श्रीनगर में सियासी ड्रामा: AAP MP संजय सिंह ने नजरबंदी के बावजूद डॉ फारूक से की मुलाकात, गेट पर चढ़कर की बातचीत
श्रीनगर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने आप सांसद संजय सिंह से सर्किट हाउस में मुलाकात की जहाँ सिंह को उनके सहयोगियों के साथ नजरबंद कर दिया गया था। अब्दुल्ला को भी मिलने की अनुमति नहीं दी गई जिसके कारण उन्हें गेट पर ही बातचीत करनी पड़ी। अब्दुल्ला ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पर शक्तियों का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने वीरवार को श्रीनगर सर्किट हाउस में आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह से मुलाकात की। उनकी यह बातचीत सरकारी आवास के आलीशान हाल में नहीं बल्कि सर्किट हाउस के गेट के पीछे खड़े होकर हुई।
दरअसल आप सांसद संजय सिंह अपने सहयोगियों के साथ श्रीनगर में डोडा विधायक मेहराज मलिक की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध रैली निकालने व उन पर लगाए गए पीएसए के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस करने के लिए आए थे। इससे पहले की वह अपने कार्यक्रम को आगे बढ़ाते प्रशासन ने उन्हें उनके सहयोगियों के साथ सर्किट हाउस में नजरबंद कर दिया।
इस दौरान न तो उन्हें किसी को मिलने की इजाजत दी गई और न ही किसी को उनसे। इस बीच आप सांसद संजय सिंह से मिलने डॉ फारूक अब्दुल्ला सर्किट हाउस में पहुंचे तो पुलिस अधिकारियों ने उन्हें भी भीतर जाने की अनुमति नहीं दी।
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ऐसे में आप सांसद डॉ फारूक अब्दुल्ला से मिलने के लिए गेट पर ही पहुंच गए। क्योंकि गेट ऊंचा था, तो वह गेट पर चढ़कर फारूक अब्दुल्ला से बात करने लगे। उन्होंने वहां तैनात पुलिस अधिकारियों से कहा कि उन्हें बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है कम से कम डॉ फारूक को उनसे बात करने के लिए भीतर तो आने दो।
उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि डॉ फारूक अब्दुल्ला सांसद रहे हैं और कई बार जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। मैं सांसद हुई मिलने में क्या मनाही है। उन्होंने फारूक को बताया कि उन्हें नजरबंद कर दिया गया।
बहुत दुःख की बात है जम्मू कश्मीर के कई बार मुख्यमंत्री रहे डॉक्टर फारूख अब्दुल्ला जी पुलिस द्वारा मुझे हाउस अरेस्ट किए जाने की ख़बर पाकर मुझसे मिलने सरकारी गेस्ट में आये उन्हें मिलने नहीं दिया गया।
ये तानाशाही नहीं तो और क्या है? pic.twitter.com/MOcNb1heE6
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) September 11, 2025
इस पर डॉ फारूक अब्दुल्ला ने भी तंज कसते हुए कहा कि पुलिस ही यहां की मालिक है। यही हालात हैं एक इंसान संवैधानिक बात करना चाहता है, पत्थरबाजी नहीं कर रहा है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि संजय मेरे संसद से दोस्त रह चुके हैं, मैं उनसे मिलने आया हूं। गेट पर ही कुछ देर बात करने के बाद डॉ फारूक वहां से लौट गए।
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इसके उपरांत अब्दुल्ला ने पत्रकारों से बात करते हुए आप सांसद संजय सिंह को पार्टी के एकमात्र विधायक पर लगाए गएपीएसए व गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से रोकने की कोशिश की निंदा की।
अब्दुल्ला ने तर्क दिया कि संजय सिंह को विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देना "बिल्कुल गलत" था। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा अपनी शक्तियों का इस्तेमाल "गलत उद्देश्यों" के लिए कर रहे हैं। "यह बिल्कुल गलत है। लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन भारत के संविधान द्वारा दिया गया अधिकार है।
दुख की बात यह है कि जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है और उपराज्यपाल के पास सारी शक्तियां हैं। वह इसका इस्तेमाल गलत उद्देश्यों के लिए कर रहे हैं। क्या संजय सिंह को बोलने से रोकना ज़रूरी था? यह कोई निरंकुश शासन नहीं है। यहां एक संविधान है।
नेपाल और बांग्लादेश में हालिया अशांति का जिक्र करते हुए और सावधानी बरतने की सलाह देते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि देश में ऐसी आग भड़कने से पहले संविधान की रक्षा जरूरी है।
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उपराज्यपाल को भी संविधान की रक्षा करनी होती है और अगर वह इसकी रक्षा नहीं करते हैं, तो मुझे यह कहते हुए दुःख हो रहा है कि उन्हें नेपाल में जो हो रहा है, उससे डरना चाहिए। नेपाल में हालात कैसे बिगड़े? आज हालात ऐसे हैं कि उनका संविधान ख़त्म हो गया है और वहां कोई सरकार नहीं है।
बांग्लादेश की हालत देखिए। इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि हमारे देश में ऐसी आग भड़कने से पहले, संविधान का ध्यान रखें और उसकी सीमाओं से बाहर न जाएं।
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