J&K Flood: झेलम नदी के ओवरफ्लो होने से बडगाम में बाढ़, कड़ी मशक्कत के बाद 200 लोगों को बचाया गया, CM ने जाना हाल
बडगाम जिले में झेलम नदी में उफान के कारण लगभग 200 परिवारों को बचाया गया। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बाढ़ को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों का आश्वासन दिया और पिछली सरकारों पर पर्याप्त कदम न उठाने का आरोप लगाया। उन्होंने 2014 की बाढ़ के बाद सत्ताधारी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि घाटी को सुरक्षित रखने के लिए कुछ नहीं किया गया।

डिजिटल डेस्क। बडगाम जिले में झेलम नदी के उफान पर आने के कारण गुरुवार को लगभग 200 परिवारों को बचाया गया। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लोगों को आश्वासन दिया कि सरकार भविष्य में ऐसी बाढ़ को रोकने के लिए काम रही है।
उन्होंने पिछली सरकारों पर बाढ़ को रोकने के लिए पर्याप्त कदम न उठाने का आरोप लगाया। अब्दुल्ला स्थिति का जायजा लेने के लिए सीधे लासजान के बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंच गए।
उन्होंने 2014 की बाढ़ के बाद जम्मू-कश्मीर की सत्ताधारी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन लोगों ने घाटी को बाढ़ से सुरक्षित रखने के लिए कुछ नहीं किया।
लासजान का दौरा करने के बाद अब्दुल्ला ने पत्रकारों से कहा, "हमें यह पूछना होगा कि 2014 की बाढ़ के बाद कश्मीर में क्या किया गया। यहां शासन करने वालों ने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे बाढ़ दोबारा न आए।" बडगाम ज़िले के शालिना में गुरुवार तड़के झेलम नदी उफान पर आ गई, जिससे कई निचले इलाकों में बाढ़ आ गई।
अब्दुल्ला ने कहा कि 2014 के बाद पिछले 11 साल "बर्बाद" हो गए। दो दिन की बारिश से लोगों को बाढ़ का डर नहीं होना चाहिए। हम यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "शुक्र है कि प्रशासन की समय पर कार्रवाई के कारण कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन संपत्ति का नुकसान हुआ है, जो नहीं होना चाहिए था। अगर पिछले 11 सालों में झेलम और बाढ़ के पानी की निकासी की गई होती, तो हमें इस स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता।"
अब्दुल्ला ने कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर नुकसान का आकलन करने के लिए एक टीम कश्मीर भेजने का अनुरोध करेंगे। उन्होंने कहा, "केंद्र की एक टीम जम्मू संभाग के 10 जिलों में हुए नुकसान का आकलन करने आ रही है। मैं केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर घाटी के जिलों में बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए उसी टीम को कश्मीर भी भेजने का अनुरोध करूंगा।"
इससे पहले, पुलिस ने श्रीनगर जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों से लगभग 200 परिवारों को बचाया था। एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा, "शहर के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति और भारी जलभराव को देखते हुए, श्रीनगर पुलिस ने एसडीआरएफ और रिवर पुलिस के साथ मिलकर प्रभावित नागरिकों की रक्षा के लिए व्यापक निकासी और पुनर्वास योजना शुरू की है।"
उन्होंने कहा कि जिले के संवेदनशील स्थानों पर क्षेत्रीय अधिकारियों की निगरानी में पुलिस, नदी पुलिस और एसडीआरएफ इकाइयों को तैनात किया गया है। इन टीमों ने गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों से लगभग 200 परिवारों और लोगों को सफलतापूर्वक निकाला और ट्रांसफर किया, जिनमें 24 परिवार और हाउसबोट में रहनेवाले लोग थे। जिन्हें पीरज़ो द्वीप और बसंत बाग से बचाया गया था।
पुलिस ने लोगों से भारी बारिश के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचने और जलभराव, गिरे हुए पेड़ों या बिजली संबंधी किसी भी खतरे की सूचना निकटतम पुलिस स्टेशन या पुलिस नियंत्रण कक्ष को देने का आग्रह किया है। घाटी में पिछले दो दिनों से शैक्षणिक संस्थान बंद हैं।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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