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    'राजनीति आधार पर नहीं, जरूरत और...'; नए कॉलेज की स्थापना पर सदन में क्या बोलीं शिक्षा मंत्री सकीना इट्टू

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 07:55 PM (IST)

    समाज कल्याण मंत्री सकीना इट्टू ने कहा कि नए कॉलेज और स्कूलों का दर्जा बढ़ाने की कोई योजना नहीं है, फैसले जरूरत पर होंगे, राजनीति पर नहीं। सरकार 2019 में स्वीकृत 52 कॉलेजों को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है। केंद्र से मिली शिक्षा योजना की धनराशि का उपयोग नहीं हुआ, जिसके लिए सुझाव मांगे गए हैं।

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    नए कॉलेज की स्थापना पर सदन में क्या बोलीं शिक्षा मंत्री सकीना इट्टू। फोटो जागरण

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। समाज कल्याण एवं शिक्षा मंत्री सकीना इट्टू ने शुक्रवार को प्रदेश में नए कॉलेजों की स्थापना, स्कूलों का दर्जा बढ़ाने की किसी भी मौजूदा योजना से इनकार करते हुए कहा कि नए कॉलेजों की स्थापना या फिर स्कूलों का दर्जा जब भी बढ़ेगा, राजनीतिक आधार पर नहीं, बल्कि जरूरत और व्यावहार्यता के आधार पर।

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    उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सरकार का ध्यान 2019 में स्वीकृत 52 कॉलेजों को मजबूत करने और उन्हें पूरी तरह से चालू करने पर है। शिक्षा मंत्री ने सदन को बताया कि बीते छह वर्ष के दौरान केंद्र द्वारा जम्मू कश्मीर को समग्र शिक्षा योजना के तहत धनराशि तो आबंटित की गई, लेकिन इसका उपयोग नहीं किया गया।

    उन्होंने कहा कि यह उपयोग क्यों नहीं किया गया, मैं इस बहस में नहीं जाऊंगी, लेकिन हमने सभी विधायकों व अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों को पत्र लिखकर इसके उपयोग के संदर्भ में उनके सुझाव आमंत्रित किए हैं।

    कॉलेजों में शिक्षकों की कमी से निपटने के लिए 500 से ज्यादा सहायक प्रोफेसर नियुक्त कर,पूदे के दूर दराज के इलाकों में स्थित कालेजों में तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में जो मौजूदा संकट है वह वर्ष 2019 के दौरान लिए गए फैसलों से हैञ नयी नियुक्तियों पर रोक है और अब हमने 50 प्रतिशत पदों को डी फ्रीज करने का निर्णय लिया है।

    आज प्रश्नकाल में विभिन्न विधायकों ने अपने अपने क्षेत्र में नए कॉलेज स्थापित करने, पहले से स्थापित कालेजों में आवश्यक ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध कराने और स्कूलों का दर्जा बढ़ाने की योजनाओं के बारे में पूछा था।

    विधायकों ने आरोप लगाया कि कई कॉलेज आज भी किराए की इमारतों में हैं और कई जगह अध्यापकों की कमी है। कई जगह स्कूलों में सिर्फ एक ही अध्यापक है और जब वह नहीं हो तो स्कूल पर ताला लग जाता निजामुद्दीन भट्ट, राजीव कुमार भगत, मुजफ़्रर इक़बाल खान, बलवंत सिंह मनकोटिया, मोहम्मद अकरम और रामेश्वर सिंह सहित सदस्यों के सवालों के जवाब में मंत्री ने बताया कि मंजाकोट, अरनिया, लोहाई-मल्हार, बांदीपोरा और सुरनकोट में नए डिग्री कालेजों के प्रस्तावों को आकलन के बाद अस्वीकृत किया गया है।

    उन्होंने बताया कि सितंबर 2018 में गठित एक राज्य स्तरीय अधिकार प्राप्त स्थायी समिति को उन क्षेत्रों की पहचान करने और नए कॉलेजों के लिए व्यवहार्यता का आकलन करने का काम सौंपा गया था जहां शिक्षा की सुविधा नहीं है। इसके बाद, विभिन्न जिलों से मांगों का अध्ययन करने और भूमि की उपलब्धता, सड़क कनेक्टिविटी, जनसंख्या, और निकटतम मौजूदा कालेजों से दूरी जैसे मापदंडों के आधार पर व्यवहार्यता रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए क्षेत्र-वार समितियां बनाई गईं।

    उन्होंने बताया कि वर्ष 2008 में जो नए कालेज बनाए गए, उन्हें हमारी सरकार ने समय रहते ही पूरी तरह से क्रियाशील बनाया,लेकिन वर्ष 2019 में जो नए कालेज मंजूर किए गए, वह आधे अधूरे ही हैं। किसी जगह 50 तो किसी जगह 100 छात्र हैं,किसी जगह इमारत नहीं तो किसी जगह शिक्षक नहीं है।

    उन्होंने बताया राजौरी के मंजाकोट में, कालेज निर्माण के लिए तीन गांवों - लोअर सरूला, मंगल नगर और देहरी धारा - में 140 कनाल से अधिक भूमि की पहचान की गई। लकिन प्रस्ताव अभी भी समीक्षाधीन है। मीर अरनिया (बिश्नाह निर्वाचन क्षेत्र) में, वि दो सरकारी डिग्री कालेज आरएस पुरा और बिश्नाह - पहले से ही क्षेत्र की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। जम्मू जिले में 17 डिग्री कालेज हैं।

    बनी के लोहाई-मल्हार में, प्रस्ताव में कुछ मापदंडों की कमी पाई गई। हालांकि क्षेत्र की भाैगोलिक परिस्थितियां(जीडीसी बनी से लगभग 60 किमी) दूरी के मानदंड को पूरा करती थी, लेकिन स्थानीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या केवल 307 थी, जो नए कालेजों के लिए निर्धारित न्यूनतम 500 के बेंचमार्क से कम है।

    ज़मीन की उपलब्धता है, लेकिन राजस्व विभाग ने इसकी पुष्टि नहीं की है। मौजूदा सरकारी डिग्री कॉलेज पहले से ही है, जिसमें 497 लड़कियां और 530 लड़के पढ़ते हैं। ज़िले में पांच और डिग्री कालेज खोले गए हैं। हमारा मकसद नया महिला कालेज खोलने के बजाय "क्वालिटी एजुकेशन देने और एकेडमिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करने" पर रहेगा।

    इसी तरह सुरनकोट (पुंछ) के पोथा गांव में एक प्रस्तावित महिला कालेज के लिए 66 कनाल ज़मीन की पहचान की गई है। मई 2024 में बनी एक कमेटी साइट की फिजिबिलिटी की जांच कर रही है, लेकिन अभी तक कोई औपचरिक मंज़ूरी नहीं दी गई है।

    उन्होंने स्कूल शिक्षा से संबधित विधायक मीर सैफुल्ला और फारूक अहमद शाह के सवालों का जवाब देते हुए साफ किया कि अभी जम्मू कश्मीर के मौजूदा स्कूलों, जिनमें त्रेहगाम निर्वाचन क्षेत्र के स्कूल भी शामिल हैं को अपग्रेड करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

    विभाग अभी मौजूदा स्कूलों को मज़बूत करने पर ध्यान दे रहा है। इसके लिए ज़रूरी बुनियादी ढांचातगत सुविधाओं को तैयार करनेके साथ ही अपग्रेड किए गए संस्थानों में पर्याप्त स्टाफ सुनिश्चित कर रहा है।