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    'कश्मीर की पूरी आबादी को शक की नजर से देखा जा रहा', दिल्ली ब्लास्ट पर बोले सीएम उमर अब्दुल्ला

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 06:55 AM (IST)

    दिल्ली में हुए ब्लास्ट पर उमर अब्दुल्ला ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस घटना के बाद कश्मीर की पूरी आबादी को शक की नजर से देखा जा रहा है। उन्होंने इस घटना पर दुख जताया और कहा कि इससे कश्मीरियों के प्रति गलत धारणा बनती है।

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    जम्मू कश्मीर के हर नागरिक को शक की निगाह से देखा जा रहा: मुख्यमंत्री अब्दुल्ला

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को हाल ही में दिल्ली में लाल किले के पास हुए आत्मघाती आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि जैसे जम्मू कश्मीर का प्रत्येक नागरिक इसके लिए कसूरवार हो।

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    उन्होंने कहा आज दिल्ली में अगर कोई जम्मू कश्मीर में पंजीकृत वाहन भी लेकर निकले या कोई जम्मू कश्मीर का नागरिक वहां कोई वाहन लेकर निकले तो उसे शक की निगाह से देखा जा रहा है।

    आज कुलगाम में पत्रकारों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि आतंकी हमले में कुछ लोगों के शामिल होने की वजह से कश्मीर की पूरी आबादी को शक की नजर से देखा जा रहा है। मौजूदा हालात में, माता-पिता अपने बच्चों को बाहर भेजना पसंद नहीं करेंगे।

    जब हर तरफ से हमें शक की नज़रों से देखा जाता है, जब किसी और के काम के लिए हमें बदनाम करने की कोशिश की जाती है, जब कुछ लोगों के किए की वजह से सभी को दोषी ठहराया जाता है, तो यह साफ़ है कि हमारे लिए बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में जो हुआ उसके लिए कुछ ही लोग ज़िम्मेदार हैं, लेकिन एक सोच है और ऐसा ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि हम सब इसके लिए ज़िम्मेदार हैं और हम सब इसका हिस्सा हैं। दिल्ली में अब जम्मू कश्मीर में पंजीकृत वाहन चलाना भी जुर्म माना जाता है।

    उन्होंने कहा कि अगर मैं आज दिल्ली चला जाऊं और वहां बिना सुरक्षाकर्मियों के बाहर जाने से पहले मैं खुद सोचता हूं कि मुझे अपनी गाड़ी निकालनी चाहिए या नहीं, क्योंकि मुझे नहीं पता कि कोई मुझे रोककर पूछेगा कि मैं कहां से हूं और वहां क्यों आया हूं।

    उन्होंने कहा कि दिल्ली में आत्मघाति आतंकी हमले की जितनी भी निंदा की जाए, कम होगी। कोई भी धर्म बेगुनाह लोगों की बेरहमी से हत्या की इजाज़त नहीं देता। जांच शुरू हो गई है, लेकिन जम्मू कश्मीर का हर रहने वाला आतंकवादी नहीं है और हर रहने वाला आतंकवादियों के साथ नहीं खड़ा है।