'बदलाव के लिए सकारात्मक मानसिकता और विकास के लिए साहस चाहिए, युवा अपने भीतर विकसित करें दोनों गुण': LG सिन्हा
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बिहार विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में युवाओं को सकारात्मक मानसिकता और साहस विकसित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आशावाद और साहसी व्यक्तित्व युवाओं को चुनौतियों से निपटने में मदद करते हैं। सिन्हा ने आत्मनिर्भरता और नवाचारों पर जोर दिया जो देश की क्षमता को उजागर कर रहे हैं। उन्होंने शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाली छात्राओं को बधाई दी।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि बदलाव के लिए सकारात्मक मानसिकता व अधिक उपलब्धि और विकास के लिए साहस चाहिए। युवाओं को यह दोनों गुण अपने भीतर विकसित करने चाहिए। उन्होंने यह आह्वान बिहार के मुजफ्फरपुर में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह को संबोधित करते हुए किया।
उन्होंने कहा कि आशावाद और साहसी व्यक्तित्व युवाओं को चुनौतियों से पार पाने में सक्षम बनाता है। दीक्षा समारोह की अध्यक्षता बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने की। उपराज्यपाल ने विश्वविद्यालय के प्रबंधन, संकाय सदस्यों, कर्मचारियों और स्नातक छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि यह जीवन सीखने की एक सतत यात्रा है। इसका मतलब है कि हमेशा कुछ नया खोजने, कुछ नया आविष्कार करने की गुंजाइश रहती है।
उपराज्यपाल ने कहा कि व्यक्ति की सत्यनिष्ठा, ईमानदारी और समग्र चरित्र निर्माण के लिए चुनौतियां आवश्यक हैं। हमारी संस्कृति हमें सिखाती है कि नई खोजें जीवन की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियां हैं। जिज्ञासा व रचनात्मकता को बढ़ावा देती है। कक्षा में जो उत्साह और जिज्ञासा आपमें थी, वही जीवन भर बनी रहनी चाहिए।
उपराज्यपाल ने कहा कि आत्मनिर्भरता और नवाचारों के लिए उठाए जा रहे कदम देश की वास्तविक क्षमता को उजागर कर रहे हैं और भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली छात्राओं को भी बधाई दी और कहा कि हमारी बेटियां बाधाओं को तोड़ रही हैं और सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने कि यह विश्वविद्यालय, बिहार और पूरे देश के लिए गौरव का क्षण है। ये उपलब्धियां हमारी नारी शक्ति की शक्ति को दर्शाती हैं ।
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