी भी घर गिरने का खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यह समस्या केवल एक-दो परिवारों की नहीं बल्कि काफी लोगों की है। जिन घरों की नींव कमजोर है या जो ढलान पर बने हैं, वहां दरारें और भी खतरनाक साबित हो रही हैं। कई परिवारों ने मजबूरी में अपने घर छोड़कर रिश्तेदारों या पड़ोसियों के यहां शरण ली है।
भूस्खलन व बारिश ने घरों की मजबूती हिला डाली
स्थानीय लोगों का कहना है कि बरसात के दौरान हुए भूस्खलन और लगातार बहते पानी ने घरों की मजबूती पर गहरा असर डाला है। अब सबसे बड़ा संकट यह है कि बरसात का मौसम अभी पूरी तरह से गया नहीं है और अगले ही पल फिर से तेज बारिश की स्थिति बन सकती है। ऐसे में दरारग्रस्त मकानों में रहना परिवारों की ज़िंदगी को जोखिम में डाल सकता है।
समय पर मदद नहीं मिली तो कई परिवार हो जाएंगे बेघर
प्रभावित परिवार प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग से गुहार लगा रहे हैं कि उनकी परेशानी को गंभीरता से लिया जाए। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते सर्वे नहीं किया गया और मरम्मत या पुनर्निर्माण की सहायता नहीं दी गई, तो आने वाले दिनों में कई परिवार बेघर हो सकते हैं। लोगों ने मांग की है कि प्रशासन तुरंत प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करे, ज़मीन धंसने वाले क्षेत्रों की पहचान कर उन्हें खतरनाक घोषित करे और राहत सामग्री के साथ-साथ सुरक्षित आश्रय की व्यवस्था करे।
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जिस क्षेत्र से लोगों के मकानों में दरारें आने की खबरें मिल रही है उस क्षेत्र में पटवारी को भेज कर रिपोर्ट मांग कर उच्च अधिकारियों को भेजी जा रही है। लोगों की प्रशासन की ओर से हर मदद की जा रही है। उन्होंने पीड़ितों को यकीन दिलाया कि प्रत्येक व्यक्ति तक सहायता पहुंचेगी।
जाहिर राणा, तहसीलदार, सुंदरबनी।
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