चीनी नागरिक की गिरफ्तारी के बाद श्रीनगर में अवैध रूप से रह रहे विदेशियों पर कार्रवाई, होटलों-होमस्टे पर मामला दर्ज
श्रीनगर में एक विदेशी नागरिक की गिरफ्तारी से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। कांगताई हू नामक इस व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद पुलिस और खुफिया एजेंसिय ...और पढ़ें

चीनी नागरिक की गिरफ्तारी के बाद श्रीनगर में कार्रवाई। फोटो जागरण
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। कश्मीर में अवैध तरीके से एक चीनी नागरिक के दाखिल होने और विभिन्न संवेदनशील इलाकों में उसकी यात्रा का खुलासा होने के बाद सोमवार को पुलिस ने घाटी में होटलों, होमस्टे और हाउसबोट के खिलाफ जांच अभियान चलाया।
इसमें इमिग्रेशन और फारेनर्स अधिनियम का उल्लंघन करने पर दस होटल और हाउसबोट मालिकों के खिलाफ श्रीनगर के विभिन्न थानों में एफआइआर दर्ज की गई है।
उल्लंघनकर्ताओं ने विदेशी नागरिकों को ठहराने पर औपचारिकताएं पूरी नहीं की थीं। इसमें खासतौर पर विदेशी नागरिक को ठहराने पर फार्म सी के माध्यम से संबंधित पुलिस और विदेशी पंजीकरण कार्यालय को सूचित करना होता है।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि राजबाग में होटल ब्लासम्स, होटल ग्रैंड एमएस और होटल फारेस्ट ने विदेशी नागरिकों को विदेशी पंजीकरण कार्यालय (एफआरओ) में फार्म- सी जमा किए बिना ठहरने की इजाजत दी थी।
इसके आधार पर उक्त तीनों के खिलाफ राजबाग पुलिस स्टेशन में इमिग्रेशन एंड फारेनर्स एक्ट की धारा 08 और 23-बी के तहत एफआइआर दर्ज की गई।
इसी तरह खय्याम में स्थित होटल खैबर भी फार्म सी संबधित औपचारिकताओं को पूरा नहीं कर रहा था और उसके खिलाफ खनयार पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज की गई है। प्रवक्ता ने बताया कि लालबाजार के नोवाबगा बगवानपोरा में मोहम्मद आइएमवाई होमस्टे में एक इजरायली नागरिक स्टारोबिंस्की लियोर और कुछ अन्य विदेशी ठहरे हुए थे।
होमस्टे का मालिक मोहम्मद असलम वक्तू ने भी इनकी सूचना संबंधित पुलिस स्टेशन को नहीं दी थी और न फार्म-सी को आनलाइन या फिर आफलाइन मोड पर जमा किया था। उसके खिलाफ लाल बाजार पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्जन की गई है।
वकील कालोनी ब्रेन निशात में मोहम्मद अशरफ जरगर ने अपने घर में एक विदेशी नागरिक को ठहराया था और उसने उसके बारे में एफआरओ की फार्म सी संबधित औपचारिकता पूरी नहीं की थीं। उसके खिलाफ निशात पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज की गई है।
डल झील में घाट नंबर-15 नेहरू पार्क के इलाके में हाउसबोट फलोटिंग कैसल में ताइवानी नागरिक ली या ह्यूई रुकी हुई है, लेकिन हाउसबोट मालिक फारूक अहमद गुरु ने इसकी सूचना नहीं दी थी।
घाट नंबर-09 के पास स्थित बेस्ट व्यू हाउसबोट के मालिक फारूक अहमद कुतरू ने अपने हाउसबोट में ठहरे रुसी नागरिक मैस्ट्रुइक सर्गेल के बारे में फार्म सी की औपचारिका पूरी नहीं की थी।
इसी तरह डलझील के आबीकारपोरा में गुलाम हसन करनेई के हाउसबोट क्रिस्टल पैलेस में रोमानिया का नाऊम सिलवियू और मोहम्मद अल्ताफ गुन्ना के हाउसबोट लेक पैलेस में स्पेन का एडुआर्डो तेजेरिना गोंजाली रुका है, मगर हाउसबोट मालिकों ने न इसकी सूचना संबंधित पुलिस स्टेशन को दी और न ही फार्म सी की औपचारिकता पूरी की थी।
इसके आधार पर सभी चारों हाउसबोट मालिकों के खिलाफ राममुंशीबाग पुलिस स्टेशन में अलग अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं।
उल्लेखनीय है कि चीन का एक नागरिक कांगताई हू जो पर्यटक वीजा पर गत माह भारत आया था, बिना अनुमति गत माह लेह तक पहुंच गया। वह लेह में लगभग 10 दिन तक रुका और उसके बाद वह घाटी पहुंचा और जहां श्रीनगर के एक बाहरी क्षेत्र में स्थित एक होटल में रूका हुआ था।
उसके बारे में दावा किया जाता है कि वह लद्दाख और कश्मीर घाटी में कई संवेदनशील इलाकों में गया। उसके पास जम्मू कश्मीर और लद्दाख की यात्रा का वीजा नहीं था।
सूत्रों के मुताबिक उसे शनिवार की रात को कथित तौर पर सेना की खुफिया एजेंसी ने एक विशेष सूचना के आधार पर पकड़ा और रविवार की शाम को उसे पुलिस के हवाले किया है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है। बीते चार दिनों में यह दूसरा विदेशी नागरिक है, जो बिना अनुमति जम्मू कश्मीर में रहते हुए पकड़ा गया है।
इससे पूर्व जम्मू प्रांत में चार दिन पहले भी एक विदेशी नागरिक के पकड़े जाने की सूचना है। कांगताई हू की गिरफ्तारी से सभी सुरक्षा एजेंसियां सकते में आ गई हैं।
पुलिस और उसकी खुफिया एजेंसी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगा है, क्योंकि स्थानीय स्तर पर सड़क-रेल-हवाई जहाज के माध्यम से घाटी में दाखिल होने वाले विदेशी नागरिकों का रिकार्ड रखना, उनके दस्तावेजों की जांच करना और उन होटलों के साथ समन्वय रखना, जहां वे ठहरे हों पुलिस की ही जिम्मेदारी है।
इसके साथ ही होटल, हाउसबोट, गेस्टहाउस या होमस्टे संचालक को उसी समय निकटवर्ती पुलिस स्टेशन को सूचित करना होता है, जब उसके पास कोई विदेशी नागरिक ठहरता है। इसके लिए उन्हें एक फार्म-सी भरकर जमा करना होता है।
क्या है इमिग्रेशन व फारेनर्स अधिनियिम
इमिग्रेशन और फारेनर्स अधिनियम 2025 भारत का एक नया कानून है जो 1 सितंबर 2025 से लागू हुआ है। इसका उद्देश्य भारत में विदेशी नागरिकों के प्रवेश, निवास और प्रस्थान को नियंत्रित करना, अवैध घुसपैठ रोकना और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है।
यह पुराने चार कानूनों को खत्म करके एक केंद्रीकृत डिजिटल निगरानी प्रणाली बनाता है और जाली दस्तावेजों के साथ आने वालों के लिए सख्त दंड (सात साल तक की जेल और दस लाख तक का जुर्माना) का प्रावधान करता है।

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