पढ़ाई नहीं छात्रों को जिहादी बनाने में लगा था गुलाम हुसैन, आतंकियों को मुहैया कराता था हथियार; LG ने कसा शिकंजा
वर्ष 2023 में गिरफ्तार गुलाम हसैन, जो कभी शिक्षक था, लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम कर रहा था। वह आतंकी नेटवर्क को मजबूत करने, आतंकियों को कश्मीर पहुंचाने, धन जुटाने और नए आतंकियों की भर्ती में शामिल था। वह छात्रों को जिहादी विचारधारा के लिए उकसाता था और कश्मीर को भारत से अलग करने का समर्थक था।
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लश्कर के लिए काम करने वाले शिक्षक पर LG ने कसा शिकंजा। सांकेतिक फोटो
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। वर्ष 2023 में पकड़ा गया गुलाम हसैन जिला रियासी में कलवा मुलास माहौर का रहने वाला है। वह वर्ष 2004 में शिक्षा विभाग में बतौर रहबर-ए-तालीम अध्यापक नियुक्त हुआ और 2009 में उसकी सेवाएं नियमित की गई। उसे कलवा माहौर स्थित प्राइमरी स्कूल मे तैनात किया गया था, लेकिन वह वहां बच्चों को पढ़ाने के बजाय आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के लिए काम करने लगा।
वह माहौर, रियासी व अन्य इलाकों में आतंकी नेटवर्क को मजबूत करने में लगा हुआ था। वह सीमा पार बैठे लश्कर कमांडर मोहम्मद कासिम व गुलाम मुस्तफा के साथ इंटरनेट मीडिया पर कुछ खास मोबाइल एप्लिकेशनस के जरिए लगातार संपर्क में रहता था। वह उनके मुताबिक, आतंकी गतिविधियों केा अंजाम देने के साथ साथ राजौरी-पुंछ से आने वाले आतंकियों को माहौर के रास्ते कश्मीर पहुंचाने का भी काम करता था।
वह विभिन्न माध्यमों से आतंकी गतिविधियों के लिए धन प्राप्त करता और इसका एक बड़ा हिस्सा आतंकियों के परिजनों तक पहुंचाने के अलावा और नए आतंकियों की भर्ती के लिए करता था। वह आतंकियों के लिए हथियार व अन्य साजो सामान भी जुटा रहा था। खुफिया एजेंसियों ने उसके खिलाफ कई सबूत जमा किए और उसके आधार पर वह दो वर्ष पहले पकड़ा गया।
जांच में पता चला कि वह आतंकियों की मदद पैसे के लिए नहीं बल्कि आतंकियों के एजेंडे का एक कट्टर समर्थक होने के नाते करता था। वह जम्मू-कश्मीर में शरियत बहाली और जम्मू-कश्मीर को किसी भी सूरत में भारत से अलग करने के जिहादी एजेंडे का समर्थक है और अक्सर स्कूल में छात्रों मे हिंसक जिहादी मानसिकता पैदा करने के लिए लेक्चर देता था और जब देखता कि छात्र प्रभावित है तो वह उन्हें आतंकी गुटों में भर्ती होने के लिए उकसाता था।

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