अल्ताफ अहमद-रूहुल्लाह मेहदी में 'जमीन और आसमान का फर्क', जानिए सीएम उमर अब्दुल्ला ने क्यों की दोनों में तुलना
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के दो सांसदों, मियां अल्ताफ अहमद और आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी के बीच तुलना करते हुए कहा कि दोनों में बहुत अंतर है। उन्होंने मियां अल्ताफ का सम्मान किया और रूहुल्लाह पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। मियां अल्ताफ ने उमर अब्दुल्ला को जिम्मेदारी से बात करने और गवर्नेंस पर ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी पर चिंता जताई।

उमर ने स्पष्ट किया कि उनका मकसद दोनों नेताओं के व्यक्तित्व और राजनीतिक दृष्टिकोण को स्पष्ट करना था।
डिजिटल डेस्क, जागरण, श्रीनगर। मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के वाइस प्रेसिडेंट उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को पार्टी के दो सांसदों मियां अल्ताफ अहमद लारवी और आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी के बीच तीखी तुलना करते हुए कहा कि दोनों में 'जमीन और आसमान का फर्क' है।
श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, उमर ने कहा कि वह मियां अल्ताफ़ का बहुत सम्मान करते हैं और उन्हें अपना सीनियर साथी मानते हैं जिनकी सलाह को वह बहुत महत्व देते हैं। उमर ने कहा, 'मेरे पिता हमेशा मुझसे कहते हैं कि बोलने से पहले सोचो और मियां अल्ताफ भी ऐसा ही कहते हैं। इस लिहाज़ से मेरे पिता और मियां साहब में कोई फर्क नहीं है। मैं उन्हें एक ही तरह से देखता हूं।'
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर मियां अल्ताफ से आग्रह किया था कि जब भी कोई मुद्दा हो तो वह सीधे उनसे संपर्क करें। उन्होंने कहा, 'मैंने उनसे कहा, जब भी कोई मुझसे बात करना चाहे, मीडिया को एक तरफ रखकर सीधे मेरे पास आ जाए। हम बंद दरवाजों के पीछे बात कर सकते हैं, किसी और को जानने की जरूरत नहीं है।'
वहीं जब कुछ पत्रकारों ने पार्टी के दूसरे सांसद आगा रूहुल्लाह के बारे में पूछा तो मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बीच में ही टोक दिया और उन पर बात करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा, 'मैं उनके बारे में बात नहीं करूंगा।' 'आप किन लोगों को एक ही प्लेटफॉर्म पर ला रहे हैं? मियां अल्ताफ कहां हैं और वह कहां हैं? इसमें जमीन और आसमान का फर्क है।'
मियां अल्ताफ ने उमर को दी थी यह सलाह
आपको बता दें कि गत रविवार को मियां अल्ताफ अहमद ने कहा कि चूंकि उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री हैं, इसलिए उन्हें ज़िम्मेदारी और समझदारी से बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह यह नहीं कह सकते कि उमर अब्दुल्ला सही रास्ते पर हैं क्योंकि ऐसा करना उमर को गलत सलाह देना होगा।
उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला को ज़िम्मेदारी और समझदारी से बात करनी चाहिए क्योंकि वह मुख्यमंत्री हैं और उनके बयानों के बड़े असर होते हैं।
मियां अल्ताफ अहमद अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से सांसद हैं और जम्मू-कश्मीर के सबसे ताकतवर धार्मिक और राजनीतिक गुज्जर-बकरवाल नेता हैं। उन्होंने रविवार को कॉन्क्लेव में कहा कि नई सरकार बनने के बाद से जम्मू-कश्मीर में कोई खास राजनीतिक या प्रशासनिक तरक्की नहीं हुई है।
सांसद आगा सैयद का भी किया समर्थन
मियां अल्ताफ अहमद ने नेकां के एक और सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी का भी समर्थन किया, जो नेकां सरकार के 2024 के चुनावी वादों को पूरा करने में कथित नाकामी की बहुत आलोचना करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि उमर साहब को खुद के बारे में सोचना चाहिए और बयानबाजी के बजाय गवर्नेंस पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें देखना चाहिए कि उनके क्या अधिकार और सीमाएं हैं और वे उन लोगों की बेहतर सेवा कैसे कर सकते हैं जिन्होंने उन्हें चुना है।
कश्मीर की पॉलिटिकल लीडरशिप इस बहस में उलझी हुई है कि कौन भाजपा के साथ है या उसका विरोध करता है जबकि लोगों की चिंताओं को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। मियां अल्ताफ ने कहा कि मुख्यमंत्री को लोगों की भलाई के बारे में बात करनी चाहिए।
जम्मू और कश्मीर में हमारे हजारों पढ़े-लिखे युवा निराश हैं। कई लोगों के पास पोस्टग्रेजुएट और पीएचडी की डिग्री है लेकिन अभी तक कोई भर्ती नहीं हुई है। यह प्रोसेस पहले दिन से ही भर्ती एजेंसियों द्वारा जारी किए गए विज्ञापन के साथ शुरू हो जाना चाहिए था।
उपमुख्यमंत्री के बयान की आलोचना की
मियां अल्ताफ अहमद ने उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी के कमेंट पर भी विनम्रता से, लेकिन ज़ोरदार तरीके से रिएक्ट किया, जिन्होंने कहा था कि उन्हें नहीं पता कि आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी कौन हैं। उन्होंने आगे कहा कि हर कोई जानता है कि रूहुल्लाह कौन हैं और उनके बारे में अनजान होने का नाटक करने से रूहुल्लाह की क्रेडिबिलिटी और पॉपुलैरिटी कम नहीं होगी।

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