जम्मू-कश्मीर में फ्रोजन मीट विक्रेताओं को कड़ी चेतावनी, कहा- स्वास्थ से खिलवाड़ पड़ेगा महेंगा, सख्त नियम लागू
जम्मू-कश्मीर में सड़े गले मांस की बरामदगी के बाद प्रशासन ने बिना लेबल वाले फ्रोजन मांस और चिकन की बिक्री पर रोक लगा दी है। उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना और कैद की सजा हो सकती है। खाद्य एवं औषधि विभाग ने जन स्वास्थ्य को देखते हुए यह फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने भी इस मामले की जांच के लिए टास्क फोर्स गठित करने का आदेश दिया है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। जम्मू से लेकर कश्मीर घाटी तक विभिन्न जगहों पर बिक रहे सड़े गले और घटिया फ्रोजन मांस व चिकन की बरामदगी के प्रशासन ने पूरे प्रदेश में बिना लेबल वाला पैकेड फ्रोज मांस व चिकन व अन्य खाद्य उत्पादों की बिक्री पर पाबंदी लगा दी है। उल्लंघन करने वालों को एक लाख से 10 लाख रूपये तक जुर्माना और छह वर्ष तक की कैद हो सकती है।
आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर के विभिन्न भागों में 11 हजार किलो से ज्यादा सड़ा गला मांस बरामद किया गया है। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है। बरामद मांस के 30 नमूने जांच परीक्षण के लिए भेजेे गए हैं। बरामद मांस के हलाल होने या हलाल न होने को लेकर भी बहस चल रही है।
बरामद मांस व चिकन में से अधिकांश कश्मीर घाटी में ही बरामद किया गया है औरइसमें से ज्यादातर के बारे में कहा जा रहा है कि वह प्रदेश के बाहर से आयात किया गया है। सड़े गले मांस की बरामदगी को लेकर खाद्य सुरक्षा के प्रति सरकार की गंभीरता पर जहां सवाल उठ रहे हैं वहां कई मजहबी नेताओं ने भी इस मामले की जांच पर जोर देते हुए वादी में बिकने वाले आयातित पैकेज्ड मांस व चिकन के हलाल न होने की आशंका भी जताई है।
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बिना लेबल वाले खाद्य पदार्थों पर प्रतिबंध
मामले को लगातार तूल पकड़ते देख खाद्य एवं औषधी विभाग ने जम्मू-कश्मीर में बिना लेबल वाले खाद्य उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।विभाग नेजन स्वास्थ्य की सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के हित में, उन्होंने निर्माताओं, प्रसंस्करणकर्ताओं, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, कोल्ड स्टोरेज संचालकों, ट्रांसपोर्टरों और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म सहित खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफबीओ) को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 और खाद्य सुरक्षा एवं मानक (पैकेजिंग एवं लेबलिंग) विनियम, 2020 के प्रावधानों का पालन करने का निर्देश दिया है।
यह जुर्माना किया गया तय
नियमों का अनुपालन न करने पर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना और घटिया उत्पादों के लिए पांच लाख रुपये तक का जुर्माना, गलत ब्रांड वाले उत्पादों या लेबल पर घोषणाओं के अभाव और बिना पंजीकरण के मामले में एक लाख से 10 लाख रूपये तक जुर्माना लग सकता है। असुरक्षित खाद्य पदार्थों से जुड़े अपराधों में छह साल तक की कैद और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
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लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए लिया फैसला
खाद्य एवं औषधि आयुक्त, स्मिता सेठी ने कहा कि जन स्वास्थ्य की सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के हित में ही यह फैसला लिया गया है। उचित और पूर्ण लेबल घोषणा के बिना पैकेज्ड खाद्य उत्पादों की बिक्री सख्त वर्जित है। उन्होंने बताया कि पैकेज्ड फ्रोजन मांस और चिकन पर विवरण स्पष्ट और सुपाठ्य रूप से प्रदर्शित करना अनिवार्य है। इसमें खाद्य उत्पाद का नाम, सामग्री की सूची, निर्धारित चिह्न के साथ मांसाहारी होने की घोषणा, निर्माण/पैकिंग और समाप्ति तिथि, भंडारण की शर्तें, निर्माता, पैकर या आयातक का नाम और पूरा पता, और एफएसएसएआई लाइसेंस नंबर और लोगो शामिल हैं।
कैसे हुई मामले की शुरूआत
श्रीनगर के बाहरी इलाके में स्थित एक एक कोल्ड स्टोरेज से 1,200 किलोग्राम मांस की 31जुलाई 2025 को बरामदगी के बाद सभी का ध्यान इस ओर गया । इसके बाद विभाग ने जब जांच शुरु की तो फिर अन्य जगहों पर भी सड़ा गला मांस, फ्रोजन चिकन, गोश्त और मछली व इनसे बने घटिया उत्पाद बरामद होने लगे। जिससे लाेगों में डर और दहशत फैल गई। खाद्य एवं औषधि विभाग के अनुसार, सड़ा हुआ मांस होटलों और रेस्टोरेंट को सप्लाई किया जा रहा था।
होटल व रेस्तरां का व्यावसाय हो रहा प्रभावित
जम्मू और कश्मीर होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबर चौधरी ने कहा कि ज़ब्ती के बाद उनके यहां आने वाले 80 प्रतिशत से ज़्यादा लोग कम हो गए हैं। एसोसिएशन को बिक्री में कमी के कारण बेरोज़गारी का डर है, क्योंकि इस क्षेत्र से 3.5 लाख से ज़्यादा लोग रोज़ी-रोटी कमा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर यही स्थिति रही तो कई होटल-रेस्तरां बंद हो सकते हैं जिससे कईयों का रोजगार बंदहो सकता है।
मजहबी नेताओं ने भी जताई चिंता
कश्मीर के प्रमुख मजहबी नेता मीरवाइज मौलवी उमर फारूक और जम्मू कश्मीर के मुफ्ती ए आजम मुफ्ती नासिर उल इस्लाम व अन्य इस्लामिक धर्मगुरूओं ने भी वादी में बरामद सड़े गले मांस और चिकन व संबधित उत्पादों की बरामदगी पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में पाया गया कि बरामद मांस व संबधित उत्पाद बाहर से अायात किए गएहैं और कई लोग इनके हलाल न होने की बात करते हैं। इसलिए यह गंभीर मामला है,इसकी जांच होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने भी दिया टास्क फोर्स के गठन का आदेश
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस मामले का कड़ा संज्ञान लिया है। उन्होंने खाद्य सुरक्षा, खाद्य आपूर्ति और पशुपालन विभाग व अन्य संबधित विभागों को इस संदर्भ में ठोस कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने प्रदेश में बिक रहे मांस, चिकन व संबधित उत्पादों की जांच के लिए टास्कफोर्स गठित करने और जांच दल बनाने का आदेश् दिया है। उनहोंने बाहर से प्रदेश में आयात किए जाने वाले मांस, चिकन व सबधित उत्पादों की गहन जांच को सुनिश्चित बनाने के लिए कहा है।
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