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    कुपवाड़ा कोर्ट ने पाकिस्तानी हंजुल्ला को 25 साल की सजा, 2016 में घुसपैठ करते पकड़ा गया था आतंकी

    Updated: Thu, 11 Dec 2025 05:30 AM (IST)

    कुपवाड़ा कोर्ट ने पाकिस्तानी आतंकी हंजुल्ला को 25 साल की सजा सुनाई है। हंजुल्ला को 2016 में घुसपैठ करते हुए पकड़ा गया था। कोर्ट ने इस घुसपैठ के मामले ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। एलओसी से सटे जिला कुपवाड़ा में नौ वर्ष पहले घुसपैठ करते पकड़े गए एक पाकिस्तानी आतंकी को जिला प्रमुख सत्र न्यायालय कुपवाड़ा ने बुधवार को तीन अलग-अलग मामलों में सजा सुनाई है। तीनों सजाएं एक साथ चलेंगी। आतंकी को 25 वर्ष की कैद सुनाई गई।

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    अब तक कैद में उसके द्वारा बिताया समय उसे सुनाई गई कारावास की सजा की अवधि से घटाई जाएगी। हत्या की कोशिश, अवैध हथियार रखने और भारतीय सीमा में अवैध रूप से दाखिल होने का दोषी करार दिया है।

    यह मामला बहावलपुर, पंजाब पाकिस्तान का रहने वाला आतंकी हंजुल्ला यासीन राई उर्फ अबु उकासा का है। उसे 20 जून 2016 को सौगाम (कुपवाड़ा) में सुरक्षाबलों ने पकड़ा था। उसके बाद से वह लगातार न्यायिक हिरासत में हैं।

    उसके खिलाफ जारी मामले की सजा कुपवाड़ा के प्रमुख जिला सत्र न्यायाधीश मनजीत सिंह ने सुनाई। न्यायाधीश ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों, अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए सुबूतों और आरोपित के कबूलनामे संबंधी विभिन्न बिंदुओं का आकलन करने के बाद अपना फैसला सुनाया।

    उन्होंने कहा कि हंजुल्ला को सुरक्षाबलों ने पकड़ा था। वह अवैध रूप से भारतीय सीमा में दाखिल हुआ। उसके पास अवैध हथियार भी थे, जो उसे अपराधियों की श्रेणी में शामिल करते हैं। सभी सुबूतों के आधार पर अदालत ने 10 साल की कैद और ₹10,000 का जुर्माना किया।

    जुर्माना न देने पर तीन महीने की साधारण कैद की सज़ा दी। आर्म्स एक्ट (सेक्शन 7/25) के तहत जुर्म करने पर 10 साल की और कैद और ₹5,000 का जुर्माना लगाया और न देने पर एक महीने की साधारण कैद की सज़ा दी गई। फारेनर्स एक्ट (सेक्शन 14) के तहत, कोर्ट ने पांच साल की कड़ी कैद और ₹5,000 का जुर्माना किसा।

    जुर्माना न जमा करने पर एक महीने की साधारण कैद की सज़ा दी। न्यायाधीश ने कहा कि तीनों अपराध एक ही मामले से संबंधित हैं इसलिए जो सजाएं सुनाई गई हैं, वह एक के बाद एक चलने के बजाय एक साथ चलेगी।

    वह नौ वर्ष से ज्यादा समय पहले न्यायिक हिरासत में रह चुका है, उक्त अवधि को कुल सजा में से घटा दिया जाएगा। उसकी सजा पूरी होने के बाद संबंधित अधिकारी फारेनर्स एक्ट के तहत आवश्यक कार्रवाई करते हुए उसे पाकिस्तान भेजने की व्यवस्था करेंगे।