जम्मू-कश्मीर राज्यसभा चुनाव: वोटिंग प्रक्रिया पूरी, उम्मीदवारों का भविष्य मतपेटियों में बंद, बस अब नतीजे का इंतजार
जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्वक संपन्न हो गई। सभी 86 विधायकों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मतगणना शाम 5 बजे शुरू होगी। उम्मीदवारों का भविष्य मतपेटियों में बंद हो गया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस को तीन सीटें जीतने की उम्मीद है, लेकिन चौथी सीट पर सबकी निगाहें टिकी हैं। राजनीतिक समीकरणों के चलते मुकाबला दिलचस्प बना हुआ है।

श्रीनगर विधानसभा परिसर में चुनाव शांतिपूर्वक चल रहा है।
डिजिटल डेस्क, जागरण, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग प्रक्रिया पूरी हो गई है। सभी 86 विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में अपना वोट डाला लिया। जबकि आप विधायक मेहराज मलिक को हिरासत में लिए जाने के बावजूद उनका पोस्टल बैलेट मिल गया।
हालांकि वोट डालने का समय शाम 4 बजे तक निर्धारित किया गया है। पांच बजे से ही वोटिंग की गिनती शुरू होगी। राज्यसभा चुनाव में उतरे सभी उम्मीदवारों का भविष्य मतपेटियों में बंद हो गया है। किसी पार्टी का उम्मीदवार जीत हासिल कर राज्यसभा पहुंचेंगा इसका खुलासा मतगणना की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही पता चलेगा।
भाजपा के सभी 28 विधायक वोट डाल चुके हैं जबकि कांग्रेस के 6 विधायकों ने भी अपना मताधिकार का इस्तेमाल कर लिया है। इसके अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के 41, पीडीपी के 3 जबकि सीपीआइएम के एक विधायक ने वोट डाला है। इसके अलावा सात निर्दलीय विधायक अपना वोट डाल चुके हैं। सज्जाद गनी लोन वोट डालने के लिए अभी तक नहीं आए हैं।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने डाला पहला वोट
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सबसे पहले विधायक के रूप में अपना मत डाला। वोटिंग शाम 4 बजे तक चलेगी और मतगणना शाम 5 बजे शुरू होगी। नेशनल कॉन्फ्रेंस आराम से तीन सीटें जीत जाएगी लेकिन सभी की नजरें चौथी सीट के नतीजे पर है, जहां एनसी और भाजपा दोनों के 28-28 वोट हैं। जब तक राजनीतिक पार्टियों या निर्दलीय विधायक क्रॉस वोटिंग नहीं करते, भाजपा के सीट जीतने की उम्मीद लगभग नामुमकिन है।
विधायनसभा में विधायकों का गणित
मौजूदा पॉलिटिकल इक्वेशन के हिसाब से नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवारों को 57 विधायकों का समर्थन है। इनमें नेकां के 41 विधायक, कांग्रेस के छह, निर्दलीय छह विधायक, पीडीपी के तीन विधायक और सीपीआई(एम) का एक विधायक शामिल है। वहीं भाजपा के 28 विधायक हैं। दो विधायक मेहराज मलिक और शेख खुर्शीद ने पत्ते नहीं खोले हैं। आप विधायक मलिक जो अभी पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में हैं, ने सोमवार को कठुआ डिस्ट्रिक्ट जेल के अंदर अपना वोट डाला।
इन सीटों पर नेकां की जीत तय
पहली दो सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार चौधरी मुहम्मद रमजान और सज्जाद किचलू की जीत पक्की है क्योंकि हर एक को भाजपा के 28 के मुकाबले 57 वोट मिलने की उम्मीद है। पहली दो सीटों के उलट, तीसरी और चौथी सीटों के लिए मिलाकर चुनाव हो रहा है, जहां तीन उम्मीदवार नेशनल कॉन्फ्रेंस के गुरविंदर सिंह ओबेरॉय, इमरान डार और भाजपा के सत शर्मा के बीच सीधा मुकाबला है। इस मिले-जुले चुनाव में सबसे ज़्यादा वोट पाने वाले दो उम्मीदवार को विजयी घोषित किया जाएगा।
मतदान को लेकर असमंजस बरकरार
तीसरी और चौथी सीट के लिए, रूलिंग अलायंस के विधायक अपने वोट गुरविंदर सिंह ओबेरॉय और इमरान डार के बीच बांट सकते हैं या फिर सभी भाजपा विधायक सत शर्मा को वोट देंगे। उम्मीद है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस 29 वोट ओबेरॉय को और बाकी 28 इमरान डार को देगी जबकि भाजपा के पास भी बराबर 28 वोट होंगे।
जब तक रूलिंग अलायंस द्वारा तीसरी और चौथी सीट के लिए बनाए गए वोटिंग ब्लॉक में विधायक क्रॉस-वोटिंग नहीं करते तब तक भाजपा के सीट जीतने की उम्मीद लगभग नामुमकिन है। तीसरी और चौथी राज्यसभा सीट के लिए रूलिंग अलायंस के अंदर वोटिंग ब्लॉक की बनावट खासकर, कौन से विधायक किस उम्मीदवार को वोट देंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।

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